Updated on 29.09.2019 22:16
⏩ *अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमणजी* द्वारा उद्घोषित *अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह* के अन्तर्गत *अणुव्रत महासमिति* के तत्वावधान में *अणुव्रत समितियों* द्वारा आयोजित कार्यक्रम.....*__________________________________________*
*__________________________________________*
🌀 *साम्प्रदायिक सौहार्द दिवस*
*__________________________*
✡ शाहदरा (दिल्ली)
☢ केलवा
✳ भीलवाड़ा
💦 *जीवन विज्ञान दिवस*
*__________________________*
✡ शाहदरा (दिल्ली)
☢ माडल टाउन (दिल्ली)
✳ कोलकाता
✡ हुबली
💧 *अणुव्रत प्रेरणा दिवस*
*__________________________*
✡ सादुलपुर-राजगढ़
☢ केलवा
✳ मोमासर
✡ राजसंमद
☢ पीलीबंगा
✳ अहमदाबाद
✡ उत्तर मध् गुवाहाटीय दिल्ली
☢गुवाहाटी
💠 *पर्यावरण शुद्धि दिवस*
*__________________________*
✡ जयपुर
⛲ *नशामुक्ति दिवस*
*__________________________*
✡ पनवेल (मुम्बई)
☢ केलवा
❄ *अनुशासन दिवस*
*__________________________*
✡ हिसार
☢ जयपुर
👉 पालघर ~ दीक्षार्थी का अभिनंदन समारोह का आयोजन
👉 सिलीगुड़ी - तीन दिवसीय प्रेक्षाध्यान कार्यशाला का आयोजन
प्रस्तुति: 🌻 *संघ संवाद* 🌻
Updated on 29.09.2019 22:16
🙏🌸*⃣🌸🙏🌸*⃣🌸🙏🌸*⃣'सम्बोधि' का संक्षेप रूप है— सम्यक् दर्शन, सम्यक् ज्ञान और सम्यक् चारित्र। यही आत्मा है। जो आत्मा में अवस्थित है, वह इस त्रिवेणी में स्थित है और जो त्रिवेणी की साधना में संलग्न है, वह आत्मा में संलग्न है। हम भी सम्बोधि पाने का मार्ग प्रशस्त करें आचार्यश्री महाप्रज्ञ की आत्मा को अपने स्वरूप में अवस्थित कराने वाली कृति 'सम्बोधि' के माध्यम से...
🔰 *सम्बोधि* 🔰
📜 *श्रृंखला -- 52* 📜
*अध्याय~~4*
*॥सहजानंद-मीमांसा॥*
💠 *भगवान् प्राह*
*24. सुस्वादाश्च रसाः केचित्, गन्धाश्च केचन् प्रियाः।*
*सन्तोऽपि हि न लभ्यन्ते, विना यत्नेन मानवैः।।*
*25. तथाऽस्मिन् महान् राशिः, आनंदस्य च विद्यते।*
*इन्द्रियाणां मनसश्च, चापलेन तिरोहितः।।*
कुछ रस बहुत स्वादपूर्ण हैं और कुछ गंध बहुत प्रिय हैं, किंतु वे तब तक प्राप्त नहीं होते, जब तक उनकी प्राप्ति के लिए यत्न नहीं किया जाता। वैसे ही आत्मा में आनंद की विशाल राशि विद्यमान है, किंतु वह मन और इंद्रियों की चपलता से ढंकी हुई है।
*26. यावन्नान्तर्मुखी वृत्तिः, बहिर्व्यापारवर्जनम्।*
*तावत्तस्य न चांशोऽपि, प्रादुर्भावं समश्नुते।।*
जब तक वृत्तियां अंतर्मुखी नहीं बनतीं और उनका बहिर्मुखी व्यापार नहीं रुकता, तब तक आत्मिक आनंद का अंश भी प्रकट नहीं होता।
*27. कायिके वाचिके सौख्ये, तथा मानसिकेऽपि च।*
*रज्यमानस्ततश्चोर्ध्वं, न लोको द्रष्टुमर्हति।।*
जो मनुष्य कायिक, वाचिक और मानसिक सुख में ही अनुरक्त रहता है, वह उससे आगे देख नहीं सकता।
*28. विहाय वत्स! संकल्पान्, नैष्कर्मण्यं प्रतीरितान्।*
*संयम्येन्द्रियसंघातं, आत्मनि स्थितिमाचर।।*
वत्स! नैष्कर्म्य-योग के प्रति तेरे मन में जो संकल्प-विकल्प हुए हैं, उन्हें छोड़ और इन्द्रिय-समूह को संयत बनाकर आत्मा में अवस्थित बन।
*29. न चेयं तार्किकी वाणी, न चेदं मानसं श्रुतम्।*
*अनुभूतिरियं साक्षात्, संशयं कुरु मानऽघ!*
पुण्यात्मन्! जो मैं कह रहा हूं, वह कोरी तार्किक वाणी नहीं है, काल्पनिक या सुनी हुई बात भी नहीं है। यह मेरी साक्षात् अनुभूति है, इसमें संदेह मत कर।
*30. आगमानामधिष्ठानं, वेदानां वेद उत्तमः।*
*उपादिदेश भगवान्, आत्मानन्दमनुत्तरम्।।*
भगवान ने अनुत्तर आत्मानंद का उपदेश दिया। वे आगमो के अधिष्ठान-आधार और वेदों-शास्त्रों में उत्तम शास्त्र हैं।
*इति आचार्य महाप्रज्ञविरचिते संबोधिप्रकरणे*
*सहजानंदमीमांसानामा चतुर्थोऽध्यायः*
*पंचम अध्याय मोक्ष-साधन-मीमांसा के श्लोकों में आत्मसुख के साधन और साध्य...* के बारे में जानेंगे... समझेंगे... प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली श्रृंखला में... क्रमशः...
प्रस्तुति- 🌻 *संघ संवाद* 🌻
🙏🌸*⃣🌸🙏🌸*⃣🌸🙏🌸*⃣
🧘♂ *प्रेक्षा ध्यान के रहस्य* 🧘♂
🙏 *आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी* द्वारा प्रदत मौलिक प्रवचन
👉 *प्रेक्षा वाणी: श्रंखला २७०* - *ध्यान के प्रकार ७*
एक *प्रेक्षाध्यान शिविर में भागलेकर देखें*
आपका *जीवन बदल जायेगा* जीवन का *दृष्टिकोण बदल जायेगा*
प्रकाशक
*Preksha Foundation*
Helpline No. 8233344482
📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
https://www.facebook.com/SanghSamvad/
🌻 *संघ संवाद* 🌻
🙏 *आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी* द्वारा प्रदत मौलिक प्रवचन
👉 *प्रेक्षा वाणी: श्रंखला २७०* - *ध्यान के प्रकार ७*
एक *प्रेक्षाध्यान शिविर में भागलेकर देखें*
आपका *जीवन बदल जायेगा* जीवन का *दृष्टिकोण बदल जायेगा*
प्रकाशक
*Preksha Foundation*
Helpline No. 8233344482
📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
https://www.facebook.com/SanghSamvad/
🌻 *संघ संवाद* 🌻
🧘♂ *प्रेक्षा ध्यान के रहस्य* 🧘♂
🙏 #आचार्य श्री #महाप्रज्ञ जी द्वारा प्रदत मौलिक #प्रवचन
👉 *#कैसे #सोचें *: #निषेधात्मक #भाव १*
एक #प्रेक्षाध्यान शिविर में भाग लेकर देखें
आपका *जीवन बदल जायेगा* जीवन का *दृष्टिकोण बदल जायेगा*
प्रकाशक
#Preksha #Foundation
Helpline No. 8233344482
📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
https://www.facebook.com/SanghSamvad/
🌻 #संघ #संवाद 🌻
🙏 #आचार्य श्री #महाप्रज्ञ जी द्वारा प्रदत मौलिक #प्रवचन
👉 *#कैसे #सोचें *: #निषेधात्मक #भाव १*
एक #प्रेक्षाध्यान शिविर में भाग लेकर देखें
आपका *जीवन बदल जायेगा* जीवन का *दृष्टिकोण बदल जायेगा*
प्रकाशक
#Preksha #Foundation
Helpline No. 8233344482
📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
https://www.facebook.com/SanghSamvad/
🌻 #संघ #संवाद 🌻
🧘♂ *प्रेक्षा ध्यान के रहस्य* 🧘♂
🙏 *आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी* द्वारा प्रदत मौलिक प्रवचन
👉 *प्रेक्षा वाणी: श्रंखला २६९* - *ध्यान के प्रकार ६*
एक *प्रेक्षाध्यान शिविर में भागलेकर देखें*
आपका *जीवन बदल जायेगा* जीवन का *दृष्टिकोण बदल जायेगा*
प्रकाशक
*Preksha Foundation*
Helpline No. 8233344482
📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
https://www.facebook.com/SanghSamvad/
🌻 *संघ संवाद* 🌻
🙏 *आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी* द्वारा प्रदत मौलिक प्रवचन
👉 *प्रेक्षा वाणी: श्रंखला २६९* - *ध्यान के प्रकार ६*
एक *प्रेक्षाध्यान शिविर में भागलेकर देखें*
आपका *जीवन बदल जायेगा* जीवन का *दृष्टिकोण बदल जायेगा*
प्रकाशक
*Preksha Foundation*
Helpline No. 8233344482
📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
https://www.facebook.com/SanghSamvad/
🌻 *संघ संवाद* 🌻