News in English:
Location: | Kelwa |
Headline: | Fulfilled Commitment Of Acharya Mahaprajna◄ Acharya Mahashraman |
News: | Acharya Mahashraman in his first speech in Kelwa admitted that he come Kelwa to fulfil commitment given by Acharya Mahaprajna. It was my duty to complete his unfinished task. He briefed old memories of 2008 and how programme was changed due to health of Acharya Mahaprajna that time. Religion is auspicious. What is religion. Non-violence, Sanyam and Penance are religion. He expressed his desire to see drug free society. Central Minister C.P. Joshi said that for strong democracy morality is first condition. Acharya Mahashraman working for moral values. Minister from Maharashtra Ganesh Nayak appealed Acharya Mahashraman to visit Maharashtra. Member of Parliament Gopal Shekhawat requested local people to take maximum benefit of pravachan during Chaturmas. |
News in Hindi:
‘गुरु का वचन पूरा करने आए हैं’
केलवा में चातुर्मास प्रवेश के बाद पहली धर्मसभा में दिए प्रवचननगर संवाददाता केलवा 11 Jul 2011(जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो)
आचार्य महाश्रमण ने कहा कि धर्म की साधना करते करते आज वे केलवा आए हैं। वे तो यहां अपने गुरु आचार्य महाप्रज्ञ के वचन को पूरा करने आए हैं। एक प्रकार से उनका कर्जा उतारने के लिए केलवा आए हैं।
आचार्य श्री रविवार को चातुर्मास मंगल प्रवेश के बाद केलवा के भिक्षु विहार स्थित विशाल समवसरण के पांडाल में मौजूद हजारों श्रावक व श्राविकाओं को संबोधित कर रहे थे। आचार्य ने बताया कि अहिंसा यात्रा करते हुए आचार्य महाप्रज्ञ जब टाडगढ़ पहुंचे थे, तो उनका स्वास्थ्य अनुकूल नहीं रहा था। ऐसे में उन्होंने गुरुवर से उनके मन की इच्छा प्रकट करने को कहा था, जिस पर उन्होंने जयपुर जाने की इच्छा जताई थी। इस पर उन्हेंं जयपुर ले जाया गया। इसको देखते हुए मेवाड़ के श्रावकों ने स्वास्थ्य के अनुकूल होने पर गुरुवर से मेवाड़ पधारने का आग्रह किया था, लेकिन स्वास्थ्य लाभ लेने के बाद इतनी लंबी यात्रा करके मेवाड़ आने पर उनके स्वास्थ्य लाभ लेने का कोई अर्थ नहीं रहता। इसको देखते हुए उन्हे लाडनूं ले जाया गया। बाद में ईश्वर की इच्छा से गुरुवर का महाप्रयाण हो गया। ऐसे में उनकी मेवाड़ यात्रा अधूरी रह गई और केलवा में घोषित चातुर्मास भी पूरा नहीं हो पाया था, जिसकी पूर्ति करने के लिए वे आए हैं।
धर्म है तो सब मंगल अन्यथा सब अमंगल:
आचार्य ने कहा कि दुनिया में मंगलकारी कौन है? मंगल के बारे में दुनिया में परंपरा चली आ रही है। नये कार्य से लेकर कहीं बाहर जाना हो तो सबसे पहले मंगल देखा जाता है। मंगल है तो धर्म है और धर्म है तो सब मंगल है। हमारे साथ धर्म नहीं पाप है, तो हमारे साथ कुछ मंगल नहीं, सब कुछ अमंगल ही है। उन्होंने प्रश्न किया कि धर्म क्या है? शास्त्राकार ने बताया कि अहिंसा धर्म है, संयम धर्म है और तपस्या धर्म है। मन में अनुकम्पा की चेतना का भाव होना चाहिए, दया का भाव होना चाहिए कि मेरे द्वारा किसी को दुख नहीं पहुंचे। यही अहिंसा की भावना है। सुख मुझे प्रिय है तो दूसरे को भी प्रिय है और दुख मुझे अप्रिय है तो दूसरे को भी अप्रिय है।
गुरु का वचन...
इसका ध्यान रखा जाना चाहिए। यही अहिंसा का भाव है। धर्मसभा में साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा, मंत्री मुनि सुमेरमल, साध्वी विश्रुत विभा ने भी उद्बोधन दिया।
नशामुक्त हो केलवा:
आचार्य ने कहा कि चातुर्मास का समय पैरों को विश्राम देने का समय है। हम जिस रूप में तपस्या एवं साधना कर सकें और जो हमारे अनुकूल रहे, वह प्रयास हमें करना चाहिए। इसके तहत केलवा नशा मुक्त बन जाए ऐसा प्रयास करना चाहिए। उन्होंने इसके लिए मीडिया प्रभारी मुनि जयंत कुमार को जिम्मेदारी सौंपते हुए कहा कि वे इसके लिए अपने स्तर पर प्रयास करें कि चातुर्मास में जन कल्याण का यह कार्य हो जाए। इसके साथ ही आचार्य ने इस कार्य के लिए राजघराने से भी पूरे सहयोग की अपील की।
नैतिक मूल्यों के आधार पर कार्य की जरूरत: डॉ.जोशी:
धर्मसभा में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय भूतल परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री डॉ. सीपी जोशी ने कहा कि भारतीय लोक तांत्रिक प्रणाली में कई प्रकार के प्रश्न खड़े हो गए हैं। नैतिक मूल्यों के आधार पर आज सभी को कार्य करने की जरूरत है। समर्पित भाव से देश के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने पर ही भारत ताकतवर देश के रूप में उभरेगा। उन्होंने कहा कि नैतिक मूल्यों का पतन ही राष्ट्र की गरिमा को नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में आचार्य महाश्रमण के अहिंसा एवं नैतिक मूल्यों पर आधारित होने वाले सद् प्रवचनों से लाभ लेकर हम नैतिक मूल्यों को जीवन में उतारने को प्रेरित हो सकेंगे। सांसद गोपालसिंह शेखावत ने आचार्य महाश्रमण के चातुर्मास के दौरान होने वाले प्रवचनों का लाभ लेने की जरूरत प्रतिपादित की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में गांधी परिवार की उपेक्षा करने वाला कहीं का नहीं रहता है, उसी प्रकार तेरापंथ धर्म संघ की उपेक्षा करने वाले की कहीं पूछ नहीं होती। विधायक किरण माहेश्वरी ने कहा कि आचार्य श्री का गांवों का भ्रमण व परिश्रम से सभी समाजों के लोगों को जोडऩे का कार्य सभी के लिए प्रेरणादायी रहा। उन्होंने कहा कि आचार्य मानव सेवा परमोधर्म का संदेश अलग अलग उदाहरणों के माध्यम से देते हैं, जो दिल में उतर जाता है। महाराष्ट्र के अक्षय ऊर्जा मंत्री गणेश नाईक ने कहा कि आचार्य महाश्रमण अहिंसा यात्रा लेकर मुंबई और दक्षिण भारत की ओर विहार करें। इन क्षेत्रों के लोग भी आचार्य के विचारों को सुनने के उत्सुक हैं। इससे पूर्व प्रारंभ में चातुर्मास संचालन समिति के अध्यक्ष महेंद्र कोठारी ने चातुर्मास की व्यवस्थाओं एवं आयोजन को लेकर विस्तार से जानकारी दी तथा स्वागत एवं आभार व्यक्त किया। स्वागताध्यक्ष परमेश्वर बोहरा एवं तेरापंथी सभा केलवा के अध्यक्ष बाबूलाल कोठारी ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर महाराष्ट्र के सांसद डॉ. संजीव नाईक, जिला प्रमुख किशनलाल गमेती, कांग्रेस जिलाध्यक्ष देवकीनंदन गुर्जर, राजसमंद नपाध्यक्ष आशा पालीवाल, नाथद्वारा नपाध्यक्ष गीता शर्मा, कुंभलगढ़ विधायक गणेशसिंह परमार सहित कई जनप्रतिनिधि व प्रबुद्ध नागरिक थे। संचालन मोजित मुनि व ओम आचार्य ने किया।
आचार्य का...
जयकारे लगाते हुए एवं वंदे वीरम जय गुरुवरम का उद्घोष करते हुए आगे बढ़ रहे थे। रैली में केलवा व राजसमंद जिले के कोने-कोने से श्रावकों के साथ ही संभाग एवं राज्य के अतिरिक्त देश के कई क्षेत्रों के श्रावक व श्राविकाओं ने भाग लेकर अपने को धन्य किया। रैली जब राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या आठ पर करीब डेढ़ से दो किलोमीटर तक केवल श्रावक व श्राविकाएं ही दिखाई दे रहे थे। ऐसे में करीब 191 वर्ष बाद तेरापंथ धर्मसंघ के किसी आचार्य के ऐतिहासिक चातुर्मास के साथ अहिंसा रैली भी ऐतिहासिक बन गई।
बंदूकों की सलामी से स्वागत: छतरी चौक पर राजपरिवार की ओर से आचार्य श्री का स्वागत परंपरागत ढंग से बंदूकों की सलामी के साथ किया गया। इस दौरान राजपरिवार के हरिओम सिंह राठौड़, हरिसिंह राठौड़, दिग्विजयसिंह राठौड़ के साथ ही परिवार के अन्य सभी सदस्य उपस्थित थे। स्वागत के बाद राजपरिवार ने आचार्य श्री का आशीर्वाद लिया।
राजघराने में गोचरी की इच्छा
आचार्य ने कहा कि भिक्षु स्वामी के राजघराने के साथ काफी अच्छे संपर्क थे। वे राजघराने में गोचरी के लिए भी जाते थे। उन्होंने कहा कि मेरी भी इच्छा है कि मैं वहां पर गोचरी के लिए जाऊं। उन्होंने कहा कि कुछ तो स्वामी का अनुसरण कर लिया जाए। इस पर धर्मसभा में मौजूद राजघराने के हरिओमसिंह राठौड़ ने आचार्य का आशीर्वाद लेते हुए उनसे गोचरी का अनुरोध किया।
अहिंसा रैली के केलवा चौपाटी पर पहुंचने के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुछ देर के लिए यातायात को रोकना पड़ा। इसके चलते मार्ग पर कुछ देर के लिए दोनों ओर वाहनों की कतारें लग गई। रैली के चौपाटी तक पहुंचने से पूर्व राजमार्ग की आधी सड़क पर यातायात का संचालन जारी रखा गया। इस दौरान केलवा थानाधिकारी महावीर शर्मा अपनी टीम के साथ यातायात व्यवस्था को संभाले रहे थे।