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आत्मज्ञानी सदगुरुदेव युग प्रधान आचार्य सम्राट पूज्य श्री शिव मुनि जी महाराज के 46 पर दीक्षा दिवस पर अंतकरण से वंदन नमन। गुरुदेव ने 46 वर्ष पूर्व 30 वर्ष की अवस्था में अपनी सांसारिक 3 बहनों के साथ संयम अंगीकार कर चतुर्विध श्री संघ में एक मिसाल कायम की। भगवान महावीर की आत्म ध्यान साधना की खोज आपके संयम का प्रमुख कारण रही और उसी लक्ष्य को लेकर आप ने संयम ग्रहण किया। 17 मई सन 1972 मलोट मंडी पंजाब में आप आगम पुरुष आचार्य सम्राट पूज्य श्री आत्माराम जी महाराज की पौत्र शिष्य एवं महाश्रमण पूज्य गुरुदेव श्री ज्ञानमुनि जी महाराज के सुशिष्य कहलाए आपके संयम दिवस पर उज्जवल संयम की मंगल भावना करता हुआ यह प्रार्थना करता हूं कि आपका जैसा संयम हमारे जीवन में आए।
आपके साथ तप सिद्धेश्वरी महासाध्वी सुमित्रा जी तप कौमुदी महासाध्वी निर्मल जी तपस्विनी महासाध्वी संतोष जी महाराज को भी संयम दिवस की बधाई।
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