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Palitana, 19.11.2013
पालीताना, 19 नवम्बर!
आज पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. की पावन निश्रा में आज चार वैरागी मुमुक्षुओं के वर्षीदान का भव्य वरघोडा आयोजित किया गया। बाडमेर निवासी 42 वर्षीय श्री गौतमचंदजी बोथरा, उनकी धर्मपत्नी 36 वर्षीय श्रीमती सौ. उषादेवी, उनके सुपुत्र 17 वर्षीय भरतकुमार एवं 13 वर्षीय आकाश कुमार बोथरा की भागवती दीक्षा कल 20 नवम्बर बुधवार को संपन्न होगी।
एक ही परिवार की चार दीक्षाओं का आयोजन अपने आप में अत्यन्त महत्वपूर्ण घटना है। यह पूरा परिवार पिछले छह वर्षों से संयम व त्याग के रंग में रंगा हुआ है। आज से छह साल पहले पूज्य गुरुदेव उपाध्याय मणिप्रभसागरजी म.सा. का चातुर्मास हैदराबाद में हुआ था। तब यह परिवार पूज्यश्री के संपर्क में आया था। तब इनके हृदय में संसार के त्याग का भाव प्रकट हुआ था। पिछले छह वर्षों से यह परिवार पूज्यश्री के सानिध्य में रह कर संयम की शिक्षा प्राप्त कर रहा है।
इन्होंने पूज्यश्री के सानिध्य में रह कर पंच प्रतिक्रमण, चार प्रकरण, तीन भाष्य, कर्मग्रन्थ, तत्वार्थ आदि जैन दर्शन के ग्रन्थों के अलावा संस्कृत आदि का अभ्यास किया है। अंग्रेजी माध्यम से 6 कक्षा उत्तीर्ण कर चुका भरत कुमार ने विविध ग्रन्थों का अभ्यास किया है।
मूलत: बाडमेर निवासी इस बोथरा परिवार ने आज जी भर दोनों हाथों से सोना, चांदी, रूपये, वस्त्र आदि सामग्री का वर्षीदान दिया।
इस शोभायात्रा का प्रारंभ श्री जिन हरि विहार से हुआ जो मुख्य मार्गों से होती हुई, तलेटी दर्शन कर कस्तूर धाम स्थित सुखसागर समवशरण में पहुँची, जहाँ पूज्यश्री का प्रवचन हुआ। वरघोडे में सम्मिलित होने हेतु बाडमेर, अहमदाबाद, बेंगलोर, मोकलसर, सूरत, मुंबई आदि शहरों से बडी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित हुए।
इस अवसर पर प्रवचन फरमाते हुए पूज्यश्री ने कहा- युवा अवस्था में संसार त्याग करना सामान्य बात नहीं है। इस परिवार के संयम की जितनी अनुमोदना की जाय, उतनी कम है।
पूज्य मुनि श्री मनितप्रभसागरजी म. ने संयम की महत्ता समझाई। आयोजक परिवार श्रीमती सुखीदेवी भीमराजजी छाजेड परिवार एवं श्री जिन हरि विहार की ओर से बोथरा परिवार का बहुमान किया गया। तथा हजारों हजारों लोगों ने नम आँखों से विदाई दी।
पे्रषक- महावीर छाजेड