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Amet: 02.02.2012
Politeness Destruct Ego: Acharya Mahashraman
News in Hindi
विनय से अहंकार का
नाश - आचार्य महाश्रमणजी
आमेट के अहिंसा समवशरण में श्रावकों से बोले आचार्य महाश्रमण
आमेट 2 Feb-2012जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
आचार्य महाश्रमण ने कहा कि विनय ऐसा गुण है, जिससे जीवन में निर्मलता का विकास और अहंकार का नाश होता है। मनुष्यों से विनय की आराधना का महत्व बताते हुए कहा कि अहंकारी व्यक्ति अपने विनय धर्म का नाश कर देता है तो उसे जनमानस में सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा जा
ता।
आचार्य ने उक्त विचार बुधवार को यहां अहिंसा समवशरण में श्रावक-श्राविकाओं को प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आध्यात्म विद्या विनय का गुण विकसित करने वाली है, जबकि लौकिक विद्या आदमी के अहंकार का निमित्त नहीं बन सकती।
विद्या के साथ विनय होने पर विद्या शोभित होती है। विनीत व्यक्ति अभिवादन करने वाला होता है। वृद्धों की सेवा करने वाले का जीवन आयुष, विद्या, यश और बल में वृद्धि करने वाला होता है। इसलिए मनुष्य विनय धर्म का आसेवन करने का प्रयास करें। बड़प्पन के गुणों को विकसित करने से व्यक्ति जीवन में बड़ा बनता है।
आचार्य ने विनय शीलता के संदर्भ में मुनि खेतसी स्वामी के विनय भाव का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि विनय जीवन में होने पर अनेक सात्विक गुणों का विकास भी जीवन में हो सकता है। अणुव्रत के जीवन में आने से व्यक्ति के जीवन में संयम आ जाता है। यह एक ऐसा आंदोलन है, जिसके माध्यम से हम समाज का सर्वांगिण विकास करने की कल्पना को साकार कर सकते हैं। हमारा जीवन व्यसन मुक्त और चारित्रिक दृष्टि से अनुकूल होकर प्रगति के मार्ग पर प्रशस्त हो सकता है।
समर्पण पुस्तक का विमोचन
आचार्य ने प्रवचन के दौरान तेरापंथ धर्म संघ के शासन सेवी श्रावक स्व. कजोड़ी मल बोहरा के जीवन से जुड़ी पुस्तक समर्पण का विमोचन किया।