News in Hindi
शादी में होने वाले व्यर्थ के खर्चों से बचें: परम् पूज्य आचार्य श्री 108 ज्ञानसागर जी मुनिराज
दिनांक 11 मई 2018
श्री दिगंबर जैन क्षेत्रपाल मंदिर ललितपुर में धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज ने अपनी पीयूष वाणी द्वारा कहा कि आज वर्तमान में देखा जा रहा है कि शादियों में कितना व्यर्थ का खर्च हो रहा है।
प्रदर्शन में करोड़ों-करोड़ों रुपया आज पांडाल आदि की व्यवस्था में खर्च हो रहे हैं। बाहर के आकर्षण की ओर तो आपका ध्यान है पर अंदर का आकर्षण घटता जा रहा है।
आज सारी की सारी मान मर्यादाएं समाप्त होती जा रही है। पहले कुछ महिलाएं बैठकर गीत संगीत के द्वारा सद्भावनाएं भाती थी पर आज महिला संगीत का रूप बदलता जा रहा है। अब तो महिला संगीत में पुरुषों का भी जाना शुरु होता जा रहा है।
पहले भोजन बैठकर करते थे और जब तक भोजन शुरू करने के लिए मालिक आकर नहीं कहता था तब तक भोजन शुरू नहीं करते थे पर अब तो बुफे सिस्टम का समय चल रहा है। खड़े-खड़े ही अपने हाथों से लेकर खाना यह भारतीय संस्कृति नहीं है। जितना आपको खाना है उतना ही ले झूठा ना छोड़े।
दिन में शादी होने से रात्रि में होने वाले व्यर्थ के खर्चों से आप बच जाते हैं। ललितपुर जैन समाज का जो निर्णय है कि दिन में ही शादी करेंगे बहुत अच्छा निर्णय है। शादियों में उतने ही आइटम बनवाएं जितने आवश्यक हैं। आप ही लोगों से ज्ञात हुआ कि अब तो सैकड़ों सैकड़ों आइटम बनना शुरू हो गया है।
कहीं आज की शादियां बर्बादी का कारण तो नहीं बन रही हैं उस ओर ध्यान दें।
Source: © Facebook