Update
पहली बार ऐसा कुछ लिखा हैं जिसको #share करने को नहीं कहूँगा!!:(ये क्या हो गया हैं.. Society के Role-Model #महाराज_लोगो को और उनके कट्टर follower ने तो कमाल करदिया हैं!!!! #Keep_fighting_Guys
लगता हैं चन्द्रगुप्त मोर्य द्वारा देखे गए सपने ही अपना फल दिखा रहे हैं... अब तो महाराज लोग एक दुसरे को मंच से गलत शब्द कहने लग गए हैं.. point-out करने लग गए हैं.. और इसलिए उनके कट्टर भक्त श्रावक भी महाराज लोग को whatsapp groups/facebook group/pages में कुछ भी लिखने से डरते नहीं और बड़ा अच्छा मानते हैं वैसा लिखना और कहना!! मतभेद रहना कोई बड़ी बात नहीं हैं.. Ideology अलग हो सकती हैं.. लेकिन अगर कषाय हो रही हैं... आप अपने को सम्यक द्रष्टि कहिये अच्छा हैं, परन्तु दुसरे को मिथ्या कहने की जो होड़ लगी हैं तो समझना होगा मामला बिगड़ रहा हैं, आपकी अपनी inner peace भी ख़तम हो रही हैं और आप दुसरे को भी कषाय करवा रहे हैं, अलग अलग विचारधारा के कारण दो पक्ष बन जाते हैं.. दोनों अपनी बात कहते हैं.. उन दोनों साइड के श्रावक तालिया बजा अपनी और अपने साधू के कषाय को बढ़ावा देते हैं, श्रावक लोग आजकल महाराज लोगो तक गलत और अधूरी जानकारी देते हैं, ध्यान रखना अगर आपके कारण किसी मुनिराज को कषाय होती हैं या उनके भाव बिगड़ते हैं या समाज के पंथवाद बढ़ता हैं आपको डेंजर कर्म बंध होने वाला हैं.. आपको तो अगर कोई गलत बात पता भी चलती हैं तो उनको Publically नहीं करना चाहिए और गुण देखने चाहिए परन्तु अब तो 'मेरे महाराज' और 'तुम्हारे महाराज' वाला ड्रामा होता हैं, महाराज लोग 4-5km की दुरी से चातुर्मास करते हैं और 5 महीने में दोनों तरफ से कोई एक दुसरे से संपर्क नहीं करते हैं और नाही दर्शन करने आते हैं.. क्यों? कुछ लोग बोलते हैं कुछ महाराज लोग के पास परिग्रह हैं इसलिए उनका वंदन नहीं किया जाता लेकिन ये अधुरा सत्य हैं.. आज बहुत महाराज लोग परिग्रह नहीं रखते तब भी एक महाराज दुसरे के पास दर्शन करने नहीं जाते समझ नहीं आता... मान आगे आरहा हैं या उनका पंथ विशेष के प्रति झुकाव? निश्चित हैं पंथ मुख्य और महावीर पथ गौण हो रहा हैं.. हमारे पास बहुत बार ऐसे ऐसे विडियो आते हैं जिनको अगर पेज में upload करदे तो हमें भी नहीं पता क्या danger fight हो सकती हैं!!
अगर मैं 1 महारज को अपना गुरु मानता हूँ तोह दुसरे महराज की कही कितनी भी अच्छी बात हो accept नहीं कर सकता!! बस यही पंथवाद.. मान /ego की problem आरही हैं! उल्टा उनमे कमिय देखूंगा.. अगर आप कमिय निकाले जाओगे तो फिर भगवान् महावीर में भी कमिय निकल जाएगी!!:) कुछ लोग बोलते हैं की दुसरे पक्ष वाले जब बहुत ज्यादा बोलते हैं तब हम चुप नहीं रह पाते तो फिर उनमे और आप में क्या फर्क रह गया? आप भी कषाय करने लग गए ना.. अभी हाल ही में 3 बार ऐसा हो चूका हैं जब अलग अलग महाराज लोगो ने point out किया मंच पर.. और उनको श्रावको ने तालिया बजाई हैं.. बाद में ऐसी बातो को whatsapp & facebook में फोटो विडियो डाल डाल कर बहुत अच्छा लगता हैं;.. भैया कषाय का मजा आरहा हैं अभी!! मतलब धर्मं का मजा जो कषाय रहित होने में आता हैं उसका अभी तक एक बार भी स्वाद नहीं लिया आपने!!
कुछ कट्टर श्रावक इस आग में घी डाल रहे हैं और enjoy कर रहे हैं.. कुछ लोग जो महाराज लोग के पास रहते हैं वे भी कट्टरता फैल्रा रहे हैं, वे अपनी विचारधारा दुसरे पर थोपना चाहते हैं, इस पेज में Statistic ke according 94% Youth hain between 19-31 age.. मैं उसी youth से expect करता हूँ please आप ही सोचे और समझे!! क्या आपको पंथ के नाम पर लड़ता में मजा आता हैं तो ठेक हैं लड़ो भाई.. कुछ नहीं हो सकेगा.. धर्मं बहुत broad हैं.. जो भी पंथवाद का कट्टरता में पड़ा हैं उसका सपोर्ट नहीं करे श्रावक हो या साधू!!! जिनवाणी पहले हैं फिर साधू हैं.. साधू को जिनवानी के according चलना होता हैं!! इन रोज रोज के ड्रामे से लगता हैं अब तो हम admin को की हम टाइम waste करते हैं अपना क्योकि लोग को आजकल हम लोगो को पूजन-अभिषेक विधि में लड़ने में मजा आता हैं और दुसरो को गलत कहने में निचा दिखाने में enjoy कर रह हैं!! इसे सिर्फ उस महाराज की छवि की बात नहीं बल्कि जैन धर्मं और दिगम्बर धर्मं की छवि खराब होने लगी हैं!! लोग कटने लगे हैं.. youth fedup हो रहा हैं इन dramo से.. और एक बार हैं जो बड़े बड़े पदों पर बैठे लोग हैं उनको कहो तो वे कहते हैं हम मौन हैं इस विषय पर नहीं बोलते?? अरे जितना नुकसान हमें सज्जन लोगो के चुप रहने से हुआ उतना किसी से नहीं!! सोचो भैया सोचो.. हम भी 1-2 बार बोलकर चुप हो जायेंगे.. फिर क्या होगा?? इस पेज में 74000 member हैं.. एक और पेज में 94000 member हैं.. और एक में 25000 & 30,000 हैं total approx. 2Lac मेम्बेर्स वाले पेज के admin जिनका content approx. 5Lac audience तक हैं वे ऐसा बोल और लिख रहे हैं तो आपको थोडा सोचना चाहिए!!! we are reflection of society!! Blame-game ले डूबेगा हमें..
Please कमेंट बॉक्स में किसी भी महाराज का नाम लेकर उनपर कमेंट ना करे.. ताली एक हाथ से नहीं बजती!! ये हालत तो दिगम्बरो का हो रहा हैं और बाते हम बड़ी बड़ी करते हैं दुनियाभर की.. अनेकान्तवाद की कोई क्यों बात नहीं करता? वत्सल्ल्य कहा गया? हमें पता हैं हो सकता हैं कुछ मेम्बर हम admin को भी criticize करेंगे लेकिन हमने वही कहा जो दिख रहा हैं और चल रहा हैं आज कल... हम admin का विश्वास अब उठ रहा हैं साधू-लोगो से.. और लोगो का भी इससे तो अच्छा हैं खाओ पियो एश करो.. बस भगवान् महावीर को मानो वही ठीक हैं और लड़ने दो इन्हें:(
ये Article @ Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt पेज के 3 Admin mutual understanding द्वारा लिखा गया हैं..
News in Hindi
आलोक शर्मा द्वारा लिखित आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज श्री के चरणों में भक्तिसुमन
दिगंबर सन्यासी - #AcharyaVidyasagar
1-तुम अदभुत,
दिगंबर सन्यासी,
जैसे अंदर,
वैसे बाहर,
हम ढंके हैं,
कपडों से,
बाहर योद्धा,
अंदर कायर।
2-तप तुम्हारा,
अदभुत है,
हम नहीं,
कर पाएंगे,
औरों की खातिर,
भ्रमण पथ पर,
कभी नहीं,
हम जाएंगे।
3-तुम तपसी,
तप सकते हो,
तपो अकेले,
चलो अकेले,
मोक्षः मिले तो,
हमें भी देना,
हमारे लिए,
दुनिया के मेले।
4-एक पिच्छी,
एक कमंडल,
संपत्ति तुम्हारी,
इतनी है,
भर सकता,
आकाश भी,
चाहत हमारी,
जितनी है।
5-तुम मुक्त,
हर बंधन से,
प्रतिदिन के,
क्रंदन से,
नमन तुम्हे,
जब करता हूँ
पुण्यों की झोली,
भरता हूँ।
6-समस्त आकाश,
वस्त्र तुम्हारा,
और बिछौना,
धरती है,
हर कदम,
साथ तुम्हारे,
खुद प्रकृति,
नर्तन करती है।
7-तुम सहज,
सागर हो जैसे,
मार्गदर्शक,
जीवन के ऐसे,
बस मुस्कुराओ,
झोली भरदो,
एक आर्शीवाद से,
अमर करदो।
आलोक शर्मा।
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