Jeevan Vigyan Academy
News in Hindi
जिस घर के बच्चे संस्कारी, वह घर नारी का आभारी: मुनि किषनलाल
हांसी, 29 अक्टूबर २०१७
ज्ञानषाला के रजत वर्ष में बच्चों का विषेष अधिवेषन 29 अक्टूबर 2017 को तेरापंथ भवन में प्रारम्भ हुआ जिसमें 31 बच्चों ने भाग लेकर सामूहिक व व्यक्तिगत प्रस्तुति दी। इस अवसर पर आचार्यश्री महाश्रमण के आज्ञानुवर्ती प्रेक्षा प्राध्यापक ‘षासनश्री’ मुनिश्री किषनलाल ने कहा कि बच्चों को संस्कारी बनाना न केवल ज्ञान का विकास करना है बल्कि समाज को श्रेष्ठ बनाने का भी यह उपक्रम है।
आचार्यश्री तुलसी द्वारा प्रदत यह अवदान 25 वर्ष पूर्व जो प्रारम्भ किया था निरन्तर प्रवाहमान है जिस घर के बच्चे संस्कारी होते हैं वे घर स्वर्ग बन जाता है।
मुनिश्री निकुंजकुमार ने महिलाओं से अनुरोध किया कि बच्चों का यह उपक्रम निरन्तर चालू रहने की अपेक्षा है। बच्चों से ज्ञान के कई प्रष्न पूछे गये। तत्कालीन प्रष्न भी पूछे गए बच्चों ने अच्छी प्रस्तुति दी।
बच्चों को प्रषिक्षित करने में श्रीमती षिल्पा, श्रीमती सुमन व मास्टर सत्यवीर जैन का योगदान रहा। प्रषिक्षण देने वाले महानुभावों का समाज की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
इस अवसर पर श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के कोषाध्यक्ष अषोक जैन, पूर्व प्रधान डालचन्द, धनराज, प्रेक्षा प्रषिक्षक लाजपतराय जैन, डाॅ. सुषीला, महिला मण्डल अध्यक्षा श्रीमती सरोज, मंत्री रमा जैन, मोना जैन, सिद्धि जैन, विमला जैन आदि विषेष रूप से उपस्थि रहे।
इस दौरान दीपावली पर्व के दौरान जिन ज्ञानषाला के बच्चों ने पटाखे नहीं फोड़े उन्हें महिला मण्डल की सदस्याओं ने पुरस्कृत किया। कार्यक्रम का संयोजन रविन्द्र जैन ने किया।
- अषोक सियोल
संलग्न फोटो: पटाखे नहीं जलाने वाले पुरस्कृत बच्चों के साथ महिला मण्डल की सदस्याएं।
English by Google Translate:
The house where children are cultured, grateful to the women: Muni Kishan Lal
October 29, 2017
In the silver year of DnyanShala, the special assembly of children started on 29th October, 2017 in the Terrapanth Bhawan, in which 31 children participated in mass and personal presentation. On this occasion, the intensive audience of Acharyashree Mahasaman, Professor 'Shishan Shree' Munishri Kishan Lal said that making the children cultured is not only to develop knowledge, but also to make the society superior.
This auspicious donation given by Acharyashree Tulsi, which started 25 years ago, is constantly flowing, the house of which children are culturally, the house becomes a paradise.
Munichi Nikunj Kumar requested the women that this venture of children is expected to continue. Many questions were asked from children. The children who were asked by the then Prashna also gave a good presentation.
Mrs Shilpa, Mrs. Suman and Master Satyavir Jain contributed to the training of children. Thanksgiving students were thanked by the society for giving good training.
On this occasion, treasurer of Ashok Jain, former Principal Dalchand, Dhanraj, Exhibitor Lajpat Rai Jain, Dr. Jain Shwetambar Tervanti Sabha treasurer; Sushila, women's wing chairperson Mrs Saroj, Minister Rama Jain, Mona Jain, Siddhi Jain, Vimala Jain etc. were particularly present.
During the Deepawali festival, the members of the women's board were rewarded by the knowledge books of the students who did not burn firecrackers. The program was compiled by Ravindra Jain.
- Ashok Sion
Enclosed Photo: Members of the Women's Circle with rewarding children who do not burn firecrackers.