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जीवन में समरसता के लिए समय-समय पर क्षमा की सरिता में अवगाहन करना आवश्यक है- साध्वी निर्वाणश्रीसुजानगढ़ 11 सितम्बर 2013 जैतस ब्योरो समृद्धि नाहर
ये विचार मंगलवार को क्षमा याचना समारोह के उपलक्ष्य में साध्वी निर्वाणश्री ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि पर्युषण महापर्व क्षमा का यही महान संदेश ले हर दिल के द्वार पर दस्तक देता है। भीतर के कालुष्य को परवार हम स्वयं को तनाव मुक्त बनाएं। तनाव बहुल जीवन से मुक्ति पाने के लिए आवश्यक है कि व्यक्ति क्षमा के आदान प्रदान का अभ्यास करें। अनेक साधकों ने क्षमा के आलोक में अपने जीवन को महानता के शिखर तक पहुंचाया है। साध्वी योगक्षेम प्रभा ने कहा कि आठ दिनों तक हमने आत्ममंथन के महान पर्व पर्युषण को मनाया है। आज उसका नवनीत निकालने का उपयुक्त समय है। क्षमा का आचरण व्यक्ति तब ही कर सकता है जब वह भीतर की गांठों को खोल सके। कार्यक्रम की शुरुआत नमस्कार महामंत्र से हुआ। तेरापंथ सभा के उपमंत्री अजय चोरडिय़ा, युवक परिषद के मंत्री पवन नाहटा, महिला मंडल की सुनीता भूतोडिय़ा, सरोज बैद ने भी विचार व्यक्त किए। साध्वी कुंदन यशा, लावण्य प्रभा व मुदित यशा ने प्रासंगिक गीत का संगान किया।राष्ट्रसंत आचार्य तुलसी जन्म शताब्दी समारोह के तहत तहसील को नशामुक्त बनाने को लिए हुए कार्यक्रम
लाडनूं. 11 सितम्बर 2013 जैतस ब्योरो समृद्धि नाहर
राष्ट्रसंत आचार्य तुलसी जन्म शताब्दी समारोह के तहत तहसील को नशामुक्त बनाने को लिए हुए कार्यक्रम में मंगलवार को मौलाना उमावि व मदनलाल भंवरी देवी आर्य मावि बड़ी संख्या में बच्चों ने नशामुक्ति का संकल्प लिया। कार्यक्रम में साहित्यकार डॉ. वीरेंद्र भाटी मंगल ने कहा कि नशा मानव जीवन के लिए अभिशाप है। नशे से बचकर ही अपने जीवन का सुधार किया जा सकता है। उन्होंने अणुव्रत का आशय समझाते हुए कहा कि अणुव्रत इंसानियत का आंदोलन है, प्रामाणिकता इस आंदोलन का ध्येय सूत्र है। साहित्यकार डॉ. आनंद प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि नशा शरीर, मन व धन का नाश करने वाला है। नशे से होने वाले रोगों को घातक बताते हुए डॉ त्रिपाठी ने विद्यार्थियों का नशामुक्ति का संकल्प दिलाया। अध्यक्षता समिति के संरक्षक विजय सिंह बरमेचा ने की। समिति अध्यक्ष अली अकबर रिजवी ने अतिथियों का स्वागत किया। इस मौके पर बहादुर सिंह, इमरान खां, कंचनलता, वेदप्रकाश आर्य व दीवाकर द्विवेदी आदि उपस्थित थे।नाइयों की तलाई स्थित जैन समाज के नोहरे में आध्यात्मिक कार्यशाला
उदयपुर Published On September 11, 2013 JTN सतीश शर्मा
शहर के नाइयों की तलाई स्थित जैन समाज के नोहरे में आज तेरापंथ सभा की ओर से आध्यात्मिक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
तेरापंथ सभा की शशि चौहान ने बताया कि जैन समाज के लोगो में धर्म का प्रचार प्रसार करने हेतु इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। कार्यशाला के दौरान जैन गुरु ने विभिन्न क्षेत्रों से आये समाज के लोगो को सामूहिक पाठ करना सिखया गया, इस दौरान धार्मिक प्रश्नावली का भी आयोजन किया गया।
जैन मुनि ने धर्म के पालन, आचरण और वेदों के उच्चारण के बारे में बताया और कहा कि इन्सान के जीवन की मुलभुत समस्या अहंकार है। असफलता पर क्रोध और सफलता पर मान पैदा करता है, इसलिए मार्दव धर्म धारण करने वाला सफलता और असफलता पर साक्षी भाव बनाकर रखता है। क्योकि वह जनता है कि कोई भी सफलता हमेश नहीं मिलती है और असफलता भी हमेश नहीं रहती है।
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