ShortNews in English
Pachpadra: 07.06.2012
Acharya Mahashraman reached Pachpadra. Grand welcome was given to him. In his first Pravachan he told people to follow way of religion. Religion is best auspicious and can do welfare of soul. Non-violence, Sanyam and Tap are parts of true religion. Keep control over sensory.
News in Hindi
धर्म ही सर्वश्रेष्ठ व मंगल: महाश्रमण
पचपदरा में हुआ मंगल प्रवेश, धर्मसभा में दी धर्म पर चलने की सीख
पचपदरा ०७ जून २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
जैनधर्म तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने धर्म को उत्कृष्ट बताते हुए कहा कि दुनिया में स्वयं के लिए, दूसरे के लिए, विदाई जन्मदिन आदि अवसरों पर शुभकामनाएं या मंगल की भावना व्यक्त की जाती है, पर धर्म ही सर्वश्रेष्ठ मंगल है क्योंकि सुख, शांति, अनुकूल परिस्थितियां धर्म से ही मिलती है। इसलिए धर्म से बड़ा कोई मंगल नहीं है।
आचार्य ने अहिंसा, संयम व तप को धर्म बताते हुए कहा कि व्यक्ति में करुणा व अनुकंपा का निवास होने पर वह पाप कर्म यात्रा में ही करता है। करुणा वान व्यक्ति दूसरों को अपने समान समझकर किसी को भी सलक्ष्य कष्ट नहीं देता है। उन्होंने प्रेरणा देते हुए कहा कि व्यक्ति स्वयं के साथ जो व्यवहार नहीं चाहता, वैसा व्यवहार व दूसरों के साथ भी न करें। उन्होंने कहा कि व्यक्ति नशे से मुक्त रहने का प्रयास करे। नशा व्यक्ति के जीवन की कमजोरी होता है। आचार्य ने कन्या भ्रूणहत्या के पाप से बचने की जनमानस को प्रेरणा दी और संप्रदायों में परस्पर सामंजस्य रखने की प्रेरणा देते हुए कहा कि संप्रदाय से बड़ा धर्म है। धर्म का महत्वपूर्ण आयाम है अहिंसा, इसलिए व्यक्ति एक-दूसरे के पवित्र कार्यों में सहयोग करें। संयम की प्रेरणा देते हुए उन्होंने कहा कि व्यक्ति अपनी इंद्रियों का संयम रखे, अनियंत्रित इंद्रिय स्थिति आदमी के लिए खतरनाक होती है। उन्होंने तपस्या के बारे में कहा कि विनय करना अच्छे ग्रंथों का स्वाध्याय करना, सत्संग का लाभ लेना, ध्यान करना भी तपस्या है। आचार्य ने कहा कि अहिंसा संयम और तपस्या से त्रिवद धर्म जिस आदमी के जीवन में होता है उस आदमी के जीवन में मंगल विराजमान हो जाता है। उस व्यक्ति का मन धर्म में रम जाता है और देवता भी उसको नमस्कार करते हैं। आचार्य ने मुनि विनीत कुमार के बारे में बताया कि ये हमारे युवा संत है। अपने ढंग से सेवा कर रहे हैं । साध्वी कीर्तिकटाशा के बारे में बताया कि यह एक अच्छी प्रतिभाशाली शिष्या है, वे खूब अच्छी साधना सेवा व स्वाध्याय करती रहे। आचार्य ने समणी प्रवण प्रज्ञा, आरोग्य प्रज्ञा, सुमन प्रज्ञा, आरोग्य प्रज्ञा, सुमन प्रज्ञा, अमन प्रज्ञा को साधना के विकास की शुभाशीष दी। उन्होंने मुनि केसरीचंद की स्वामी मुनि दुलीचंद स्वामी, मुनि बाघरमल स्वामी, मुनि गुणचल स्वामी व साध्वी हीरा को याद किया। मुनि कुमुद कुमार ने कहा कि वे खूब अच्छा विकास करें। मुनि विनीत कुमार ने अपने पैतृक गांव में आचार्य का स्वागत करते हुए विचार व्यक्त किए।
साध्वी कार्तिकयशा ने भी आचार्य का स्वागत किया। इस मौके पर कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने कहा कि आचार्य के प्रवचनों की रसधारा से सब खींचे चले आते हैं और उनमें एक मैं भी हूं। जिला प्रमुख मदन कौर ने स्वागत वक्तव्य दिया। कार्यक्रम की शुरुआत में ज्ञानशाला की ज्ञानार्थी बहनों ने नगर पधारे गण गोपाला गीत से स्वागत किया। पचपदरा विधायक मदन प्रजापत, अमराराम चौधरी ने विचार व्यक्त किए। कन्या मंडल ने आज नाचे है मन मोरियो, किशोर मंडल ने जय महाश्रमण गीत प्रस्तुत किया गया। महिला मंडल ने गुरुदेव का गीत से स्वागत कर संकल्प पत्र भेंट किए। प्रवास व्यवस्था समिति की ओर से अभिनंदन पत्र भेंट किया गया। ग्राम पंचायत की ओर से अभिनंदन पत्र भेंट किया गया। चिरंजीलाल चौपड़ा सह संयोजक ने आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन मुनि दिनेश कुमार ने किया। मुमुक्षु ज्योति ने दीक्षा की भावना प्रकट की।
०७ जून २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो