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VISHWA JAIN SANGATHAN
छत्तीसगढ़ राज्य के दुर्ग जिले में नगपुरा गाँव की बस्ती के बीच पीपल के पेड़ के नीचे 12 वीं सदी की अतिशयकारी भगवान पार्श्वनाथ की प्राचीन प्रतिमा के ऊपर नाग छत्र के रूप में होने के कारण मंदिर का नाम नागदेव मंदिर और गाँव का नाम नगपुरा पड़ा! पुरातत्व की लापरवाही के कारण प्रतिमा का ठीक प्रकार से संरक्षण न होने के कारण धीरे - धीरे खंडित हो रही है! सकल जैन समाज विशेषरूप से दुर्ग जिले के जैन समाज से विनती है कि कृपया नगपुरा गाँव जाकर भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा के दर्शन कर संरक्षण हेतु कार्यवाही करने की कृपा करें......विश्व जैन संगठन
नगपुरा क्षेत्र में कभी जैन धर्म का प्रभाव रहा था! गाँव निवासियों की मान्यता है कि प्रतिमा पर विवाह से पूर्व हल्दी चढाने पर विवाह सफल होता है! गाँव वालों ने भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा के साथ काल्पनिक मान्यता भी बनायी हुई है! अधिक जानकारी हेतु पत्रिका समाचार पत्र द्वारा प्रकाशित निम्न रिपोर्ट पढ़ें:-
http://www.patrika.com/news/durg/bhilai-heritage-12th-century-in-the-ancient-temple-1501534/?src=plfb
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आज दिनांक 3 फरवरी को त्रिलोकसंत परम पूज्य आचार्य श्री 108 ज्ञानसागर जी मुनिराज ससंघ नसिया जी, भरतपुर (राज.) में विराजमान है। आज शाम 5 बजे आचार्य श्री ससंघ का भव्य मंगल प्रवेश जैन मंदिर, भरतपुर में होगा। आचार्य श्री ससंघ के दर्शन कर व मंगल प्रवचन सुनकर धर्म लाभ लें!