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कुम्भलगढ़ (राजस्थान) में विश्व प्रसिद्ध मेवाड़ की शान व भारत के सभी दुर्गों में विशिष्ठ स्थान प्राप्त सम्राट अशोक के पौत्र जैन राजा सम्प्रति द्वारा ईसा से दौ सौ वर्ष पूर्व निर्मित कुम्भलगढ़ किले का पुनर्निर्माण वर्ष 1443-58 में राजा कुम्भा द्वारा किये जाने के प्रमाण पुरातत्व विभाग द्वारा प्रकाशित!
यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित कुम्भलगढ किले में पूर्व समय में उत्कृष्ट नक्काशी वाले भव्य 300 जैन मंदिरों का कुम्भलगढ किले व मेवाड में अन्य किलों में स्तिथ होना मेवाड़ में जैन धर्म का विशेष प्रभाव व समाज की उपस्तिथि दर्शाता है...विश्व जैन संगठन fb.com/AntiquityOfJainism
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बावन देवरी नाम से प्रसिद्ध प्राचीन 52 जैन मंदिरों का समूह
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निरंधरा नाम से प्रसिद्ध प्राचीन जैन मंदिर पुरातत्व विभाग द्वारा रात्रि में प्रकाशमान
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प्राचीन जैन मंदिर
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भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा कुम्भलगढ किले के पंजीकरण मे जैन राजा सम्प्रति द्वारा ईसा से 200 वर्ष पूर्व निर्मित किये जाने का प्रमाणिक विवरण
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भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा कुम्भलगढ किले में बावन देवरी नाम से प्रसिद्ध 52 प्राचीन जैन मंदिरो का प्रमाणिक विवरण
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भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा कुम्भलगढ किले में बावन देवरी नाम से प्रसिद्ध 52 प्राचीन जैन मंदिरो का प्रमाणिक विवरण
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भगवान पार्श्वनाथ का मन्दिर नीलकंठ मंदिर के पास
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जैन मंदिर
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वर्ष 1920 में जैन मंदिर का स्केच
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मेवाडके अननाल में कुम्भलगढ किले में जैन मंदिर व जैन राजा द्वारा निर्माण
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भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा कुम्भलगढ किले में निरंधरा नाम से प्रसिद्ध प्राचीन जैन मंदिर का प्रमाणिक विवरण
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भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा कुम्भलगढ किले में निरंधरा नाम से प्रसिद्ध प्राचीन जैन मंदिर का प्रमाणिक विवरण
त्रिलोकसंत पूज्य आचार्य श्री ज्ञानसागर जी मुनिराज ससंघ ने आज दिनांक 23 नवंबर को सिद्ध क्षेत्र सोनागिर जी में मंगल प्रवेश किया और पर्वत पर अतिशयकारी भगवान चन्द्रप्रभु और सभी मंदिरो के दर्शन किये और हम करते है सोनागिर जी सिद्ध क्षेत्र, अरिहंत भगवान चन्द्रप्रभु व आचार्य परमेष्टि के दर्शन....जय बोलो चन्द्रप्रभु भगवान की जय
सिद्ध क्षेत्र सोनागिर जी व आचार्य श्री ससंघ के दर्शन कर और पंचकल्याणक महोत्सव में शामिल होकर धर्म लाभ लें
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News in Hindi
आज दिनांक 23 नवंबर को त्रिलोकसंत पूज्य आचार्य श्री ज्ञानसागर जी मुनिराज ससंघ का भव्य मंगल प्रवेश सिद्ध क्षेत्र सोनागिर जी मे एवं 24 जिनालयों का भव्य पंचकल्याणक महोत्सव आरम्भ....
सिद्ध क्षेत्र सोनागिर जी व आचार्य श्री ससंघ के दर्शन कर और पंचकल्याणक महोत्सव में शामिल होकर धर्म लाभ लें
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