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Yess
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❖❖चारित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शान्तिसागर जी महाराज❖❖
जब 20वीं सदी से दिगम्बर साधुओं की परम्परा बिलकुल समाप्त सी हो गयी थी, जब एक भी दिगम्बर जैन साधू का मिलना मुश्किल हो गया था तब चारित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शान्तिसागर जी महाराज ने उस परम्परा को पुनः जीवंत किया.. उन्हीं का आशीर्वाद है जो आज हम दिगम्बर जैन साधू और साध्वियों के दर्शन कर पा रहे हैं।
इस युग के प्रथमाचार्य के श्री चरणों में कोटि कोटि नमोस्तु....
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कुण्डलपुर|| विशेष पहल || पर्यावरण || step toward #recycling, Save आज Save कल ||
जहाँ एक और धर्म की बयार बह रही थी, उसी महोत्सव में हमारे युवा साथी, सभी अतिथियों को पर्यावरण के प्रति जागरूक कर रहे थे.. विभिन्न stalls के माध्यम से यह सन्देश समाज के हर वर्ग तक पहुँचाया जा रहा था..
इन्ही Stalls के माध्यम से लगभग 10000 निशुल्क पानी की bottles वितरित की गई, एवं सभी खाली प्लास्टिक bottles को recycling bin में एकत्रित की गई.. यह आकर्षण का केंद्र रहा..
इस मुहीम में शामिल थे श्री दीपक जी (दिल्ली) आगम जैन एवं साथी
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true indeed
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विद्यासागर जी आए महाराज पधारे म्हारे आँगनिया:) exclusive Kundalpur picture
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श्री प्रशांत जड़िया जी द्वारा निर्मित कुंडलपुर के भव्य मंदिर जी का मॉडल जिसका अनावरण पूज्य आचार्यश्री के समक्ष हुआ...👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼
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Video link: Akshay Tritiya 2016 - Kshullak Shree Dhyansagarji Maharaj
https://youtu.be/MrXHTkTJ_-I
🌟हस्तिनागपुर की पावन धरा जो हमारी वर्तमान चौबीसी एवं अनेकों ऋषि- मुनियों की त्याग तपस्या की साक्षात्कार कराती हुई ऐतिहासिक भूमि है।
🌟 ऐसी पवित्र भूमि पर आज में दिन "अक्षय तृतीया" पर आदिनाथ भगवान के प्रथम आहार हुए थे। 🙏
➡null आइये सुने श्रेष्ठ कथाकार जिनवाणी पुत्र क्षुल्लक श्री ध्यानसागर जी महाराज के मुखारविंद से इसी पवित्र भूमि की ऊर्जा से भरे हुए आदिनाथ प्रभु के जीवन की यह अलौकिक घटना यह वीडियो के माध्यम से....
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सभी को सादर जय जिनेंद्र। आचार्य आदिसागर महराज की जय (आचार्य पद)।
आज का विचार: प्रसिद्धि पाने के भाव से रहित होकर हमारे द्वारा दिया गया दान किसी दूसरे के मन में भी त्याग के भाव उत्पन्न कर दे, वही दान श्रेष्ठ दान है। ऐसा ही दान धर्म प्रभावना में सहायक होता है। आज *मुनिश्री क्षमासागर जी महाराज* एक घटना के माध्यम से हमें ऐसे ही उत्कृष्ट दान देने की प्रेरणा दे रहे हैं।
Thought of the day:A donation or charity without the motive to get recognition for it done in such a way that it induces the feeling of renunciation in others is supreme form of charity. Such type of charity helps to propagate the path of Dharma. Today Munishri Kshamasagarji inspires us towards this through account of an incident.
मैत्री समूह
9827440301
१० जून २०१६ - मुनिश्री क्षमासागर जी महाराज - श्रेष्ठ दान
सभी को सादर जय जिनेंद्र। शुक्रवार १० जून २०१६ ज्येष्ठ शुक्ल षष्ठी। आचार्य आदिसागर महराज की जय (आचार्य पद)। आज का विचार: प्रसिद्धि पाने के भाव से रहित होकर हमारे द्वारा दिया गया दान किसी दूसरे के
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आचार्य श्री LIVE आहार चर्या पिक्चर:)) #kundalpur •pic by mr. Brajesh jain.
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#kundalpur Itihas:) must read पहाड़ के अंदर छुपे बड़े बाबा निकले:))
कुंडलपुर में 2500 साल पुरानी ऐतिहासिक बड़े बाबा यानि भगवान आदिनाथ प्रतिमा के संबंध में कई अतिशय जुड़े हुए हैं, इन अतिशय के कारण देश भर के जैन श्रावकों का सैलाब कुंडलपुर दौड़ा चला आता है। 17 जनवरी 2006 को आचार्यश्री विद्यासागर महाराज, संपूर्ण मुनि संघ व आर्यिका संघ की अटूट श्रद्धा व तपस्या के बल पर जब पुराने मंदिर से नए मंदिर के मुख्य पटल के लिए बड़े बाबा की प्रतिमा क्रेन से उठवाई गई तो उसका वजन फूल सा हो गया था, 2500 साल पुरानी प्रतिमा बगैर किसी बाधा, विघ्न के नई जगह पर विराजमान हो गई थी। जिसे वर्तमान का सबसे बड़ा अतिशय या चमत्कार माना गया था और यह भी कुंडलपुर के पिछले अतिशयों की सूची में जुड़ गया है।
सर्वाधिक ऊर्जावान क्षेत्र के नीचे विराजमानभू गर्भशास्त्रियों के मत के अनुसार बड़े बाबा जिस स्थान पर विराजमान हैं, वह स्थान भूमध्य रेखा से कर्क रेखा की तरफ 56 डिग्री पर स्थित है, जो कि विश्व के सर्वाधिक उर्जावान क्षेत्रों मे से एक है। शायद इसीलिए भी गुरुदेव श्री विद्यासागर जी महाराज ने बडे बाबा की भक्ति व तपस्या से इस स्थान के चयन का संकेत कमेटी को स्थापना के काफी पूर्व ही दे दिया था।
जब व्यापारी निकलता तब लगती थी ठोकरकुंडलपुर में बड़े बाबा का प्राचीन अतिशय यह भी है कि पटेरा गांव में एक व्यापारी जब अपना सामान बेचने जाता था, तो उसको आते-जाते पहाड़ी के शिखर पर एक पत्थर से अक्सर ठोकर लग जाती थी, एक दिन चोटिल व्यापारी ने उस पत्थर को हटाने का मन बनाया, उसने काफी कोशिश की, लेकिन वह टस का मस नहीं हुआ। उसने ग्रामीणजनों का सहयोग भी लिया, लेकिन कुछ भी हल नही निकला, उसी रात स्वप्न में आया एक देव उससे कह रहे हैं कि यह पत्थर नहीं है, बल्कि तीर्थंकर की प्रतिमा है उसे हटाने की नहीं बल्कि उसकी प्राण-प्रतिष्ठा कराने का प्रबंध करो।
कल तुम गाड़ी लेकर आना, गाड़ी पर प्रतिमा अपने आप रख जाएगी। इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखना यदि देख लिया तो प्रतिमा वहीं रख जाएगी। व्यापारी अगले दिन गाड़ी लेकर पहुंचा। जिसमें अपने आप प्रतिमा रख गई। जब वह पटेरा की ओर चलने लगा तो उसे देवताओं का गायन सुनाई दे रहा था। उसकी उत्सुकता उसे रोक नहीं सकी। उसने पीछे मुड़कर देख लिया। उसी समय गाड़ी रुक गई और मूर्ति वहीं प्रतिष्ठित हो गई। इसके बाद कालांतर में यह प्रतिमा भी दब गई थी।
जिसे आचार्य सुरेंद्र कीर्ति ने मलबा हटाकर खोजा था और उनके शिष्य सुंचदकीर्तिजी व नेमीसागरजी ने छत्रसाल के सहयोग से एक मंदिर का निर्माण कराया था, जो वर्ष 2006 तक रहा इसके बाद नए स्थान पर प्रतिमा की स्थापना की गई तो उसका वजन फूल के समान हो गया था। अब एक विशाल मंदिर आकार ले रहा है जो राजस्थान शैली का होने के साथ ही जिले का एक मात्र कलात्मक मंदिर बन जाएगा।
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Live pravachan Click at Kundalpur Damoh Acharya Shree 108 vidyasagar ji Maharajji, picby Siddharth jain direct from #kundalpur
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daya dharm ka mul! compassion is essence of Jainism -the Philosophy!!
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नवनिर्मित मंदिर मॉडल का लोकार्पण #कुण्डलपुर
कुंडलपुर में निर्मित हो रहे मंदिर माॅडल का अनावरण आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के मंगल सानिध्य में किया गया। सुंदर और आकर्षक ढंग से बनाए गए मंदिर माॅडल को बनाने वाले कलाकार प्रशांत जड़िया ने भी आचार्य श्री को श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद लिया। मंदिर माॅडल का अनावरण महोत्सव की निर्देशिका डाॅ. सुधा मलैया, अशोक पाटनी, संतोष सिंघई, पंकज पारस, प्रमोद कोयला एवं राजा भाई सूरत ने किया। एक रिपोर्ट अभिषेक जैन लुहाडिया रामगंजमंडी