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षष्ठपट्टाचार्य परमपूज्य सराकोद्धारक आचार्य श्री 108 ज्ञानसागर जी महाराज ससंघ आज दिनांक 19-01-019 को सांय 5 बजे श्री 1008 ऋषभदेव दिगम्बर जैन मन्दिर, मयूर विहार फेस 1, दिल्ली में विराजमान...
88वां जिला जेल प्रवचन - फरीदाबाद
षष्ठपट्टाचार्य परम पूज्य 108 श्री ज्ञानसागर जी मुनिराज के मंगल प्रवचन दिनांक 16-01-19 को जिला जेल, फरीदाबाद में हुए।
जेल अधिकारियों एवं नगर के प्रतिष्ठित व्यक्तियों की उपस्थिति में सैकड़ों कैदियों को सम्बोधित करते हुए *गुरुवर ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जन्म से अपराधी नहीं होता, परिस्थितियां ही उसे अपराध के रास्ते पर ढकेल देती है।* कईं बार निरपराध व्यक्ति भी पकड़ लिए जाते हैं, किन्तु किसी भी दशा मे हतोत्साहित नहीं होना चाहिए। कैदियों के *मानस को झकझोरते हुए* पूज्य श्री ने जब ये कहा कि आपकी अनुपस्थिति में आपके परिवार पर क्या बीतती होंगी? कैसे वे लोग होली, दिवाली, ईद जैसे त्यौहार मनाते होंगे? किसकी कलाई पर आपकी बहन राखी बांधती होंगी? *तो सभी कैदियों की आखें भर गई।*
गुरुवर ने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा कि अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है। आप लोग आत्म निरीक्षण करें और अपने कृत्यों का पश्चाताप करते हुए भविष्य में अपराध की राह पर न चलने का संकल्प करें। *उन्होंने कैदियों से कोई भी एक बुराई को छोड़ने की भी प्रेरणा दी।*
उप अधीक्षक श्री रमेश कुमार ने कहा उन्हें पूर्ण विश्वास है कि जेल से छूटने के पश्चात् कोई भी कैदी ऐसा कृत्य नहीं करेगा कि उसे पुनः जेल मे आना पड़े।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में कैदियों द्वारा भजन पाठ किया गया।
कार्यक्रम का कुशल संचालन करते हुए कृष्णानगर दिल्ली निवासी *श्री जे के जैन ने दिगंबर मुनि चर्या की विस्तृत जानकारी दी*, कि किस प्रकार जैन साधु नग्न रहते हुए पैदल चलते हैं और दिन में केवल एक बार भोजन करते हैं वह भी खड़े होकर अपने हाथों की अंजुली में। अपने हाथों से ही दाढ़ी मूंछ और सिर के बालो का लुंचन करते हैं।
पूज्य गुरुदेव ने जेल में चलाई जा रही संगीत, कंप्यूटर कक्षाओं और जैविक खेती की प्रशंसा की।
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