Intense faith towards integrity and its abidance is not only prosperous to one's own soul but also helps in keeping the social system healthy.
Taken From "Roj Ki Ek Salah" - Book by Acharya Mahashraman
ईमानदारी के प्रति सघन आस्था व उसका अनुपालन जहां व्यक्ति की स्वयं की आत्मा के लिए कल्याणकारी है वहीँ समाज-व्यवस्था को स्वस्थ बनाने वाला है.