Updated on 09.09.2023 13:35
आचार्य श्री महाश्रमण जी की महती कृपाऔर
'शासनश्री' साध्वी रतनश्री जी की प्रेरणा से
⛓️⛓️⛓️ श्री जयंत संचेती ⛓️⛓️⛓️
प्रपौत्र : 'शासनसेवी' स्व.मोहनलालजी संचेती
सुपौत्र : 'शासनसेवी' स्व.सम्पतमलजी मुल्तानीदेवी संचेती
सुपुत्र : श्री अरूण - ममता संचेती
मोमासर निवासी, पीतमपुरा प्रवासी
के आज अठाई की तपस्या है।
⛓️साध्वी श्री रोहिणीप्रभाजी के संसारपक्षीय
अनुज श्री जयंत ने इससे पहले ग्यारह और नौ
के थोकड़े भी किए हुए हैं।
⛓️09.09.2023
🌻 संघ संवाद 🌻
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Updated on 09.09.2023 08:10
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Posted on 09.09.2023 08:09
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