Jeevan Vigyan Academy
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विदेषियों ने सीखा प्रेक्षाध्यान: मुनिश्री किषनलाल
हांसी, 20 अक्टूबर २०१७
रूस का एक दल हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 19 अक्टूबर को ध्यान योग का गहन प्रषिक्षण प्राप्त करने हांसी पहुंचा। दिवाली के दिन रूस के दल ने तेरापंथ भवन हांसी में आचार्यश्री महाश्रमणजी के आज्ञानुवर्ती प्रेक्षाप्राध्यापक ‘षासनश्री’ मुनिश्री किषनलालजी के सान्निध्य में दर्षन कर प्रेक्षाध्यान, योग, जीवन विज्ञान, अनुप्रेक्षा के प्रयोग किए व गहन जानकारी प्राप्त की। दल में ओलगा, इरिना, ऐलना, ल्यूडमिला ओकासाना, निकोलई प्रषिक्षु थे। नवीन कुमार ने ट्रांसलेट की भूमिका अदा की सुबह 10 बजे से सायं 4 बजे तक प्रषिक्षण प्राप्त कर लाभ प्राप्त किया और ध्यान योग में गहन रूचि दिखाई। मुनि निकुंज कुमार ने भी अनुप्रेक्षाएं करवाई।
सभा अध्यक्ष श्री दर्षन कुमार जैन ने विदेषी दल का स्वागत किया। विदेषियों ने आतिथ्य स्वीकार कर भोजन ग्रहण किया। व्यवस्थाओं में श्री सुभाष जैन व अनुराग जैन, मोहित जैन का सहयोग रहा। साहित्य द्वारा उनका सम्मान किया गया।
जीवन विज्ञान की रषियन भाषा में अनुवादित पुस्तक जीवन विज्ञान भाग 1,2,3 का सेट भेंट करते हुए मुनिश्री ने कहा इस पुस्तक का रूस में बच्चों व बड़ों के लिए शांति, अहिंसा के साथ बच्चों के संर्वागीण विकास के लिए उपयोग सिद्ध होगी। रसियन लोगों में प्रेक्षाध्यान के प्रति बहुत रूचि है। ध्यान का वहां के विष्वविद्यालय में शोध कार्य चल रहा है। इन पुस्तकों के प्रकाषन में जैन विष्व भारती लाडनूं के पूर्व मंत्री अरविन्द गोठी ने काफी श्रम किया है।
तेरापंथ भवन में दीपावली पर सामूहिक जाप किया
प्रकाष पर्व दीपावली के शुभ अवसर पर व भगवान महावीर के निर्वाण दिवस पर जैन तेरापंथ समाज के श्रावक-श्राविकाओं ने सुबह 6.15 बजे आचार्यश्री महाश्रमण के आज्ञानुवती प्रेक्षाप्राध्यापक ‘षासनश्री’ मुनिश्री किषनलालजी के दर्षन कर पाथेय प्राप्त किया व 19 तारीख को दीपावली के दिन सर्वमंगलकारी व सर्व कार्य सिद्धीकारक मंत्र ‘‘ऊँ ह्रीं सकल कार्य सिद्धि कराय वर्धमानाय नमः’’ का विधिवन लयबद्ध ध्वनि के साथ जप किया। मुनिश्री ने वृहद् मंगल पाठ सुनाकर सभी को अपना आषीर्वाद प्रदान किया व सभी उपस्थित श्रोताओं को आह्वान किया कि संयम के रास्ते को कभी न छोड़ें विषेष अवसरों पर संकल्प के साथ जप, तप, ध्यान करना चाहिए। जो व्यक्ति नियमित संयम का रास्ता अपनाता है वह सर्वथा राग-द्वेष से दूर रहता है। 20 तारीख को सुबह भक्तामर व मंत्र का जाप किया गया व मुनि निकुंज कुमार ने संबोधित किया।
समाज के सभी सदस्यों ने आपास में मैत्री व सद्भावना के साथ एक दूसरे को दीपावली की शुभ कामनाएं दी। इस अवसर पर सभाअध्यक्ष श्री दर्षन जैन, प्रेक्षा प्रषिक्षक लाजपतराय जैन, मदनलाल पालीवाल, अषोक जैन, महिला मण्डल अध्यक्षा श्रीमती सरोज जैन, मंत्री रमा जैन आदि विषिष्टजन उपस्थित थे।
- अषोक सियोल
English by Google Translate:
Exiled observers learned: Munishri Kishan Lal
October 20, 2017
As a team of Russians every year, this year also got rid of the intense training of meditation yoga on October 19. On the day of Diwali, the Russian team, in the thirapanth Bhawan Hansi, in the proximity of Munshri Kishanlalji, the prognostic observer of 'Acharyashree Mahasramanji', 'Prashanashree', and 'Professor, Yoga, Life Sciences, Prerakkha, used the profound information and deep insights. The group included Olga, Irina, Aina, Lyudmila Okasana, Nicolai Prachu. Navin Kumar received the benefit of getting the training from 10 am to 4 pm on the role of the translation, and showed a deep interest in meditation yoga. Muni Nikunja Kumar also undertook anonymity
The Speaker of the House, Mr. Darshan Kumar Jain welcomed the Vishwanchi Dal. The villagers accepted hospitality and took food. In the arrangements, Mr. Subhash Jain and Anurag Jain, Mohit Jain collaborated. He was respected by the literature.
Offering a set of life science part language science in the Russian language, Munishree said that this book will prove to be useful in children's development in children in Russia with peace, non-violence, for children's development. The interest of audiences in the Russian people is very much interested. Meditation is undergoing research work in the university. In the light of these books, former minister of Jain Vishwa Bharti Ladonan Arvind Gothi has done a lot of labor.
Collectively chanting on Deepawali in Terrapanth Bhavan
On the auspicious occasion of Prakash Parva Deepawali and on the Nirvana Day of Lord Mahavir, the Shravak-Shravakis of Jain Terapanth Samaj received the divine grace by observing Munshri Kishanlalji, the wise observer of Acharyashree Mahasaman, at 6.15 am and on 19th day, on the day of Diwali, All the work accomplished Mantra "O Yu Hrin Gross Kriya Siddhi to do Vardhamanay Namah" The chanting is free. Munishri recited the great Mangal texts and gave all the blessings to all the people and called upon all the audience to stop chanting the path of restraint, chanting, meditation, meditation with a resolution on special occasions. The person who follows the path of regular meditation is completely away from anger and malice. On the 20th day, Bhakkamar and Mantra were chanted and Muni Nikunj Kumar addressed.
All the members of the society gave auspicious wishes to each other for Deepawali with friendship and goodwill in Apas. Speaking on the occasion, the Chairman of the Committee Mr. Darshan Jain, Pracharak Laxman Jain, Madanlal Paliwal, Mr. Ashok Jain, Chairperson of Women Chairperson Mrs. Saroj Jain and Minister Rama Jain were present on this occasion.
- Ashok Sion