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11 जून का संकल्प
संगीत - मन में सहज आनंद की झंकार उठा जाता ।
"सोने पे सुहागा" अगर आध्यात्मिकता से जुड़े नाता ।।
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🌻"तेरापंथ संघ संवाद"🌻
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👉 अंबिकापुर - मुमुक्षु मंगल भावना समारोह
प्रस्तुति - 🌻तेरापंथ संघ संवाद🌻
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👉 चेन्नई - मुनि श्री प्रशांत कुमार जी तमिलनाडु के राजभवन में
दिनांक - 10-6-16
प्रस्तुति - 🌻तेरापंथ संघ संवाद🌻
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Video link:
दिनांक 10-06-2016 *नागालैंड के डिमापुर* क्षेत्र में पूज्य प्रवर के प्रवास का द्वितीय दिन
👉 आज के प्रवचन का संक्षिप्त विडियो..
👉 पूज्यप्रवर के दर्शनार्थ महामहिम राज्यपाल (नागालैंड) श्री पद्मनाभ बालकृष्ण आचार्य जी और मुख्यमंत्री (नागालैंड) श्री टी. र. जेलिआंग
प्रस्तुति - अमृतवाणी
सम्प्रेषण -👇
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चातुर्मास घोषणा-~~~~~~~~~
परम पुज्य गुरूदेव ने महत्ती कृपा कर साध्वी श्री शान्ताकुमारी जी का चातुर्मास 'नाथद्वारा' फरमाया है।
प्रस्तुति - 🌻तेरापंथ संघ संवाद 🌻
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💢⭕💢⭕💢⭕💢⭕💢⭕आचार्य तुलसी की कृति....."श्रावक संबोध"
गतांक से आगे......
📝 श्रृंखला-35 📝
जीव और पुद्गल का अवस्थान आकाश में होता है। आकाश का लक्षण अवगाह है। जिस आकाश में धर्मास्तिकाय और अधर्मास्तिकाय होते हैं, उसी आकाश में जीव और पुद्गल आश्रय ले सकते हैं, अवगाहन कर सकते हैं।
द्रव्य दो प्रकार के होते हैं - मूर्त्त और अमूर्त्त।
धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय और आकाशास्तिकाय - ये तीन अस्तिकाय अमूर्त्त हैं। जीव के दो रूप हैं - सिद्ध और संसारी। सिद्ध जीव अमूर्त्त होते हैं। संसारी जीव सूक्ष्म और स्थूल - दोनों शरीरों से प्रतिबद्ध होने के कारण मूर्त्त होते हैं। पुद्गलास्तिकाय मूर्त्त है।
जिस द्रव्य में स्पर्श, रस, गंध और वर्ण पाए जाते हैं, वह मूर्त्त होता है। पुद्गल के दो भेद होते हैं - स्कंध और परमाणु। परमाणु सूक्ष्म होता है। इन्द्रिय ज्ञान के द्वारा उसे नहीं देखा जा सकता। फिर भी वह स्पर्श, रस, गन्ध और वर्ण से युक्त होता है। इसलिए मूर्त्त है। संसार में सूक्ष्म या स्थूल जितने भी मूर्त्त पदार्थ हैं, वे सब पुद्गलास्तिकाय में समाविष्ट हो जाते हैं।
जीव का लक्षण है उपयोग। चेतना के व्यापार का नाम उपयोग है। चेतना के दो रूप हैं - ज्ञान और दर्शन। ज्ञानदर्शनात्मक चेतना की प्रवृत्ति ही उपयोग है। जिस द्रव्य में उपयोग करने की शक्ति है अथवा ज्ञानदर्शनात्मक चेतना है, वह जीव है।
क्रमशः....... कल
प्रस्तुति - 🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻
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👉 'डीमापुर', नागालैंड प्रवास का आज द्वितीय दिवस
👉 स्थान: महावीर भवन, जैन मंदिर मार्ग
👉 पूज्यप्रवर के दर्शनार्थ महामहिम राज्यपाल (नागालैंड) श्री पद्मनाभ बालकृष्ण आचार्य जी
👉 आज के "मुख्य प्रवचन" के दौरान अभिनंदन एवं स्वागत कार्यक्रम के कुछ विशेष दृश्य..
दिनांक:- 10-06-2016
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