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सत गुण से जीवन को जगमगाएं: मुनि शुभकरण
राजसमंद 5 अप्रेल 2011 (जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो)
Muni Subhkaran
मुनि शुभकरण
आचार्य महाश्रमण जी के विद्धवान शिष्य - ध्यान योगी मुनि शुभकरण ने कहा कि नव वर्ष में सत गुण जगाने का प्रयास करें और सात्विकता से जीवन को जगमगाएं। वे नव संवत्सर पर संबोधि उपवन में मुनि तत्वरुचि तरुण के सानिध्य में वृहद मंगल पाठ के बाद आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि चैत्र नवरात्र का पर्व दैवीय शक्तियों के जागरण और आसुरी शक्तियों को समाप्त करने का अवसर है। प्रकृति से पेड़ भी नई हरीतिमा धारण कर रहे हैं और पुराने पत्ते झड़ रहे हैं। नई कोंपलें आ ही हैं। इसी प्रकार प्रकृति से प्रेरणा लेकर मनुष्य में भी नई चेतना का संचार हो। उसके रजो और तमो गुणों का नाश हो तथा सतगुणों का विकास हो। मुनि तत्वरुचि तरुण ने कहा कि नववर्ष पर केवल केलेंडर ही नहीं अपनी आदतों और वृत्तियों को भी बदलें। शुभ संकल्पों को स्वीकार करें। प्रारंभ में मुनि सिद्धार्थ कुमार ने मंगलाचरण किया। इस अवसर पर मुनि भवभूति, मुनि सौम्य कुमार के साथ ही श्रावक व श्राविकाएं उपस्थित थे। संचालन सुंदरलाल लोढ़ा ने किया।