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गुरू, गोविंद दोनो खड़े काके लागू पाए
बलिहारी गुरुदेव को जो गोविंद दिये बताए
(आचार्य श्री कहते हैं बताए नहीं *बनाए)
गुरूवरो को कोटि कोटि नमन सहित
सभी शुभचिंतको,मित्रो को शुभकामनाऐ,बधाई
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आज पंजाब (पाकिस्तान) से आए हुए सिख बंधुओ ने पर्यटक स्थल खजुराहो में दिगम्बर साधुओ के दर्शन व उनकी चर्या के बारे में सुनकर समझा क्या हैं दिगम्बर साधु.. आचार्य श्री विद्यासागर जी से हर्षित हो चर्चा करते हुए.. सबने कुछ कुछ त्याग भी लिया जैसे किसी ने Drink ना करने का तो किसी ने माँसहार का त्याग किया.. 🙂🙏 #Share • #गुरुपूर्णिमा
News in Hindi
गुरु" कोई "व्यक्ति" नहीं, कोई "शरीर" नहीं, "गुरु" एक "तत्व" है, एक "शक्ति है" । "गुरु" यदि "शरीर" होता, तो इस छोटी सी "दुनिया" में, एक ही "गुरु" "पर्याप्त" होता । "गुरु" एक "भाव" है, "गुरु" "श्रद्धा" है । "गुरु" "समर्पण" है । आपका "गुरु: आपके "व्यक्तित्व" का "परिचय" है । "कब" "कौन", "कैसे" आपके लिये "गुरु" "साबित" हो, यह आप की "दृष्टि "एवं "मनोभाव "पर निर्भर करता है । "गुरु" "प्रार्थना" से मिलता है । "गुरु" "समर्पण" से मिलता है, "गुरु" "दृष्टा" "भाव" से मिलता है, "गुरु" "किस्मत: से मिलता है । और.......... "गुरु" "किस्मत " वालों को "मिलता" है: *|
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