Update
♦ *18) आचार्यश्री महाश्रमण के जीवन प्रसंग*
असम के मुस्लिम बहुल क्षेत्र की यात्रा के दौरान आचार्यश्री महाश्रमणजी प्रवचन स्थल पर पधारने के लिए प्रवास कक्ष के मुख्य द्वार तक पधारे ही थे कि उसी समय फखरुद्दीन अहमद नामक व्यक्ति आया और बोला--‘मुझे आपसे कुछ बात करनी है।’ करुणासागर आचार्यप्रवर पुनः कक्ष के भीतर पधारे। उस मुस्लिम भाई ने आचार्यवर से पूछा--‘आप यहां क्यों आए हैं?’
पूज्यप्रवर ने उसे अहिंसा यात्रा और उसके उद्देश्यों के विषय में बताया।
अपने कथन के आशय को उस व्यक्ति ने कुछ स्पष्ट करते हुए पूछा--‘इसका मतलब आप हिन्दू और मुसलमान को भाई-भाई मानते हैं ना?’
आचार्यवर ने उसे अहिंसा यात्रा के प्रथम आयाम ‘सद्भावना’ के विषय में बताया। वह व्यक्ति आचार्यवर से प्रभावित हुआ और रात में अनेक मुस्लिम व्यक्तियों के साथ पुनः पूज्यसन्निधि में उपस्थित हुआ। आचार्यवर ने उसकी अनेक जिज्ञासाओं को समाहित किया।
🌸 *अभिवन्दना के सुनहरे अवसर* 🌸
*आचार्यश्री महाश्रमण 57वां जन्मदिवस*
24 अप्रेल 2018
*आचार्यश्री महाश्रमण 9वां पदाभिषेक दिवस*
25 अप्रेल 2018
*आचार्यश्री महाश्रमण 45वां दीक्षा दिवस*
29 अप्रेल 2018
*वन्दन* 🙏🏼 *अभिवन्दन* 🙏🏼 *अभिनन्दन*
👉 *भुज - अभातेमम अध्यक्ष कुमुदजी की संगठन यात्रा*
🔷 *अभातेमम को आचार्य श्री महाश्रमण के 57 वे जन्मदिवस के उपलक्ष में एक वर्ष के दरम्यान 57000 सामायिक करने का संकल्प* महिला मंडल, भुज द्वारा भेंट
👉 पूर्वांचल कोलकाता - "सुपात्र दान मोक्ष का पायदान" कार्यक्रम आयोजित
👉 जाखल मंडी - रक्तदान शिविर का आयोजन
👉 जयपुर - आध्यात्मिक मिलन समारोह आयोजित
👉 पूर्वांचल कोलकाता - रोड सेफ्टी पर नुक्कड़ नाटक मिशन सुरक्षा की प्रस्तुति
👉 KGF - निर्माण एक क़दम स्वच्छता की ओर कार्यशाला का आयोजन
👉 उधना, सूरत - कन्यामण्डल सदस्या का विदाई समारोह
👉 कांदिवली, मुम्बई - त्रिदिवसीय जीवन विज्ञान प्रशिक्षण कार्यशाला
प्रस्तुति -🌻 *संघ संवाद* 🌻
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*11/04/2018 आचार्य श्री महाश्रमण जी एवं चरित्र आत्माओं के दक्षिण भारत में सम्भावित विहार/ प्रवास सबंधित सूचना*
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🔹 *अहिंसा यात्रा प्रणेता आचार्यश्री महाश्रमणजी अपनी धवल सेना के साथ आंध्रप्रदेश राज्य के विजयनगरम जिले के विजयनगरम में स्थित श्री लाधूराम तोस्नीवाल मेमोरियल भवन में प्रवास होगा। कल का संभावित विहारपथ लगभग 7 किलोमीटर का होगा*
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री धर्मरूचि जी ठाणा 4* का प्रवास
*क्रोमपेट* *चेन्नैइ*
☎9884200325,8910991981
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ति मुनिश्री मुनिसुव्रत कुमार जी ठाणा* 2 का प्रवास
*गोतम कुमार जी सेठीया*
43/1 गोपाल पिल्लैयार कोइल स्ट्रीट
*तिरुवन्नामलाई*
☎9108075692,
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री रणजीत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*मालू अपार्टमेंट*
*राजराजेश्वरीनगर* (बैगलौर)
☎9448374522,9844142241
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी ठाणा 5* का प्रवास
👉दिन का प्रवास
*जैन होटल हाइवे*
*पुनमल्ली*
👉🏽 रात्री प्रवास
*गुरु मंदिर पीस लेंड के सामने*
(श्री पेरुम्बतुर रॉड)
☎8107033307,9543327027
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य डॉ *मुनि श्री अमृत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*केनियम्बाडी से 9.5 km का विहार करके श्रीपुरम गोल्डन मंदिर तुरुमलैकोडी पधारेगे*
(पोलुर- वेलूर रोड)
☎9566296874,
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री रमेश कुमार जी ठाणा 2* का प्रवास जैन भवन *गुंटूर से बिहार करके अंजू जी के निवास स्थान *चौड़ावरम पधारेगे*
(विशाखापट्टनम -चेन्नई रोड)
☎8085400108,7000790899
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री प्रशान्त कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*श्री प्रवीण जी बोहरा,*
*165-P M Swamy Colony,5th Street,R.S.Puram,*
*Coimbatore-641002*
☎9672039432,7200690967
9940903691
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री विद्यावती जी 'द्वितीय' ठाणा ५* का प्रवास
*श्री मदन लाल जी राकेश जी बाफ़ना*
No. 185, strahans road (babu St. Near pattalam tower clock)
*Pattalam* Chenni
☎8890788494,9444049706
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या "शासन श्री" साध्वी श्री यशोमती जी ठाणा 4* का प्रवास
*विनोद जी दुगड़ के निवास स्थान कारनाड़ा से 8.5 किलोमीटर का बिहार करके गणपत जी डागा के निवास स्थान रेडिल्स चेन्नैई पधारेंगे*
☎9290516171,7044937375
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री कंचनप्रभा जी ठाणा 5* का प्रवास
*तेरापंथ सभा भवन*
*गॉधीनगर Bangalore* (कर्नाटक)
☎9784755524
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री राकेश कुमारी जी (बायतु) ठाणा 4* का प्रवास
*कुलवापार्टी से 12 किलोमीटर का विहार करके कल्याण मंडपम नाकाबंदी पधारेगे*
(विशाखापट्टनम- विजयवाड़ा रोड)
☎9959037737
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री विमलप्रज्ञा जी ठाणा 6* का प्रवास
*रेनिवरम से 10 km का विहार करके महावीर जी सेठीया के निवास स्थान सुनंदा अपार्टमेंट Mazarmetla पधारेंगे*
☎9051582096,9123032136
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री प्रमिला कुमारी जी ठाणा 5* का प्रवास
*लक्ष्मीपत जी कोठारी*
Kothari nivas Lalithanagar Nager
*Visakhapatnam*
☎:9014491997,8290317048
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*संघ संवाद+ संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री काव्यलता जी ठाणा 4* का प्रवास
*श्री मदन लाल जी राकेश जी बाफ़ना*
No. 185, strahans road (babu St. Near pattalam tower clock)
*Pattalam* Chenni
☎8428020772,
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री प्रज्ञा श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*तेलगु वेरीयार मंडपम*
*नियर टेक्सटाईल्स मार्केट*
*बरगुर*
(बेंगलुरु- चेन्नई रोड)
☎9443235611
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिस्या साध्वी श्री सुर्दशना श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*पारस गार्डन रायचुर*
☎9845123211,8830043723
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*संघ संवाद + संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री लब्धि श्री जी ठाणा 3 का प्रवास*
*तुलसी गार्डन से बिहार करके महावीर भवन गुडलपेट पधारेगे*
(ऊटी - मैसूर रोड)
☎9448385582
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*संध संवाद*+ *संध संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री मधुस्मिता जी ठाणा 6* का प्रवास
*सुरेश जी भुतेड़िया के निवास स्थान पर*
*Upahar Darshini Hotel Ke Samne*
*3RD Block Jaynager*
*Bangalore* (कर्नाटक)
☎7798028703
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Update
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•••••💎 *ऊं श्री महाप्रज्ञ गुरवे नम:* 💎 •••••
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*आचार्य महाप्रज्ञ*
*नवम महाप्रयाण दिवस*
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*12 अप्रैल 2018*
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*अध्यात्म का शांतिपीठ*
*सरदारशहर*
*प्रस्तुति: 🔅तेरापंथी महासभा* 🔅
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जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।
📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य* 📙
📝 *श्रंखला -- 300* 📝
*अमेय मेधा के धनी आचार्य हरिभद्र*
*साहित्य*
गतांक से आगे...
साहित्य रचना में लल्लिग नाम के एक व्यक्ति ने आचार्य हरिभद्र को सहयोग दिया था। लल्लिग रात्रि के समय हरिभद्रसूरि के उपाश्रय में एक मणि रख दिया करता था, जिसके प्रकाश में हरिभद्रसूरि साहित्य रचना किया करते थे।
यह लल्लिग हरिभद्रसूरि के शिष्य जिनभद्र, वीरभद्र का काका था। अर्थाभाव के कारण लल्लिग मुनि दीक्षा लेने को तैयार हुआ पर हरिभद्र ने उसको दीक्षा नहीं दी। लल्लिग को हरिभद्रसूरि के एक वचन से व्यापार में अत्यधिक लाभ हुआ। हरिभद्रसूरि रात्रि में रचना करते समय जो कुछ दीवार या पट्टी पर लिखते, लल्लिग उनकी दिन में प्रतिलिपि किया करता था।
आचार्य हरिभद्र जब आहार करते तब लल्लिग शंख बजाया करता था। शंख की ध्वनि के साथ कुछ याचक आते, भोजन करते और जाते समय आचार्य हरिभद्र को नमस्कार करते थे। हरिभद्र आशीर्वाद में उन्हें कहते "भव विरह में प्रयत्नशील बनो।" भव विरह के इस आशीर्वाद से उनका नाम भवविरहसूरि प्रसिद्ध हो गया था।
कार्पासिक नामक एक व्यक्ति हरिभद्र सूरि का परम भक्त था। हरिभद्रसूरि द्वारा धूर्ताख्यान की कथा सुनकर वह सुलभबोधि बना एवं हरिभद्रसूरि को अपना गुरु मानने लगा। लल्लिग की भांति हरिभद्रसूरि के संपर्क में आने के बाद उसकी व्यापारिक उन्नति हुई। वह हरिभद्रसूरि को अपना परम उपकारी मानने लगा। लल्लिग ने हरिभद्रसूरि के ग्रंथों की प्रतिलिपि करने का कार्य किया। कार्पासिक ने ग्रंथों की प्रतिलिपि कराकर दूर-दूर तक भेजा एवं साहित्य के प्रचार-प्रसार का उल्लेखनीय कार्य किया।
प्रबंधकोश प्रभावक चरित्र के अनुसार आचार्य हरिभद्र ने 1440 ग्रंथों की रचना की। पुरातन प्रबंध-संग्रह के अनुसार उन्होंने 1400 ग्रंथों की रचना की। आज विद्वानों की दृष्टि में ग्रंथों की यह संख्या संदिग्ध है।
आचार्य हरिभद्रसूरि का संपूर्ण साहित्य उपलब्ध नहीं है पर जो कुछ भी प्राप्त है, वह उच्चकोटि का है। उसमें आचार्य हरिभद्र की अमेय मेधा के दर्शन होते हैं। शोध लेखकों के लिए उनके ग्रंथ पर्याप्त सामग्री प्रदान करते हैं।
*अनशन* अध्यात्म साधना में लीन हरिभद्राचार्य ने जीवन के संध्याकाल में अनशन को उल्लास से स्वीकार किया। भावों की उच्च श्रेणी में अनशन संपन्न कर वे परम समाधि के साथ स्वर्गवासी हुए।
*अनशनमनघं विधाय निर्यामकवरविस्मृतहार्दभूरिबाधः।*
*त्रिदशदिन इव स्थितः समाधौ*
*त्रिदिवमसौ समवापदायुरन्ते।।221।।*
*(प्रभावक चरित्र, पृष्ठ 75)*
*समय संकेत*
हरिभद्र ने अपने ग्रंथों में जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण के ग्रंथगत अवतरणों का उपयोग किया है। अतः हरिभद्र उनसे उत्तरवर्ती हैं। युगप्रधान पट्टावलियों के अनुसार जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण का समय वीर निर्वाण सम्वत् 1055 से 1115 (विक्रम सम्वत् 585 से 645) तक माना गया है।
उद्योतनसूरि ने आचार्य हरिभद्रसूरि के तर्कशास्त्र का प्रशिक्षण लिया था। यह उल्लेख कुवलयमाला में है। कुवलयमाला की रचना एक दिवस न्यून शक संवत् 700 में संपन्न हुई थी। इस आधार पर हरिभद्र का समय इससे पूर्व का है। विद्वान् आचार्य जिनविजयजी ने हरिभद्र का समय वीर निर्वाण 1227 से 1297 (विक्रम सम्वत् 757 से 827) तक निर्णीत किया है। हरिभद्र का प्राचीन समय विक्रम की छठी शताब्दी और वर्तमान समय विक्रम की आठवीं शताब्दी है।
*वरिष्ठ विद्वान आचार्य बप्पभट्टि के प्रभावक चरित्र* के बारे में पढ़ेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...
प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
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त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण भाव के उत्तम उदाहरण तेरापंथ धर्मसंघ के श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।
📙 *'नींव के पत्थर'* 📙
📝 *श्रंखला -- 124* 📝
*लच्छीरामजी बैद*
*राज्य-परित्याग*
एक बार थली में भयंकर अकाल पड़ा। राज्य की ओर से निर्धन जनता को सहायता देने के लिए धन एकत्रित किया जाने लगा। देश के धनी वर्ग से काफी धन उधार लिया गया। परंतु मुंहता लोगों से वह उधार न लेकर समूचा ही लिया जाने लगा।
उस समय बीकानेर राज्य में दीवान का पद सुराणा परिवार के पास था। उनके पूर्व महारावजी वाले बैद दीवान थे। किसी कारण से नरेश उनसे रुष्ट हो गए, अतः उन्हें दीवान पद से हटाकर सुराणा परिवार के व्यक्ति को दीवान बना दिया। बैद और सुराणा परिवार में परस्पर विद्वेष भाव चलता था। राजलदेसर वाले बैद भी बीकानेर के महारावजी परिवार से ही संबंधित थे। उनमें उस समय तक भी परस्पर सौहार्द और भ्रातृभाव चला आ रहा था। सुराणाजी जानते थे कि लच्छीरामजी ने कलकत्ता में बहुत धन कमाया है। उन्हें यह भी पता था कि वर्तमान में वे राजलदेसर में ही है। उन्होंने नरेश को समझाया कि इस अवसर पर उनसे अधिक से अधिक धन निकलवाना चाहिए। नरेश को बात जंच गई। उनके आदेशानुसार अधिकारियों ने उनसे काफी बड़ी धनराशि की मांग की।
जेसराजजी और मेघराजजी काफी वर्ष पहले दिवंगत हो चुके थे। अकेले लच्छीरामजी ही तीनों परिवारों के कर्ता-धर्ता थे। नरेश द्वारा एक साथ इतनी बड़ी राशि की मांग उन्हें उचित नहीं लगी। समकक्ष अन्य व्यक्तियों से ली जाने वाली राशि से भी उसकी कोई संगति नहीं बैठती थी। अधिकारियों के दबाव से उन्हें स्पष्ट आभास हो गया कि उन्हें अनुचित प्रकार से दबाकर धन निकलवाने का प्रयास किया जा रहा है। वे दबंग और निर्भीक व्यक्ति थे, अतः अधिकारियों को स्पष्ट बतला दिया कि वे इतनी बड़ी राशि देने को उद्यत नहीं है।
अधिकारियों के द्वारा नरेश को सारी स्थिति की जानकारी मिली तब सुराणाजी ने कहा की सहजता से अपना धन कोई नहीं निकालता। आप अधिकारियों को आज्ञा दीजिए कि उक्त राशि न देने पर उनकी अंगुलियों पर कपड़ा लपेट कर आग लगा दी जाए। फिर शायद आग लगाने की आवश्यकता ही न पड़े। वे स्वतः उक्त राशि देने को उद्यत हो जाएंगे। नरेश ने वैसा ही आदेश दे दिया और आठ घुड़सवार राजलदेसर की ओर भेज दिए। महारावजी वाले बैदों को उक्त राजाज्ञा का पता चल गया। उन्होंने घुड़सवारों से पहले ही अपने एक ऊंट सवार को भेज दिया। रात भर चलकर वह प्रातः राजलदेसर पहुंच गया। उसने लच्छीरामजी को एक चिट्ठी दी। उसमें बलात् धन लेने की राजाज्ञा के समाचार तो थे ही, साथ में सुझाव भी था कि तुम लोगों को तत्काल बीकानेर राज्य की सीमा के बाहर मारवाड़ में चला जाना चाहिए। स्त्रियों को कोई भय नहीं है, अतः उन्हें अभी वहीं रहने दिया जा सकता है। उनकी सार-संभाल पीछे से हम लोग करते रहेंगे। अनुकूल स्थिति के विषय में जब तक हमारे समाचार तुम्हें ना मिल जाएं तब तक वापस आने की शीघ्रता मत करना आदि। समाचार पढ़ते ही उन्होंने आवश्यक व्यवस्था की और जयचंदलालजी, छोगमलजी सहित लाडनूं चले गए। बीकानेर से चले घुड़सवार तीसरे दिन वहां पहुंचे तो हवेलियों में उन्हें केवल स्त्रियां और बच्चे ही मिले। धन के स्थान पर केवल निराशा ही उनके हाथ लगी।
*लच्छीरामजी बैद लाडनूं में ही बस गए या पुनः राजलदेसर लौटे...?* जानेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...
प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
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👉 भुज - तेरापंथ भवन लोकार्पण समारोह
👉 भुज - अणुव्रत समिति का गठन
👉 भुज - अणुव्रत समिति गठन के अवसर पर विभिन्न केंद्रीय संस्थाओ के पदाधिकारियों की उपस्थिति
👉 भीलवाड़ा - निर्माण एक नन्हा कदम स्वच्छता की ओर
👉 शहादा - किशोर मंडल संगठन यात्रा
👉 वड़ोदरा - अभातेयुप अध्यक्ष की संगठन यात्रा
👉 अहमदाबाद - ब्लड टेस्ट केम्प का आयोजन
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News in Hindi
👉 वड़ोदरा - साध्वी श्री मधुबाला जी का मंगल प्रवेश
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♦ *17) आचार्यश्री महाश्रमण के जीवन प्रसंग*
नेपाल के पर्वतीय क्षेत्र की यात्रा के दौरानविहार के दौरान तारुका गांव में परम पूज्य आचार्यश्री महाश्रमणजी उदकपान (पानी पीने) के लिए आसीन हुए। पुडके गुम्बा नामक व्यक्ति ने आचार्यवर के दर्शन किए। पूज्यवर ने उससे पूछा--‘नशा करते हो क्या?’
स्वीकृति में हिले उसके मस्तक को देखकर पूज्यवर ने उससे पूछा--‘क्या नशा करते हो?’
वह बोला--‘बीड़ी, सिगरेट पीता हूं।’
आचार्यवर ने कहा--‘छोड़ सकते हो?’
वह बोला--‘मैं नहीं छोड़ सकता।’
आचार्यवर ने उससे कहा--‘कोई एक चीज तो छोड़ दो।’
उसने कहा--‘आप कहो तो बीबी (पत्नी) को छोड़ दूंगा, पर शराब और सिगरेट को नहीं छोड़ सकता।’
आचार्यवर ने काफी समय लगाकर उसे समझाया तो वह बोला--‘आप गुरुजी हो। आपकी बात मैं सुनूंगा। मैं रोज दो डिब्बी सिगरेट पीता हूं। अब एक डिब्बी से ज्यादा सिगरेट पीने का परित्याग करता हूं।’
🌸 *अभिवन्दना के सुनहरे अवसर* 🌸
*आचार्यश्री महाश्रमण 57वां जन्मदिवस*
24 अप्रेल 2018
*आचार्यश्री महाश्रमण 9वां पदाभिषेक दिवस*
25 अप्रेल 2018
*आचार्यश्री महाश्रमण 45वां दीक्षा दिवस*
29 अप्रेल 2018
*वन्दन* 🙏🏼 *अभिवन्दन* 🙏🏼 *अभिनन्दन*
👉 प्रेक्षा ध्यान के रहस्य - आचार्य महाप्रज्ञ
प्रकाशक - प्रेक्षा फाउंडेसन
📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
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👉 *"अहिंसा यात्रा"* के बढ़ते कदम
👉 पूज्यप्रवर अपनी धवल सेना के साथ विहार करके "गोटलाम" पधारेंगे
👉 आज का प्रवास - गायत्री इंग्लिश मीडियम स्कूल, गोटलाम जिला - विजयनगरम (आंध्रप्रदेश)
प्रस्तुति - *संघ संवाद*
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