25.02.2018 ►Jeevan Vigyan Academy ►Muni Kishanlal

Published: 25.02.2018
Updated: 01.03.2018

Jeevan Vigyan Academy


News in Hindi:

दीक्षार्थी मंगल भावना समारोह सम्पन्न

हांसी, 25 फरवरी 2018।

तोशाम निवासी दीक्षार्थी मुकुल का हांसी जैन समाज की तरफ से मंगल भावना समारोह का आयोजन किया गया। मंगल भावना समारोह के दौरान प्रातः 9 बजे दीक्षार्थी मुकुल की शोभायात्रा का आयोजन अम्बेडकर सर्किल स्थित श्री श्रेयांस जैन के निवास स्थान से बड़सी गेट होते हुए बैण्ड बाजों की धुन व जैन धर्म की ध्वजा के लिए महिला पुरुषों के द्वारा श्रमण भगवान महावीरर के जयकारे के साथ तेरांपथ सभा भवन में पहुंच कर धर्मसभा के रूप परिवर्तित हो गई। ज्ञातव्य हो कि दीक्षार्थी मुकुल की जैन भागवती दीक्षा 25 अप्रैल 2018 को तोशाम में आचार्यश्री महाश्रमणजी की आज्ञा से प्रेक्षाप्राध्यापक ‘शासनश्री’ मुनिश्री किशनलाल के हाथों से होगी।

मुनिश्री किशनलालजी ने हजारों लाखों लोगों को जीवन विज्ञान, प्रेक्षाध्यान, पूर्वजन्मों के प्रयोग करवाये और करवाते भी हैं। मुनिश्री के प्रयोगों से अनेकों लोगों ने लाभ प्राप्त कर अपने जीवन को बदला।

तेरापंथ सभा भवन में उपस्थित विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री किशनलालजी ने कहा कि हांसी वासियों ने अति उत्साह के साथ दीक्षार्थी के प्रति मंगल भावना व्यक्त की यह अपने आपमें महत्त्वपूर्ण है। दीक्षा केवल वेश परिवर्तन नहीं हैं दीक्षा जीवन का रूपान्तरण है। दीक्षा चेतना का जागरण, संकल्पों का सुमेरू, मानव सेवा का विस्तार है। दीक्षा मोक्ष का द्वार है। मनुष्य जीव अनंत काल से जन्म और मृत्यु के चक्कर में भ्रमण कर रहा है सद्गुरु के उपदेश से सम्यक् ज्ञान को प्राप्त कर सम्यक् दर्शन को उपलब्ध हुआ है। दीक्षा सम्यक् चरित्र की सीढ़ी है।

मुनिश्री किशनलालजी ने अपने उद्बोधन में आगे कहा कि मेरी भी 16 वर्ष की उम्र में आचार्यश्री तुलसी के हाथों से हुई, पहले से कोई तय नहीं था कि दीक्षा लेनी है अचानक ही मन में वैराग्य का भाव जागा और दीक्षा हो गई, दीक्षा का संयोग भी पूर्वजन्मों के संस्कार होते हैं।

इस दौरान दीक्षार्थी मुकुल ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि जब हम दीक्षा की अर्ज आचार्यश्री महाश्रमण को निवेदन किया तो उन्होंने दीक्षा की अनुमति प्रदान कर मुझे धन्य बनाया। साथ ही मुकुल ने अपने माता-पिता, भाई व पूरे परिवार की सहमति मिलने से उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।

# इस अवसर पर श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा हांसी के अध्यक्ष दर्शन जैन, मंत्री चिराग जैन, तेरापंथ युवक परिषद् के प्रधान राहुल जैन, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष अशोक जैन, प्रमोद जैन, रविन्द्र जैन, दीक्षार्थी मुकुल के पिता विक्रम जैन, माता श्रीमती नूतन जैन, तोशाम से समागत नानकचन्द जैन, पवन जैन किशोर मण्डल व ज्ञानशाला बच्चों ने दीक्षार्थी के प्रति अपनी मंगल भावना व्यक्त की। स्थानीय तेरापंथ महिला मण्डल व तोशाम महिला मण्डल ने गीतिका व नाटिका के माध्यम से दीक्षार्थी के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त की।

मुनि निकुंजकुमारजी ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए अपना उद्बोधन दिया।

- राहुल जैन

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Dikshaythri Mangal Spirit Festival

Hansi, February 25, 2018.

Mangal Spirit Festival was organized by Hansi Jain Samaj of Mukesh's Dikshayari resident of Tosham. During the festival of Mangal, at 9 o'clock, the conduct of the initiation of Mukul, Shobhayatra, was organized by Shri Shreyan Jain from the residence of Shri Shreyans Jain, Ambedkar Circle, with a tone of band bazes and a flag of Jainism with the shouts of Lord Mahavir By reaching the thirangatha Sabha building, the form of the church council has changed. It is to be known that the initiation of Jain Bhagwati Dakshaari of Mukul will be held on April 25, 2018 from the hands of Munshri Kishan Lal, the observer by the instruction of Acharyashree Mahasraman in Tosham.

Munishri Kishan Lalji has also used thousands of people to make use of life sciences, observations, and previous births. Many people get benefit from the experiments of Munishree and change their lives.

While addressing the huge sermons present at Teerpanth Sabha Bhawan, Munishri Kishan Lalji said that the people of Lancashire express their Mangal sentiments towards Dakshapathy, with enthusiasm, it is important in itself. Initiation is not the only change in transformation, the initiation is the transformation of life. The awakening of the initiation consciousness, the supremacy of resolutions, the expansion of human service. Initiation is the gate of salvation. Man jeevan is passing through the cycle of birth and death since eternity, by getting the right knowledge from the Sadhguru's preaching, it has been available for contemporary philosophy. Initiation is the ladder of the present character.

Munishri Kishan Lalji further said in my remarks that even at the age of 16, I was at the hands of Acharyashree Tulsi, there was no predetermined decision to take initiation. Suddenly, the sense of selflessness in the mind has been awakened and initiated, also the coincidence of initiation The sacraments of the ancestors are there.

In the meantime, the disciple Mukul expressed his feelings and said that when we requested the initiation application to Acharyashree Mahishman, he blessed me by giving permission for initiation. Mukul also expressed his gratitude towards him by getting the consent of his parents, brother and the whole family.

Jagan Shvetambar Teerpanthi Sabha Hansi's chairman Darshan Jain, Minister Chirag Jain, Taraporeth Youth Council President Rahul Jain, President of Anuvrat Samiti, Ashok Jain, Pramod Jain, Ravindra Jain, Dikshakari Mukul's father Vikram Jain, Mother Smt Nutan Nankchand Jain, Pawan Jain Kishor Mandal and GyanShala children, who are associated with Jain, Tosham, expressed their mild feelings towards the initiator. Local Teerapanth Mahila Mandal and Tosham Mahila Mandal expressed their feelings towards the initiator through Geetika and Natika.

Muni Nikunjkumarji gave his thought while operating the program.

- Rahul Jain

Sources

Ashok Seoul
[email protected]


Muni Kishanlal
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