मुनि जिनेश की संसारपक्षीय माताजी श्रीमती धन्नीदेवी बुरड़ का संलेखनामय देह त्याग
जसोल (राज.) दिनांक ०९ अप्रैल,२०११.
मुनि जिनेशकुमारजी की संसारपक्षीय माताजी श्रीमती धन्नीदेवी बुरड़ ने आज ४८ दिन की तपस्या एवं ३० दिन का संथारा इस प्रकार कुल लगातार ७८ दिन की संलेखना के पश्चात आज दोपहर लगभग 1.50 बजे देह त्याग किया. उनकी अंतिम यात्रां वेकुंठी स्वरूप में कल सुबह १० बजे उनके जसोल निवास स्थान से निकाली जायेगी.
मुनि मदन कुमारजी, मुनिसुव्रत जी एवं साध्वी श्री गुलाबाजी के सानिध्य में आपने संथारा प्रत्याखान किया था. लगातार ७८ दिनों से जसोल में माहोल अध्यात्म्मय बना हुआ था. संथारा श्राविका के निवास पर लोगो का ताँता लगा रहता था एवं धम्म जागरण, भजन, जाप आदि क्रम अनवरत रूप से चल रहे थे.
तेरापंथ भवन में श्ुाक्रवार को श्रद्धालुओं को संबोधित करती हुए शासन गौरव साध्वी राजमती ने कहा कि जैन धर्म में अनेक मंत्र है लेकिन इन सबमें नवकार महामंत्र महत्वपूर्ण है। नवकार मंत्र का सही तरीके से प्रयोग श्रावकों को अपने जीवन में करना चाहिए जिससे श्रावकों की हर समस्या का समाधान स्वत: ही हो जाएगा।
साध्वी राजमती ने कहा कि मंत्र में तीन शक्तियां होती है, इष्ट शक्ति, आत्म शक्ति व मंत्र की शक्ति तीनों साथ हो तो काम निश्चित सफल होगा। मंत्र का अर्थ है मन शक्ति को बढ़ाने वाला। आचार्य महाप्रज्ञ कहा करते थे कि व्यक्ति को अपनी सोच सकारात्मक रखनी चाहिए। सकारात्मक सोच से व्यक्ति अपने जीवन का सर्वांगीण विकास कर सकता है। उन्होंने कहा कि श्रावक समाज को तेरापंथ धर्मसंघ के सिद्धांत एक गुरु एक विधान की पालना करते हुए समाज की गरिमा को बनाए रखना है। इस अवसर पर तेरापंथ सभा प्रवक्ता प्रदीप सुराणा, उपाध्यक्ष रूपचंद दुधोडिय़ा, मंत्री बिमल दुधोडिय़ा, सहमंत्री लक्ष्मीपत्त सुराणा, बाबूलाल दुधोडिय़ा, जगतसिंह चोरडिय़ा, उत्तम दुधोडिय़ा, आलोक नाहटा व महिला मंडल की कंचन देवी नाहटा, संतोष भंसाली, मंजू दुधोडिय़ा, प्रिया नाहटा, पुष्पा दुधोडिय़ा, सरोज भंसाली व कविता भंसाली सहित अनेक जैन धर्मावलंबी उपस्थित थे।
आचार्य महाश्रमण का रेलमगरा में प्रवेश, पुलिस थाने के सामने बने पंडाल में हुई धर्मसभा
आचार्य शुक्रवार को पुलिस थाने के सामने बने पंडाल में आयोजित धर्मसभा में जन समूह को संबोधित कर रहे थे।
आचार्य महाश्रमण ने आचार्य ने पूरे मेवाड़ में अहिंसा यात्रा निकालने के बारे में बताया कि लोगों में हिंसा की भावना को समाप्त कर अहिंसा का पाठ पढ़ाना उनका प्रथम उद्देश्य है तथा बड़ी खुशी की बात है कि इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए जन समुदाय सहर्ष आगे आ रहा है।
आज गुरु के आदेश की पालना कठिन: आचार्य शुक्रवार को पुलिस थाने के सामने बने पंडाल में आयोजित धर्मसभा में जन समूह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कहा कि गुरु का कर्म शिष्य को ज्ञान देना और सही राह पर चलने का मार्ग प्रशस्त करना है, तो शिष्य का कर्म गुरु के आदेशों की पालना के साथ सम्मान करना, सेवा करना है। आज गुरु के आदेशों की पालना करना बहुत कठिन कार्य है। इसके लिए पहले अपने आप पर शासन, फिर अनुशासन, तभी अपने कर्मों का पालन कर सकते हैं। आचार्य ने कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ में एक ही आचार्य होते हैं, जो सभी साधु व साध्वियों के गुरु होते हैं। इसमें अपना अलग से कोई गुरु-शिष्य नहीं होते हैं।
‘अहिंसा का पाठ...
धर्मसभा का शुभारंभ साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा के नमस्कार महामंत्र एवं महिला मंडल के स्वागत गीत से हुआ। संचालन श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ सभा के मंत्री सुमतिचंद बोहरा ने किया। इस दौरान सांसद गोपालसिंह शेखावत, नाथद्वारा विधायक कल्याण सिंह चौहान, मेवाड़ कांफ्रेंस अध्यक्ष डॉ. बसंतीलाल बाबेल, अणुव्रत पत्रिका के डॉ. महेंद्रसिंह कर्नावट, प्रधान रेखा अहीर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरिसिंह राठौड़, उपखंड अधिकारी राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल, समाजसेवी लेहरूलाल अहीर, सरपंच प्रकाश चौधरी, फतह मोहम्मद, अल्लाहनूर मंसूरी, इकबाल रंगरेज, गुणसागर कर्नावट, भवरलाल कर्नावट, सभाध्यक्ष महावीर लोढा, भाजपा जिलाध्यक्ष नंदलाल सिंघवी, भाजपा मंडल अध्यक्ष गोविंदलाल सोनी सहित बंबई मित्र मंडल अध्यक्ष, ओसवाल समाज अध्यक्ष आदि उपस्थित थे।
अहिंसा यात्रा में उमड़ा जन सैलाब
रेलमगरा. आचार्य महाश्रमण की धर्मसभा में शामिल जनसमुदाय।
9 अप्रेल 2011 (जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो मुम्बई)
धर्मसभा से पहले आचार्य महाश्रमण के कुरज से पेट्रोल पंप की ओर रेलमगरा में प्रवेश करने पर हजारों लोग स्वागत के लिए आतुर थे। यहां स्वागत करने के बाद अहिंसा यात्रा नगर की ओर रवाना हुई। इसमें नन्हे बच्चे सिर पर टोपी व एक जैसी ड्रेस पहन कर आगे चल रहे थे। इनके पीछे महिला मंडल की सदस्य चल रही थीं। आचार्य के रेलमगरा पहली बार पदार्पण पर सभी समाज व संस्थानों व अधिकारियों ने स्वागत किया, जिसमें मुस्लिम समाज के हाजी शफी मोहम्मद, हाजी जफर अली शेख, उपखंड अधिकारी राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल, तहसीलदार प्यारेलाल शर्मा, मदारा पूर्व सरपंच रतनसिंह शक्तावत, जमनालाल टांक आदि शामिल थे।
महाश्रमण का कुरज में स्वागत
9 अप्रेल 2011 (जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो मुम्बई)
कुरज & तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें आचार्य महाश्रमण ने अपनी धवल सेना के साथ शुक्रवार को कुरज में प्रवेश किया। आचार्य के अहिंसा यात्रा के साथ जूणदा से कुरज में प्रवेश करते ही कस्बे के खांखल देवजी स्थानक के समीप श्रावक व श्राविकाओं ने गर्म जोशी से स्वागत किया। यहां पर जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों की अगवानी में आचार्य की अहिंसा यात्रा को गांव के मुख्य मार्गों निकाला गया। यहां से यात्रा रेलमगरा की ओर विहार कर गई। इस दौरान पूर्व सरपंच अरुण बोहरा, राजेश जैन, रोशनलाल जैन, सरपंच लक्ष्मण अहीर, सुनील बोहरा, गिरिराज लावटी, गोपाल बोहरा, कुंवारिया थानाधिकारी दलपतसिंह राठौड़ मय जाप्ता मौजूद थे।
व्यसन एवं नशा मुक्ति रैली आज
तेरापंथ युवक परिषद के अभिषेक सोनी ने बताया कि रेलमगरा नगर में शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे व्यसन एवं नशा मुक्ति रैली निकाली जाएगी और आचार्य महाश्रमण का उद्बोधन साढ़े नौ बजे होगा।
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