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आयम्बिल तप की आराधना
हांसी, 27 अक्टूबर 2017
प्रेक्षाप्राध्यापक मुनिश्री किषनलालजी के सान्निध्य में तेरापंथ महिला मण्डल आयम्बल तप की आराधना की। आयम्बल तप में एक धान से एक बार ही भोजन किया जाता है। यह स्वादवृत्ति का प्रयोग है। इससे सहज भोजन का संयम हो जाता है। तेरापंथ महिला मण्डल अध्यक्षा श्रीमती सरोज जैन की प्रेरणा से 27 महिला पुरुषों ने तप की आराधना की। सभी भाई बहिन एक साथ एक बार मंे यह तप करते हैं।
मुनिश्री तप की महता बताते हुए कहा आयम्बिल तप से सहज पेट की समस्या हल हो जाती है। जैन समाज में आयम्बिल तप की आराधना हर गांव में होती है। अनेक व्यक्ति आयम्बिल के माह तीन माह की तपस्या करते हैं। आयम्बिल से अषुभ कर्मों का क्षय होता है।
- अषोक सियोल
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Worship of umbilicus
October 27, 2017
Appreciate the worship of Teerapanth Mahila Mandal Iambal Tapa in the proximity of Munishri Kishan Lalaji. Eighth day meal is consumed by one paddy only. This is the use of flavor. This makes the restraint of comfortable food. 27 women men worshiped ascetics by the inspiration of Tarapanth Mahila Mandal President Mrs Saroj Jain. All siblings together do this practice once in a while.
Describing the importance of Munishri recitation, the problem of intestinal stomach is resolved by Imbil tenacity. In Jain society, Imbil worship is worshiped in every village. Many people do penance for three months of the month of Imbil. Irregular deeds are eroded by Iambil.
- Ashok Sion