Updated on 11.01.2024 14:48
अनुभव के बोल (८)परिवर्तन होगा प्रयोग और अभ्यास से
✍🏻 आचार्य महाप्रज्ञ
🪡 शिक्षा के नीति नियामकों के सामने उनकी कुछ मजबूरियां हैं। कहीं धर्म-संप्रदाय आड़े आता है तो कहीं वोट बैंक प्रभावित होता है। कहीं धर्मनिरपेक्षता पर आंच आने का डर तो कहीं प्रतिबद्धता रोड़ा बन जाती है। जरूरत है इस पर समग्र दृष्टि से चिंतन की।
🪡 आचार्यश्री तुलसी जयपुर में प्रवास कर रहे थे। शिक्षामंत्री आए और बोले-- "आचार्यश्री! हम राजस्थान में नैतिक शिक्षा को लागू करना चाहते हैं।"
🪡 आचार्यश्री ने कहा--"इसके लिए आपने क्या सोचा है?"
🪡 वे बोले--"इसके लिए हम एक पुस्तक तैयार कर रहे हैं, जो राजस्थान के विद्यालयों में अनिवार्य की जाएगी। एक प्रश्नपत्र उस पर भी रहेगा।"
🪡 आचार्यश्री ने कहा--"अगर एक पुस्तक लिखकर आदमी को नैतिक बनाया जा सकता तो हम सौ पुस्तकें तैयार कर देते। यह काम किसी पुस्तक से नहीं होगा। यह होगा अभ्यास और प्रयोग से। झूठ मत बोलो, क्रोध मत करो, नेकी और सचाई के रास्ते पर चलो, यह शिक्षा तो आज भी पुस्तकों के माध्यम से दी जा रही है। कुछ धार्मिक संस्थाएं और प्रकाशन इस दिशा में सचेष्ट हैं और करोड़ों रूपये का साहित्य छाप कर जनता में वितरित कर रहे हैं, किंतु लोगों को नैतिक बनाने का यह उपाय कितना कारगर हो पाया? आदमी बदलेगा सिर्फ प्रयोग और अभ्यास से। इस दिशा में कुछ कर सकें तो करें।"
#अनुभवकेबोल
Source: © Facebook
#आचार्य_महाश्रमण_सुविचार
#संघ_संवाद
#mumbai #मुम्बई #बॉम्बे #मुंबई #bombay
#संघ_संवाद
#mumbai #मुम्बई #बॉम्बे #मुंबई #bombay
Source: © Facebook
Posted on 11.01.2024 14:34
#acharya_mahashraman_quotes#india
Source: © Facebook