News in Hindi
'समय का करें सदुपयोग': आचार्य महाश्रमण
बाड़मेर। 02.01.13. JTN Bureau.
आचार्य महाश्रमण ने व्यक्ति को समय को जानने और उसके मूल्यांकन करने की प्रेरणा देते हुए कहा कि समय का मूल्यांकन कर उसका अच्छा उपयोग करना चाहिए। जो आदमी समय को बर्बाद करता है वह आदमी खुद बर्बाद हो जाता है और जो समय का सत उपयोग करता है वह आदमी भी सत् बन जाता है। समय के साथ हमारा ऎसा सम्बंध है कि प्रतिक्रिया होती है हम जैसा व्यवहार समय के साथ करेंगे, वैसी स्थिति हमारी बन जाएगी।
समय बहुत महत्वपूर्ण होता है। समय का सदुपयोग करना चाहिए। समय का उपयोग चिंतनपूर्वक होना चाहिए। समय का बड़ा उपयोग करने वाले लोग बड़े होते हंै। आदमी धर्म के लिए समय जरूर निकाले। आदमी करणीय कार्यो को करने का संकल्प ले। आदमी की प्रतीक्षा समय नहीं करता। आदमी समय के बढिया उपयोग के लिए जागरूक रहे।
साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा ने कहा कि हर दिन का सूरज नया सवेरा लेकर आता है। नया वर्ष, नई उम्मीदों, सपनों व आशाओं के साथ इन हसरतों को नय संकल्प में बदलने का लक्ष्य ही नए वर्ष का उपहार हो सकता है।
मंत्री मुनि सुमेरमल ने कहा कि व्यक्ति चाहता है कि वह समय को सार्थक करें पर वह स्वयं को समय के अनुरूप बना नहीं पाता या कुछ कर नहीं सकता। यदि समय को सार्थक करना है तो हम स्वयं के साथ दूसरों को भी जगाना सीखे।
मुनि विजयकुमार ने गीत का संगान किया। समणी कुसुमप्रज्ञा ने मुनि मधुकर स्वामी द्वारा रचित गीत का संगान किया। समणी ज्योतिप्रभा ने भावाभिव्यक्ति दी। कार्यक्रम में सागरमल स्वामी की जीवनी पुस्तक मर्यादा कुमार कोठारी ने पूज्यवर को उपह्रत की। भूरचन्द जैन ने 101 सुझाव जन्मशताब्दी वर्ष के संदर्भ में पूज्यवर को निवेदित किए। कार्यक्रम में जिला प्रमुख मदन कौर, नगरपरिषद सभापति उषा जैन, विधायक मेवाराम जैन आदि उपस्थित थे।