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Don’t support any political party blindly! We are Jain.. jo Girnar Sanrakshan ke liye baat kare wahi hamara support ho sakta h.. Gujarat me Jain CM h.. kya fayeda.. uske rahte neminath bhagwan ke moksha kallyanak par first time hua ki nirvaan ladu nai chadha 5th tonk par.. Its a shame:((
I condemn Gujarat Govt and Central Govt who are unable maintain law and order at Girnar mountain as per Court orders:((
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★#मोक्ष_का_लक्षण★ आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज द्वारा रचित रत्नकरण्ड श्रावकाचार का पद्यानुवाद #रयण_मंजूषा
जनन नहीं है मरण नहीं है
जरा नहीं है शोक नहीं,
दु:ख नहीं है भीति नहीं है
किसी तरह के रोग नहीं
वही रहा निर्वाण धाम है
नित्य रहा अभिराम रहा,
नि:श्रेयस् है विशुद्धतम सुख
ललाम आतम राम रहा॥
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News in Hindi
#समाजसेवी_अशोक_जी_पाटनी_का_जीवन_परिचय
सालाना 20 लाख टन उत्पादन करने वाली RK मार्बल मदनगंज किशनगढ़ राजस्थान में है!और कम्पनी ने अपने मार्बल व्यवसाय,खनन के अलावा सीमेंट क्षेत्र में भी जुडी है!जिस समय आयकर विभाग का छापा मारा गया था उस समय श्री अशोक जी पाटनी अपनी धर्मपत्नी श्रीमती सुशीला जी पाटनी जी के साथ गुरु भक्ति में वीना वारह में लीन थे।जब उनको छापे की सुचना मिली तो उनके माथे पर कोई चिंता की लकीरे नही थी!क्योंकि उनको मालूम था की साँच को कभी आंच नही आती है!
बल्कि वो उस समय अपने साथियो से बोले,इनकम टेक्स को अपना काम करना ही चाहिए,जांच करनी चाहिए,मेने कोई गलत तरीके से काम नही किया है!इसलिए मुझे चिंता नही है!यह था उनका धर्म के प्रति विश्वास और गुरु के प्रति भक्तिभाव!सकल जैन समाज उनकी सहनशीलता और गुरु भक्ति को प्रणाम करते है! और उन्होंने अपने आचरण से जैन समाज का नाम सम्पूर्ण भारत वर्ष में गौरवान्वित किया और उनके व्यवसाय को क्लीन चिट मिली!यह सच है जो करोड़ो का दान करते है,वह शाशन को भी उतना ही टेक्स भी देते है,वह जैन समाज के भामाशाह है!और हम सभी को उन पर गर्व है!
प्रारम्भिक शुरुआत में पाटनी जी साहब ने अपने कारोबार की शुरुआत स्कूटर से माचिस बेचने से की थी!ज्यादा दिन उन्हें यह काम नही भाया! 1976 में किशनगढ़ में अनाज का कारोबार हाथ में लिया!किशनगढ़ में रहते कुछ समय यह काम किया फिर जयपुर पहुंचे। 1986 में दालों का आढ़त का काम शुरू किया वहां भी उनकी महत्वाकांक्षा खत्म नही हुई।1989 में यह काम भी बन्द किया और मार्बल कारोबार में उतर गए।यही उनके व्यापार का टर्निग पॉइंट था।तब इस फील्ड में श्री अशोक जी पाटनी ने एक लाख रूपये का निवेश किया था और आज वही कारोबार करोड़ो के टर्नओवर पर पहुँच गया है।
यह उनका जीवन परिचय हम सभी को ईमानदारी के साथ अपने व्यापार को आगे बढ़ाने की सीख दिलाता है।
विदिशा चातुर्मास के दौरान हमने साक्षात उनकी चर्या देखी!पर्युषण पर्व के दौरान प्रतिदिन सुबह वह पांच बजे उठकर पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री की भक्ति में पहुँच जाया करते थे!उनकी श्रद्धा सन्त शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज जी के प्रति देख,मन सहज ही उनके प्रति श्रद्धा से उठ जाता है!
आज संसार में धनपति तो बहुत है पर अपने धन का सदुपयोग करने वाला यह परिवार एक ही है,विधवाओ को हर महीने पेंशन देना,गरीब परिवारो की आर्थिक रूप से मदद करना,निर्धन बच्चों को शिक्षा के लिए मदद करना,दुखियो की सेवा करना,यह सब काम यह अपने स्तर पर करते है!
विहार के समय नंगे पाँव रहकर गुरूजी के साथ चलकर उनकी व्यवस्था को आगे आगे बढ़कर करते रहते है,और किसी को अहसास भी नही होने देते है,सहजता से जमीन पर सोकर ही अपना काम चलाते है,वास्तव में वह एक सम्यक दृष्टि है!अधिकांश समय मौन रहते है हम उनकी भक्ति और निष्ठा को प्रणाम करते है
मेरा लिखने का मन हुआ,मेने लिख दिया,आप भी पढ़कर के शेयर करे।और श्रीमान से प्रेरणा ले!जो समर्थ है वो दीन दुखियो की सेवा करते रहे,ऐसे लेख हमारा मार्गदर्शन करते रहते है।
#अनुराग_जैन जी की वाल से साभार
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