Vani Sanyam Diwas in Presence of Muni Jinesh Kumar

Published: 04.09.2024
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Howrah 04.09.2024:

Fourth day of Paryushan observed as Speech Restraint Day (Vani Sanyam Diwas) in Presence of Muni Jinesh Kumar, Muni Parmanand and Muni Kunal Kumar. 

पर्युषण पर्व का चौथा दिन "वाणी संयम दिवस" के रूप में मनाया गया

 जिह्वा संभली तो जीवन संभला -मुनि जिनेश कुमार जी

 युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री जिनेश कुमार जी ठाणा -3 के सान्निध्य में पर्युषण पर्व का चौथा दिन वाणी संयम दिवस " के रूप में प्रेक्षा विहार में साउथ हा‌वडा श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा द्वारा आयोजित किया गया।

इस अवसर पर उपस्थित विशाल धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री  जिनेश कुमार जी ने कहा मनुष्य सामुदायिक जीवन जीता है। समुदाय में जीने वाले लोग परस्पर विचारों का आदान-प्रदान करते हैं। आदान प्रदान का माध्यम है-भाषा। भाषा  के दो प्रकार है।. भाषा समिति वचन 'गुप्ति। भाषा सामिति का अर्थ है विवेक पूर्ण बोलना। जबकि भाषा पर पूर्ण संयम करना वचन गुप्ति है। सत्य, संयम 'व प्रियवचन भाषा की कसौटियां है। व्यक्ति सत्य बोले। सत्य व प्रामाणिक वचन बोलना चाहिए। असत्य वचन का उतना ही मूल्य है जितना निष्प्राण शरीर का  है। झूठ बोलने से अविश्वास बढ़ता है।  सत्य से विश्वास बढता है। वाणी की सत्यता खंडित होने से अपराध बढने की संभावना रहती है। कटु बात कटु सत्य को हर कोई पचा नहीं सकता। व्यक्ति को संयम के साथ भाषा का प्रयोग करना चाहिए। व्यक्ति की भाषा , ईष्ट मिष्ट, शिष्ट होनी चाहिए। वचन संभल कर बोलना चाहिए। एक वचन औषध का कार्य करती है। एक एक वचन घाव का कार्य करता है। मुनिश्री ने आगे कहा- मौन का अर्थ वाणी का संयम है अनावश्यक नही • बोलना ही मौन है। मौन साधना  का प्रवेश द्वार है।  मौन  से विवाद घटता है निर्विचारता बढ़ती है। उर्जा का संचय होता है। इसलिए व्यक्ति को वाणी का संयम करना चाहिए। मुनिश्री ने भव परंपरा से गुजरते महावीर जीवन दर्शन के अंतर्गत त्रिपृष्ठ वासुदेव के भव का वर्णन किया। मुनिश्री परमानंद जी ने कहा- वाणी को बुलडोजर नहीं पानी का कुंजा बनाओं क्योंकि बुलडोजर उखाड़ने का व कुंजा उगाने का काम करता है। वाणी को संभालने से जीवन अपने आप संवर जाता है।

बाल मुनिश्री कुणाल कुमार जी ने सुमधुर गीत का संगान करते हुए कहा साधना का महत्वपूर्ण सूत्र है अभाषक होना। कम बोलना अच्छी बात है। बिल्कुल ने बोलना विशेष प्रयोग है। कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ महिला मंडल साउथ कोलकाता ने किया।

Sources
From: Sushil Bafana
Provided by: Sushil Bafana
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