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Tohana: 17.03.2012
Muni Arhat Kumar told Inner Development is Necessary with Outer Development.
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व्यक्ति बाहर के साथ-साथ अंदर का विकास भी करे-मुनि अर्हत कुमार
Updated on: Fri, 17 Feb 2012 09:04 PM (IST)
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व्यक्ति बाहर के साथ-साथ अंदर का विकास भी करे-मुनि अर्हत कुमार
टोहाना, संवाद सहयोगी जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
आज का युग विज्ञान का युग है, लोगों ने विज्ञान के माध्यम से बाहरी विकास तो जरूर किया है लेकिन भीतरी विकास का हास हुआ है। यह उद्गार तेरापंथ धर्म संघ के आचार्य महाश्रमण के शिष्य मुनि अर्हत कुमार ने स्थानीय तेरापंथ जैन भवन में एक प्रेस वार्ता के दौरान व्यक्त किये। मुनि ने कहा कि इसी भीतरी विकास के ना होने से आज अनेक ज्वलंत समस्याएं आन खड़ी हुई है जिससे परिवार टूट रहे है। रिश्तों में दरार पड़ रही है। उन्होने कहा कि कोई समय था जब एक चूल्हे पर कई परिवार के लोग भोजन करते थे लेकिन आज दो व्यक्तियों के लिए एक साथ रहने व खोने पीने में समस्या बाधा बनी हुई है। मुनि श्री ने कहा कि पति-पत्नी में अनबन के चलते तलाक की नौबत आ रही है। इस अवसर पर तेरापंथ सभा के प्रधान सुभाष जैन, सुशील जैन, महेश चढ्ढा, नीरज जैन आदि उपस्थित थे।