23.04.2025: Acharya Shiv Muni

Published: 23.04.2025

Posted on 23.04.2025 12:04

अपने किये हुए कर्मों से ही दुःखी है जीव: आचार्य सम्राट डॉ. शिव मुनि जी म.सा.
23 अप्रैल 2025, त्रिकम नगर, सूरत
‘‘संसार में कुछ भी अच्छा या बुरा नहीं है संसार जैसा है वैसा रहेगा, व्यक्ति एक दूसरे को देखते हैं और अच्छे बुरे की क्रिया-प्रतिक्रिया करते हैं। भगवान कहते हैं किसी को देखो मत, अपने आपको देखो, अपने भीतर देखो। अपने भीतर केवल ध्यान के द्वारा ही देखा जा सकता है। यदि आप अपने भीतर गहराई में जांएगे तो वर्तमान और भविष्य संवर जाएगा।’’ उपरोक्त विचार आचार्य सम्राट डॉ. श्री शिव मुनि जी म.सा. ने अरिहंत पार्क, त्रिकम नगर के पंचवटी वाड़ी में उपस्थित विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किये।
उन्होंने उद्बोधन में आगे फरमाया कि आत्मा में अनन्त ज्ञान, अनन्त दर्शन, अनन्त सुख है। बाहर से मिलने वाला सुख नहीं होता है, सुख का आभास होता है। सच्चा सुख आत्मा में है। शरीर को देखते हैं तो क्रिया-प्रतिक्रिया, राग-द्वेष उत्पन्न होगा जिससे कर्मों का बंधन होगा और कर्मों का बंधन ही आपको दुर्गति की ओर ले जाता है। व्यक्ति यदि जीव को देखेगा तो कर्मों की निर्जरा होगी।
इससे पूर्व युवाचार्य श्री महेन्द्र ऋषि जी म.सा. ने अपने उद्बोधन में फरमाया कि मनुष्य जन्म से ही दुःखी है, जब किसी बच्चे का जन्म होता है तो वह बच्चा रोता है और यदि नहीं रोता है तो उसे रूलाया जाता है एक तरह से दुःख की शुरूआत ही जन्म से ही हो जाती है। रोने से शुरू हुई जीवन की यात्रा रूलाने तक समाप्त हो जाती है। आत्मा की दृष्टि से देखा जाए तो दुःख आत्मा का नहीं दुःख शरीर का ही है।
इससे पूर्व प्रवर्तक श्री प्रकाश मुनि जी म.सा. ने ‘‘सारा जीवन अब तेरे हवाले’’ भजन प्रस्तुति के साथ अपने उद्बोधन में फरमाया कि मनुष्य को अपेक्षा हमेशा दुःखी करती है वह कल्पनाओं और विचारों से दुःखी होता है।
त्रिकम नगर की महिला मण्डल ने ‘‘कलियां खिल गई, खुशियां मिल गई आप पधारे स्वागतम्-स्वागतम्’ स्वागत भजन प्रस्तुत किया।
त्रिकमनगर श्रीसंघ के पदाधिकारियों ने मुमुक्षु समक्ष, मुमुक्ष शिवांश, मुमुक्षु मानस का सम्मान किया।
कार्यक्रम का संचालन श्री शमित मुनि जी म.सा. ने किया।
विशेष: आचार्य सम्राट डॉ. शिवमुनि जी म.सा., युवाचार्य श्री महेन्द्र ऋषि जी म.सा, प्रवर्तक श्री प्रकाश मुनि जी म.सा., प्रमुख मंत्री श्री शिरीष मुनि जी म.सा. आदि ठाणा-14 दिनांक 24 अप्रैल 2025 वर्धमान जैन अरिहंत पार्क, त्रिकम नगर से प्रातः 6 बजे विहार कर 6.30 बजे रोकड़िया हनुमान मन्दिर पहुंचेंगे जहां से भव्य शोभायात्रा के साथ प्रातः 7.30 बजे उधना तेरापंथ भवन में भव्य प्रवेश करेंगे, तत्पश्चात् प्रातः 9 बजे प्रवचन होगा।
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