17.05.2018 ►SS ►Sangh Samvad News

Published: 17.05.2018
Updated: 04.06.2018

Update

https://www.facebook.com/SanghSamvad/

🌈 *18/05/2018 मुनि वृन्द एवं साध्वी वृन्द के दक्षिण भारत में सम्भावित विहार/ प्रवास सबंधित सूचना* 🌈
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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🔹 *आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री धर्मरूचि जी ठाणा 4 का प्रवास*
*तेरापंथ सभा भवन*
*साहूकारपेट,चेन्नई*
☎ *8910991981*
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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🔹 *आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ति मुनिश्री मुनिसुव्रत कुमार जी ठाणा 2* *का प्रवास*
*जैन तेरापंथ सभा भवन*
no:5 thalaytham bazzar
*गुडियात्तम 632602*
(बेंगलुरु - चेन्नई हाईवे)
☎ 9602007283,9345910555
9488921371
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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🔹 *आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री रणजीत कुमार जी ठाणा २ का प्रवास*
*तेरापंथ सभा भवन*
*राजाजीनगर,बेंगलुरु*
☎ *9448385582,*
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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🔹 *आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी ठाणा 3 का प्रवास*
*श्रेयांस कुमार जी विनय कुमार जी सेठिया के निवास स्थान पर*
*No.78 A,Sannidhi Street,*
*तुरुवनन्नामलाई*
☎ *8107033307,9443222652,*
*9944770003*
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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🔹 *आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य डॉ. मुनि श्री अमृत कुमार जी ठाणा २ का प्रवास*
*जैन स्थानक*
*Arkkonam*
☎ 9566296874,
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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🔹 *आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री अर्हत कुमार जी ठाणा 3* का प्रवास
*गोटलाम से 12 km का विहार कर के मोरदाम लॉरेंस स्कूल पधारेंगे*
(विजयनगरम- विशाखापट्टनम रोड)
☎9665000605,7972426132
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*संघ संवाद + संघ संवाद*
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🔹 *आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री प्रशान्त कुमार जी ठाणा २ का प्रवास*
*जैन स्थानक,पनीरसेल्वम*
*हॉस्पिटल के पास,*
*मेट्टूपालयम*
☎ *9629588016,7200690967*
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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🔹 *आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री सुधाकर जी एवं मुनि श्री दीप कुमार जी का प्रवास*
*जैन स्थानक*
*आरकोणम*
☎ *8072609493*
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*संघ संवाद + संध संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री विद्यावती जी 'द्वितीय' ठाणा ५ का प्रवास*
*अशोक कुमार जी मुथा के निवास स्थान पर*
23 jayaram street
saidapet, ch-15
(Landmark: Near kalignar Arch)
☎ 7010319801,9841188345
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या "शासन श्री" साध्वी श्री यशोमती जी ठाणा 4 का प्रवास*
*तेरापंथ भवन*
*तंडियारपेठ, चैनैइ*
☎ *7044937375,9841098916*
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या शासन श्री साध्वी श्री कंचनप्रभा जी ठाणा 5* का प्रवास
*अर्हम् भवन*
*विजयनगर, बेंगलुरु*
☎9448278156
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री विमलप्रज्ञा जी ठाणा 6 का प्रवास*
*तेरापंथ भवन-ट्रिप्लिकेन*
☎ *9051582096*
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री राकेश कुमारी जी (बायतु) ठाणा 4* का प्रवास
*तेरापंथ सभा भवन*
*हिमायतनगर, हैदराबाद*
☎9959037737
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*संध संवाद + संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री काव्यलता जी ठाणा 4 का प्रवास*
*अभिषेक जी सुराना*
29/A Ranganathan Avenue Road Opp Millers Road Kilpauk-Chennai-1
☎ *8428020772,9884700393*
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री प्रज्ञा श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*शांतिलाल जी दुगड़ के निवास स्थान पर*
बजाज स्ट्रीट
*शोलिंगर*
☎ 8875762662
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या सुर्दशना श्री जी ठाणा 4 का प्रवास*
*तेरापंथ सभा भवन*
*सिंधनूर*
☎ *8830043723*
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*संघ संवाद + संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री लब्धि श्री जी ठाणा 3 का प्रवास*
*महावीर आई हॉस्पिटल*
*मैसूर*
☎9348027915,
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*संध संवाद*+ *संध संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री मधुस्मिता जी ठाणा 6 का प्रवास*
*कन्हैयालाल जी खटेड के निवास स्थान पर*
मीनाक्षी टेंपल के पीछे
*बन्नेरघट्टा रोड बैगलौर*
☎ 7798028703,
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*संघ संवाद Facebook से जुड़ने के लिए दिए गए link पर जाकर Like करें*
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*संघ संवाद what'sapp ग्रुप से जुडने के लिए इन नम्बरो पर मैसेज करें*
📲 *जितेन्द्र घोषल*: *9844295823*
📲 *मंजु गेलडा*: *9841453611*
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*प्रस्तुति:- 🌻 *संघ संवाद* 🌻
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Sangh Samvad
News, photos, posts, columns, blogs, audio, videos, magazines, bulletins etc.. regarding Jainism and it's reformist fast developing sect. - "Terapanth".

👉 हिसार - आध्यात्मिक मिलन
👉 वड़ोदरा - कोन्फीडेन्ट पब्लिक स्पीकिंग (सीपीएस) का शिविर
👉 हिसार - वाहन चालकों के मध्य नशा मुक्ति कार्यक्रम
👉 धुलिया - संस्कार निर्माण शिविर का शानदार आगाज
👉 धुलिया - भक्ति संध्या का आयोजन

प्रस्तुति -🌻 *संघ संवाद* 🌻

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🏵 *अणुव्रत* 🏵

💎 *मई अंक* 💎
का
🌸 आकर्षण 🌸

💧 पढिये 💧
🏮 *संपादक* 🏮
*श्री अशोक संचेती*
का
विचारोत्तेजक सम्पादकीय

*संयम*
*के*
*फलितार्थ*

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🎈 प्रेषक 🎈
*अणुव्रत सोशल मीडिया*

🌸 संप्रसारक 🌸
🌻 *संघ संवाद* 🌻
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Under the guidance of
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*Akhil Bhartiya*
*Terapanth*
*mahila mandal*
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*Akhil Bhartiya*
*Terapanth*
*Kanya Mandal*
*Presents...*
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*Rajasthan*
*stariya anchalik*
*kanya karyashala*
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*📯📯PEHCHAAN📯📯*
💥.....Aspiring A New ME💥
🗯Sanidhya🗯
*Shashn shri Sadhvi shri Gunmalaji*

🗓... 26..27 may 2018

Venue..🏬..Terapanth Bhawan, near celebration mall,
Bhuvana..Udaipur

✨✨Come one ✨✨
............Come All🏃‍♀🏃‍♀

Dont miss this golden opportunity...
🎙Motivation...
...............📝Activities..
Cultural evening..🎵
....Games🎮🎲.......
...........🎁Prizes n Gifts..

❗Lots of SURPRISES❗
☄awaiting for..Uuuuuuu☄

For registration contact..
Mrs lakshmi kothari: 9214761868
Mrs Munmun Surana: 9610470806

🌻प्रस्तुति - *संघ संवाद* 🌻

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👉 प्रेरणा पाथेय:- आचार्य श्री महाश्रमणजी
वीडियो - 17 मई 2018

प्रस्तुति ~ अमृतवाणी
सम्प्रसारक 🌻 *संघ संवाद* 🌻

Update

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👁 *अणुव्रत* 👁

💎 *संपादक* 💎
*श्री अशोक संचेती*

☄ *मई अंक* ☄

🔮 *अणुव्रत Q10* 🔮
*प्रतियोगिता*
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फरवरी 2018
की
अणुव्रत पत्रिका
पर आधारित
एक अभिनव
पाठक प्रतियोगिता

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*अणुव्रत सोशल मीडिया*

🗯 संप्रसारक 🗯
🌻 *संघ संवाद* 🌻
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जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।

📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य* 📙

📝 *श्रंखला -- 327* 📝

*सिद्ध-व्याख्याता आचार्य सिद्धर्षि*

*जन्म एवं परिवार*

सिद्धर्षि का जन्म गुजरात के श्रीमालपुर में हुआ। पुरातन प्रबंध संग्रह के अनुसार उनका गोत्र श्रीमाल था। गुजरात नरेश श्री वर्मलाल के मंत्री का नाम सुप्रभदेव था। मंत्री सुप्रभदेव के दो पुत्र थे दत्त और शुभंकर। दत्त के पुत्र का नाम माघ और शुभंकर के पुत्र का नाम सिद्ध था। शिशुपाल आदि काव्यों की रचनाओं में माघ की प्रसिद्धि महाकवि के रूप में हुई। शुभंकर पुत्र सिद्ध (सिद्धर्षि) की माता का नाम लक्ष्मी और पत्नी का नाम धन्या था।

प्रभावक चरित्र, पुरातन प्रबंध संग्रह आदि ग्रंथों के अनुसार कवि माघ और सिद्धर्षि दोनों मंत्री सुप्रभदेव के पौत्र थे। कवि माघ सिद्धर्षि के बड़े पिता के पुत्र थे। शिशुपाल वध जैसे उत्तम काव्य की रचना कवि माघ ने की थी।

शिशुपाल वध की प्रशस्ति में महाकवि माघ ने अपने परिवार का परिचय देते हुए बताया है श्री वर्मल राजा के मंत्री सुप्रभदेव थे। उनके पुत्र का नाम दत्तक था। दत्तक का दूसरा नाम सर्वाश्रय था। दत्तक पुत्र माघ ने इस ग्रंथ की रचना की है।

नरेश वर्मल (वर्मलाल), मंत्री सुप्रभदेव, मंत्री पुत्र दत्तक तथा दत्तक के पुत्र कवि माघ के संबंध में प्रभाविक चरित्र, पुरातन प्रबंध संग्रह और शिशुपाल काव्य प्रशस्ति में समान है।

कालक्रम के आधार पर नरेश वर्मल, मंत्री सुप्रभदेव आदि के साथ उपमितिभवप्रपञ्च कथा के रचनाकार सिद्धर्षि की समसामयिकता ठीक प्रतीत नहीं होती। सिरोही के पार्श्ववर्ती वसंतगढ़ किले में प्राप्त ताम्रपत्र पर वर्मल राजा का समय विक्रम संवत् 682 बताया गया है। महाकवि माघ द्वारा रचित शिशुपाल वध का रचनाकाल विक्रम संवत् 750 सिद्ध हुआ है। उपमितिभवप्रपञ्च कथा का रचनाकाल रचनाकार के उल्लेखानुसार विक्रम संवत् 962 है।

उपर्युक्त काल गणना के अनुसार मंत्री सुप्रभदेव और सिद्धर्षि के मध्य लगभग तीन शताब्दी का अंतराल है। अतः दोनों के बीच पितामह और पौत्र का संबंध संभव नहीं है।

*सिद्ध-व्याख्याता आचार्य सिद्धर्षि के जीवन-वृत्त* के बारे में जानेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
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त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण भाव के उत्तम उदाहरण तेरापंथ धर्मसंघ के श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।

📙 *'नींव के पत्थर'* 📙

📝 *श्रंखला -- 151* 📝

*दुलीचंदजी दुगड़*

*लौटा लाने का प्रकार*

जयाचार्य दुलीचंदजी की बात का बड़ा सम्मान किया करते थे। वे भी एक बालक के समान सरलतापूर्वक अपनी हर मांग जयाचार्य के सम्मुख रख दिया करते थे। कभी कोई मांग पूरी नहीं हो पाती तो बालक के समान ही हठ भी पकड़ लिया करते थे। कई बार तो उन्होंने अपनी मांग पूर्ति के लिए ऐसे तरीके भी अपनाए जिन्हें अन्य कोई नहीं अपना सकता था। दुस्साहस से कोई अपना भी लेता तो अवश्य ही जयाचार्य के कठोर उपालंभ का भागी बनता।

एक बार जयाचार्य ने लाडनूं से सुजानगढ़ की ओर विहार करने का निर्णय घोषित किया। कुछ दिन लाडनूं में और ठहरने की स्थानीय लोगों की प्रार्थना को उन्होंने अस्वीकार कर दिया। दुलीचंदजी भी उस प्रार्थना में सम्मिलित थे। उन्हें जयाचार्य का वह विहार अच्छा नहीं लगा। निर्णय घोषित कर देने के पश्चात् आग्रह करने का भी कोई औचित्य नहीं रह गया था।

सीधे मार्ग से काम बनने की संभावना समाप्त हो चुकी थी, अतः दुलीचंदजी ने टेढ़े मार्ग से उसे संपन्न करने की योजना बनाई। एक किसान को प्रलोभन देकर उन्होंने पहले से ही सुजानगढ़ के मार्ग से कुछ हटकर एक वृक्ष पर चढ़ा दिया। जब जयाचार्य विहार करके वहां पहुंचे तो वह पीछे से जोर-जोर से आवाज देने लगा— "अरे, आगे मत जाओ! आगे मत जाओ! वापस लौट आओ! वापस लौट आओ!"

जयाचार्य शकुनों पर बड़ा विश्वास किया करते थे। उन्होंने जब पीछे से आने वाले इन अपशकुन सूचक शब्दों को सुना तो एक क्षण के लिए ठहरे। दुबारा चलने लगे तो फिर से वही शब्द सुनाई पड़े। वे फिर ठहरे और फिर चले। इस प्रकार कई बार यह क्रम दोहराया गया, परंतु वही ढाक के तीन पात वाली बात सिद्ध हुई। जयाचार्य ने तब अपने आस-पास चलने वाले श्रावकों की ओर उन्मुख होते हुए कहा— "शकुन अच्छे नहीं हो रहे हैं।"

दुलीचंदजी पास-पास ही चल रहे थे उन्होंने कहा— "वस्तुतः शकुन तो अच्छे नहीं हो रहे हैं। आपने विहार का कहा था वह तो हो ही गया। अब यदि कुछ बाधा आ गई तो। अपशकुन लेकर आगे जाने की अपेक्षा वापस पधार जाना ही ठीक रहेगा।"

दुलीचंदजी के स्वर में दूसरे श्रावकों के भी स्वर मिले। अपशकुन देखकर जयाचार्य के विचार भी कुछ बदल गए। फलतः वहां से वे लाडनूं वापस पधार गए। दुगड़जी की योजना अपना काम पूरा कर गई। इतने पर भी यह विशेष बात थी कि उनके सिवा अन्य किसी को उसका पता तक नहीं था। वे आगे के लिए भी पूर्णतः गुप्त रख सकते थे, परंतु जयाचार्य को धोखे में रखना नहीं चाहते थे। उन्होंने जो कुछ किया था वह धोखे के लिए नहीं, किंतु भक्ति के उद्रेक में किया था। उन्होंने उसी दिन अवसर पाते ही अपनी सारी बात खोलकर जयाचार्य के सम्मुख रख दी और बोले— "आपको रोकने का अन्य कोई उपाय शेष नहीं रह गया था तभी मुझे उसका आश्रय लेना पड़ा। अब आप जो चाहें दंड दे दीजिये।"

जयाचार्य ने जब अपशकुन का रहस्य समझा तो हंस पड़े और कहने लगे— "इसका दंड यही है कि फिर कभी ऐसा मत करना।"

*श्रावक दुलीचंदजी दुगड़ के आचार्यश्री डालगणी के काल में घटित एक प्रसंग...* के बारे में जानेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
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News in Hindi

👉 प्रेक्षा ध्यान के रहस्य - आचार्य महाप्रज्ञ

प्रकाशक - प्रेक्षा फाउंडेसन

📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए

🌻 *संघ संवाद* 🌻

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👉 *"अहिंसा यात्रा"* के बढ़ते कदम

👉 पूज्यप्रवर अपनी धवल सेना के साथ विहार करके "Kovvur" पधारेंगे

प्रस्तुति - *संघ संवाद*

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Video

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*आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी* द्वारा प्रदत प्रवचन का विडियो:

*आभा मंडल: वीडियो श्रंखला ४*

👉 *खुद सुने व अन्यों को सुनायें*

*- Preksha Foundation*
Helpline No. 8233344482

संप्रेषक: 🌻 *संघ संवाद* 🌻

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Sources

Sangh Samvad
SS
Sangh Samvad

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  1. Bhawan
  2. Jainism
  3. Kovvur
  4. Lakshmi
  5. Preksha
  6. Sadhvi
  7. Sangh
  8. Sangh Samvad
  9. Terapanth
  10. Udaipur
  11. अमृतवाणी
  12. अशोक
  13. आचार्य
  14. आचार्य महाप्रज्ञ
  15. गुजरात
  16. भाव
  17. मुक्ति
  18. लक्ष्मी
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