Update
👉 तेरापंथ सरताज *पूज्य गुरुदेव आचार्य महाश्रमण जी द्वारा सन 2021 के चातुर्मास की घोषणा..*
दिनांक: 27/07/2018
प्रस्तुति: 🌻 *संघ संवाद* 🌻
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Update
👉 प्रेक्षा ध्यान के रहस्य - आचार्य महाप्रज्ञ
प्रकाशक - प्रेक्षा फाउंडेसन
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🌻 *संघ संवाद* 🌻
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🌀 *नवीन घोषणा.........*
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*परम पूज्य आचार्य श्री महाश्रमण जी* ने महत्ती कृपा करके *नव वर्ष 1 जनवरी 2019 का मंगलपाठ कडलूर* में और *17 अप्रैल 2019 को महावीर जयंती मदुरै* में करने का फरमाया है!!!!!!!!!!
प्रस्तुति: 🌻 *संघ संवाद*🌻
🌀 *नवीन घोषणा.........*
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*परम पूज्य आचार्य श्री महाश्रमणजी* ने महत्ती कृपा करके *1, 2, 3 फरवरी 2019* को *तिरुपुर में वर्धमान महोत्सव* एवं *12, 13, 14 मई 2019* को *सेलम में जन्मोत्सव व पट्टोत्सव* करने का फरमाया है!!!!!!!!!!
प्रस्तुति: 🌻 *संघ संवाद* 🌻
News in Hindi
🌸 *तेरापंथ प्रतियोगिता: आवश्यक सूचनाएं* 🌸
1. कृपया सुनिश्चित करें तेरापंथ एप का Android वर्जन 3.4 अथवा iPhone वर्जन 2.0.1 आपके फोन में डाउनलोड है।
2. यदि आपने तेरापंथ प्रतियोगिता के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कर लिया है तो अब लॉगिन भी कर लें। लॉगिन करने के लिए तेरापंथ एप के क्विज फीचर में अपने मोबाइल नंबर के साथ अपना पासवर्ड लिखें। भारतीय प्रतियोगियों के उनका पासवर्ड उनके फोन पर मैसेज और ईमेल के माध्यम से प्रेषित किया गया है और विदेशी प्रतियोगियों को ईमेल के माध्यम से प्रेषित किया गया है।
3. यदि आप अपना पासवर्ड भूल गए हों तो फॉरगेट पासवर्ड पर क्लिक कर अपना मोबाइल नंबर लिखें। आपको पुनः पासवर्ड प्रेषित किया जाएगा।
4. आपको अपना लॉगिन केवल एक बार ही करना है, अगली बार तेरापंथ एप के क्विज फ़ीचर में जाकर सीधे क्विज में संभागी बना जा सकता है।
5. क्विज 27 जुलाई 2018 को भारतीय समय अनुसार दोपहर 2 बजे से 3.15 बजे तक है। इस समय मे किसी भी कारण से बदलाव नही किया जाएगा। यह क्विज संपूर्णत: स्वयंचलित (Automatic) है, अत: इसका प्रारम्भ ठीक 2 बजे एवं समापन ठीक 3.15 बजे हो जाएगा। समय की सम्पन्नता के साथ सॉफ्टवेअर अपने आप खुले हुए प्रश्न को बंद करके आपके उस समय तक दिए हुए उत्तरों को सिस्टम में सेव कर लेगा। यहाँ पर किसी भी प्रकार से मोबाईल फोन के समय में बदलाव या अन्य तकनीकी परिचलन का असर नहीं होगा।
6. यदि आप मोबाईल डाटा उपयोग कर रहे हैं तो कृपया सुनिश्चित कर लें कि आपके फोन में पर्याप्त मोबाईल सिग्नल हैं एवं रेंज या स्पीड सबंधित कोई समस्या नहीं है। आप wifi या मोबाईल Hotspot का भी उपयोग कर सकते हैं। इंटरनेट स्पीड या किसी कारणवश नहीं चलने से सहभागिता में दुविधा के लिए आयोजक किसी भी प्रकार से जिम्मेदार नहीं होंगे।
7. क्विज में 100 प्रश्न होंगे एवं प्रत्येक सहभागी को आकस्मिक स्वंय-उत्पादित (random self-generated) पद्धति से प्रश्न पूछे जाएँगे। सभी प्रश्न समान स्तर पर आधारित हैं। प्रतियोगिता की समय सीमा सभी प्रश्नों के लिए है। आप इस समय सीमा का अपनी इच्छानुसार प्रश्न में उपयोग कर सकते हैं। प्रश्न विशेष पर कोई समय सीमा तय नहीं की गई है।
8. प्रतियोगिता के समय दौरान यदि आपको किसी कारणवश बीच में रुकना पडे तो आप ‘End Quiz’ करके अपनी सहभागिता कुछ क्षणों के लिए रोक सकते हैं। उसके बाद यदि आप निर्धारित समय (3.15 बजे) तक पुनः क्विज से जुड़ना चाहें तो ‘Resume’ पर क्लिक कर पुनः जुड़ सकते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि आपने पहले 15 प्रश्न पूरे कर लिए हों, और आप फिर से ‘Resume’ कर रहे हैं तो आपको अगली बार केवल बचे हुए 85 प्रश्न पूछे जाएंगे।
9. प्रत्येक प्रश्न में चार ऑप्शन दिखाए जाएँगे। कृपया संपूर्ण ध्यान से ऑप्शन सलेक्ट करें एवं ‘Next’ दबाकर अगले प्रश्न पर जाएं। यदि आपको प्रश्न का उत्तर निश्चित नहीं लगता या पता नहीं है तो आप ‘Skip’ करके उस प्रश्न का उत्तर दिए बिना आगे बढ सकते हैं। इस स्थिति में आपके स्कोर में कोई बदलाव नहीं होगा। गलत उत्तर होने पर एक नंबर कटेगा एवं उत्तर सही होने की स्थिति में एक नम्बर जुड़ेगा।
10. कृपया ध्यान रखें एक बार प्रश्न का उत्तर सबमिट या स्किप करने के बाद आप फिर से पीछे नहीं जा सकते, अंत: पूर्णत: निश्चित होने पर ही अगले प्रश्न की तरफ बढें।
11. अतिमहत्वपुर्ण: जिस मोबाइल फोन से आप प्रतियोगिता में संभागी बन रहे हैं, उसी फोन से प्रतियोगिता को पूरा करना होगा। (जरुरत पड़ने पर आप इंटरनेट कनेक्शन बदल सकते हैं) किसी भी स्तिथि में एक व्यक्ति दूसरे फोन से लॉगिन नहीं कर पाएगा। इस स्तिथि में आयोजक आपके फोन से सबंधित किसी भी समस्या में सहयोग नहीं कर सकते।
12. एक फोन पर एक व्यक्ति का क्विज पूरा होने पर उसी फोन पर दूसरा सहभागी तय समय सीमा में अपना सहभाग ले सकता है, बशर्ते कि उसने दूसरे फोन से लॉगिन न किया हो।
13. यदि समय समाप्त होने तक आपके 100 प्रश्न पूरे नहीं हुए हो तो सिस्टम आपको आपके रिजल्ट शीट पर मार्क्स के साथ ‘Attempts Yet to complete/ partially completed’ संदेश दिखाएगा। यदि आपका फाइनल स्कोर निगेटिव है तो आपको ‘Hard Luck, Prepare well’ संदेश प्रेषित होगा।
14. क्विज समाप्त होने पर आपको अपने द्वारा उत्तरित प्रश्नों की संख्या, छोडे हुए प्रश्नों की संख्या एवं गलत उत्तर दिए हुए प्रश्नों की संख्या दिखाई जाएगी। इसके साथ आपके व्दारा अर्जित मार्क्स भी बताए जाएंगे।
15. टाई होने की स्थिति में उन प्रतियोगियों को फिर से समयबद्ध प्रश्न पूछे जाएंगे तथा उसके बाद फाइनल विजेता घोषित किए जाएगे। सभी विजेताओं को एस-एम-एस एवं फोन कॉल के माध्यम से भी सूचित किया जाएगा।
16. विजेताओं की फाइनल लिस्ट में यदि कोई ऐसा होगा, जिसने सहभागी दो अलग-अलग मोबाईल नंबर से एक साथ सहभागिता की हो तो ऐसे प्रतियोगि को प्रतियोगिता से ‘Disqualify’ कर दिया जाएगा एवं उनके बाद का स्थान प्राप्त करने वाले प्रतियोगी को विजेता घोषित किया जाएगा।
17. सिस्टम या पूरे एप की चलन प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की तांत्रिक छेडखानी या समय से पहले शुरु या समय के बाद अंत: मिलने वाले प्रतियोगी ‘Disqualified’ होंगे।
18. प्रतियोगिता के तकनीकी परिचलन, प्रश्न तथा टॉपर्स के चुनाव की प्रक्रिया के विषय में आयोजकों का निर्णय अंतिम एवं सर्व मान्य होगा।
🎁 पुरस्कार 🎁
*प्रथम: लेपटॉप (लगभग 31000/-)*💻
*द्वितीय: मोबाइल (लगभग 21000/-)*📱
*तृतीय: मोबाइल (लगभग 11000/-)*📱
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🙏🏻संप्रसारक🙏🏻
*सूचना एवं प्रसारण विभाग*
*जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा*
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🔮 *अणुव्रत* 🔮
🎗 *संपादक* 🎗
श्री अशोक संचेती
🌀 *जुलाई अंक* 🌀
💎 पढिये 💎
*अणुव्रत कहिन!*
स्तम्भ के अंतर्गत
🗯
दो भावपूर्ण कविताएं
🗯
*मुनि बुद्धमल्ल*
की
*भाषा क्या है?*
*भावों का लंगड़ाता सा अनुवाद*
🗯
*समणी सत्यप्रज्ञा*
की
*भीतर का सच*
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🔅 प्रेषक 🔅
*अणुव्रत सोशल मीडिया*
🔅 संप्रसारक 🔅
🌻 *संघ संवाद* 🌻
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*आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी* द्वारा प्रदत प्रवचन का विडियो:
*संकल्प शक्ति का विकास: वीडियो श्रंखला ५*
👉 *खुद सुने व अन्यों को सुनायें*
*- Preksha Foundation*
Helpline No. 8233344482
संप्रेषक: 🌻 *संघ संवाद* 🌻
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अध्यात्म के प्रकाश के संरक्षण एवं संवर्धन में योगभूत तेरापंथ धर्मसंघ के जागरूक श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।
🛡 *'प्रकाश के प्रहरी'* 🛡
📜 *श्रंखला -- 40* 📜
*किसनमलजी भंडारी*
*प्रार्थना और चातुर्मास*
किसनमलजी की धार्मिक वृत्ति बहुत अच्छी थी। संघ की हितैषणा में उन्होंने अपने समय और शक्ति का काफी उपयोग किया। जयाचार्य के समय से ही अपने पिता बहादुरमलजी के साथ उन्होंने धार्मिक कार्यों में भाग लेना प्रारंभ किया था, जो कि अंत तक वर्धमान रूप में चलता रहा। आचार्यों की उन पर असीम कृपा थी। उनकी प्रत्येक प्रार्थना पर विशेष ध्यान दिया जाता था और यथासंभव उसकी पूर्ति भी की जाती थी।
एक बार डालगणी लाडनूं में विराज रहे थे। किसनमलजी ने जोधपुर से अपने छोटे भाइयों को स्थानीय श्रावकों के साथ डालगणी के दर्शनार्थ भेजा। वे स्वयं रुग्ण होने के कारण नहीं जा सके, अतः अपनी भावना को उन्होंने उन श्रावकों के माध्यम से ही वहीं पहुंचाया। उन्होंने इस अवसर पर कुछ कविताएं भी लिख कर भेजीं जिन्हें चारण कवि लिखमीदानजी द्वारा परिषद् में पढ़कर सुनाया गया। कविता के द्वारा उन्होंने डालगणी से संवत् 1959 का आगामी चातुर्मास जोधपुर में करने के लिए प्रार्थना की थी। आचार्य श्री ने उनकी प्रार्थना को तत्काल स्वीकृति प्रदान कर दी। चातुर्मास में किसनमलजी को अतिरिक्त धार्मिक संबल प्राप्त हुआ।
*देहावसान*
किसनमलजी के अंतिम चार वर्ष वेदना में गुजरे। उन पर पक्षाघात का आक्रमण हो गया। रोग ने उनकी शारीरिक शक्ति को अवश्य प्रभावित किया, परंतु मानसिक शक्ति अंत तक प्रबल रही। उस रुग्णावस्था में भी उन्होंने अपनी पत्नी 'लहोड़ीजी' को मर्यादा महोत्सव के अवसर पर डालगणी के दर्शन करने के लिए लाडनूं भेज दिया। वे वापस जोधपुर पहुंचीं, उससे पूर्व ही भंडारीजी ने संवत् 1962 माघ शुक्ला 11 को देहत्याग कर दिया।
*संघ के अत्यंत हितैषी और दृढ़ निष्ठाशील श्रावक सुखराजजी भंडारी के प्रेरणादायी जीवन-वृत्त* के बारे में जानेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में क्रमशः...
प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
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जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।
📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य* 📙
📝 *श्रंखला -- 386* 📝
*जनप्रिय आचार्य जिनदत्त*
जिनदत्तसूरि श्वेतांबर सुविहित मार्गी थे। खरतरगच्छ में उनका नाम बड़े आदर से लिया जाता है। उनकी प्रसिद्धि बड़े दादा नाम से है। 'दादा' शब्द पूज्य भाव का प्रतीक है एवं भक्तों की अनन्य निष्ठा को प्रकट करता है।
*गुरु-परंपरा*
जिनदत्तसूरि जिनवल्लभसूरि के पट्टधर शिष्य थे तथा जिनवल्लभसूरि भी नवांगी टीकाकार अभयदेव के पट्ट शिष्य थे। जिनदत्त के दीक्षा गुरु धर्मदेव उपाध्याय थे और जिनवल्लभसूरि के दीक्षा गुरु चैत्यवासी जिनेश्वरसूरि थे। बुद्धिसागरसूरि के ज्येष्ठ बंधु सुविहितमार्गी जिनेश्वरसूरि इनसे भिन्न थे। वे टीकाकार अभयदेवसूरि के गुरु थे। जिनवल्लभसूरि अभयदेवसूरि से प्रशिक्षण पाकर चैत्यवासी परंपरा को छोड़ सुविहितमार्गी हो गए। जिनदत्तसूरि इन्हीं जिनवल्लभसूरि के पट्ट शिष्य थे।
*जन्म और परिवार*
जिनदत्तसूरि का जन्म गुजरात प्रदेशांतर्गत धवलकनगर (धोलका) वैश्यवंश में वीर निर्वाण 1602 (विक्रम संवत् 1132) में हुआ। उनका गोत्र हुम्बड़ था। उनके पिता का नाम वाग्छिग था। श्रेष्ठी वाग्छिग तत्कालीन गुजरात राज्य के अमात्य पद पर अधिष्ठित थे। माता वाहड़देवी धार्मिक विचारों की महिला थी।
*जीवन-वृत्त*
बाल्यकाल में जिनदत्तसूरि को धार्मिक वातावरण प्राप्त था। एक बार धोलका में जिनेश्वरसूरि के शिष्य उपाध्याय धर्मदेव की आज्ञानुवर्तिनी साध्वियों का चातुर्मास हुआ। उनके पास अपने पुत्र को साथ लेकर वाहड़देवी धर्म कथाएं सुनने के लिए जाती थी। धर्म कथाओं को सुनकर बालक के मन में वैराग्य के भाव जागृत हुए। मुनि जीवन स्वीकार करने की इच्छा हुई। बालक के शरीर पर शुभ चिन्ह थे, जो उसके सुंदर भविष्य के संकेत थे। साध्वियों ने होनहार बालक को धर्मसंघ में अर्पित करने के लिए वाहड़देवी को प्रेरणा दी। धर्मानुरागिनी वाहड़देवी भी इस कार्य के लिए तैयार हो गई। उपाध्याय धर्मदेव ने बालक को वीर निर्वाण 1611 (विक्रम संवत् 1141) में दीक्षा प्रदान की। नवदीक्षित मुनि का नाम सोमचन्द्र रखा गया। इस समय मुनि सोमचन्द्र की अवस्था 9 वर्ष की थी। सर्वदेवगणी ने नवदीक्षित मुनि सोमचन्द्र को मुनिचर्या का बोध दिया।
अणहिल्लपुर पाटण में भावड़ागच्छ के आचार्य के पास बाल मुनि सोमचन्द्र ने लक्षणपंजिका आदि अनेक विषयों का अध्ययन किया। व्याकरण, न्याय, छेदशास्त्र आदि विद्याओं में दक्षता प्राप्त की। हरिसिंहाचार्य से सैद्धांतिक वाचना तथा मंत्र विद्या का प्रशिक्षण लिया।
मुनि सोमचन्द्र की मेधा पर हरिसिंहाचार्य मुग्ध थे। उन्होंने आगमिकक ज्ञान के साथ निजी अध्ययन का भी बाल मुनि को प्रशिक्षण दिया। सात वर्ष तक अणहिल्लपुर पाटण में रहकर मुनि सोमचन्द्र ने जैन दर्शन का गहन अध्ययन किया।
चित्तौड़ में वीर निर्वाण 1639 (विक्रम संवत् 1169) वैशाख कृष्णा छठ शनिवार को देवभद्राचार्य ने उन्हें सूरि पद पर प्रतिष्ठित किया और उनका नाम जिनदत्त रखा। पाटण में उन्हें युगप्रधान पद मिला।
*जनप्रिय आचार्य जिनदत्त ने किस प्रकार सुविहितमार्गी धारा को पुष्ट किया व खरतरगच्छ का प्रवर्तन किया...?* जानेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...
प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
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👉 पूंर्वाचल, कोलकाता - धम्म जागरण का आयोजन
👉 राउरकेला - आचार्य भिक्षु का 293वां जन्मदिवस ओर 261 वां बोधिदिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
👉 बरेटा - जीवन विज्ञान व्यक्तित्व विकास की शान कार्यक्रम का आयोजन
👉 टिटिलागढ - आचार्य भिक्षु का 293 वें जन्म दिवस एवं 261 वें बोधिदिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
👉 सिलिगुड़ी - 293 वां आचार्य भिक्षु जन्म दिवस एवं 261वां बोधिदिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
👉 बरेटा - चातुर्मासिक मंगल प्रवेश
👉 श्रीगंगानगर - आचार्य भिक्षु का 293वां जन्मदिवस ओर 261 वां बोधिदिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
👉 जींद - साध्वी डाँ कुन्दनरेखा जी का चातुर्मासिक मंगल प्रवेश
👉 नोहर - चातुर्मासिक प्रवेश पर मंगल भावना कार्यक्रम का आयोजन
👉 रायपुर - साध्वी श्री स्वागत कार्यक्रम
👉 कोयम्बत्तूर - आचार्य श्री भिक्षु का 293 वां जन्म दिवस एवं 261 वां बोधि दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
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👉 सवाई माधोपुर (आदर्श नगर) - चातुर्मासिक मंगल प्रवेश
👉 तिरुपुर - मुनिवृन्द का मंगल प्रवेश एवं स्वागत समारोह
👉 पीलीबंगा - मंगल प्रवेश एवं स्वागत समारोह
👉 सैंथिया - मंगल प्रवेश एवं स्वागत समारोह
👉 दिल्ली: "स्वच्छ भारत - स्वस्थ भारत और अणुव्रत" पर "पार्षद सम्मेलन" का आयोजन
👉 ईसलामपुर - Empowerment के अंतर्गत Elavate yourself आध्यात्मिक कार्यशाला का आयोजन
👉 अमराईवाड़ी-ओढव - सामुहिक जन्मोत्सव का आयोजन
👉 विजयनगरम (आंध्रप्रदेश): मुनि वृन्द का "चातुर्मासिक मंगल प्रवेश"
👉 अहमदाबाद: "जैन संस्कार विधि" द्वारा नूतन प्रतिष्ठान का शुभारंभ
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