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यह संसार विविधताओं से भरा है और यह ऐसी मान्यता है कि ये सब कुछ ईश्वर का बनाया है वही इसे चलाता है तथा ईश्वर ही संसार के नष्ट होने में सहयोगी है। हालांकि यह समझना भी बड़ा कठिन है कि अगर इस प्रकार का सर्वशक्तिमान ईश्वर है तो क्या उसमें कोई दया नही जो कि अपने ही अनुयायियों को कष्टों में डाल देता है । आज *मुनिश्री क्षमासागर जी* हम सभी को यही बता रहे हैं कि यह सारी व्यवस्था स्वसंचालित है और आपके द्वारा किये गये कर्मों पर ही मात्र निर्भर है ।।- मुनि क्षमासागर जी #MuniKshamasagar #AcharyaVidyasagar
This world is full of diversity and it is general belief that an omnipotent God creates, maintains and destroys this world based on his volition... However, it seems difficult that such an omnipotent God has no mercy and let's his followers go through all the suffering!! *Munishri Kshamasagarji* helps us understand that this world is indeed self regulated by the virtue of our own Karma!!!
News in Hindi
नेपाल जैन समाज का सराहनीय कदम | काश सभी जैन समाज ऐसा कदम उठाये ओर सब जैनों को एक साथ ले आये | सभी अपना अपना पंथवाद छोड़ कर इस और सोचे तो काफी जैन मंदिर बच सकते है | #Jainism_In_Nepal #Nepal_Jain_Temple #SharePlease
आएये आज आपको ले चलते है नेपाल की राजधानी काठमांडू में स्थित जैन मंदिर में जो की दुनिया का ऐसा मंदिर है जहां नीचे की वेदी में दिगम्बर वेदी ऊपर श्वेतांवर वेदी हे | आपको जानकर हेरानी होगी पर यहाँ निपाल काठमांडु में 1 ही जैन मंदिर है | जबकि 35 दिगम्बर जैन परिवार हे ओर श्वेतांवार 375 परिवार हे | फिर भी वो लोग साथ में एक ही मंदिर में पूजा अर्चना करते है | जो की सराहनीय है | निपाल में एक ऐसी मूर्ति है जो 1700 साल पुरानी पार्श्र्व नाथ भगवान् की मूर्ति है | मूलनायक आदिनाथ भगवान हे जो करीव 33 इंच की मूर्ति है विधि नायक भगवान श्री आदिनाथ जी हे जो 9 इंची के हे 15 इंची चोवीसी हे अतिशयकारी श्री पारसनाथ भगवान हे जो करीव 15 इंची हे कुल मिलाकर 4 मूर्ति है वेदी में |
हमको ये जानकारी ब्रह्मचारी सुनील भैयाजी द्वारा मिली है जो अभी वहा पर विधान करवा रहे है | धन्यवाद उनका
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