20.08.2013 ►Ladnun ►Nuns and Devotees are Hearing Pravachan of Acharya Mahashraman

Published: 22.08.2013
Updated: 08.09.2015

ShortNews in English

Ladnun: 20.08.2013

Nuns and Devotees are Hearing Pravachan of Acharya Mahashraman.

News in Hindi

रविवार आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुधर्म सभा में प्रवचन सुनती साध्विया जी

लाडनू से जै त स ब्योरो के लिए समृद्धि नाहर

'आत्मकल्याण के लिए तपस्या जरूरी'-आचार्य श्री महाश्रमण

'आत्मकल्याण के लिए तपस्या जरूरी'
लाडनूं 19 अगस्त जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो समृद्धि नाहर

आचार्य श्री महाश्रमण ने कहा कि आत्मकल्याण के लिए तपस्या जरूरी होती है। वे रविवार को जैन विश्वभारती स्थित सुधर्मा सभा में प्रवचन सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि तपस्या करने में भौतिक लाभ व प्रशंसा की चाह नहीं होनी चाहिए। ऐसा होने से व्यक्ति को तप का पूर्ण फल नहीं मिल पाता। तपस्या का निर्जरा के अलावा कोई लक्ष्य नहीं होना चाहिए। जैन वांग्मय में तपस्या के 12 प्रकार है। आचार्य महाश्रमण ने कहा कि चातुर्मास का समय तपस्या के लिए आरक्षित समय है। गृहस्थ लोग अधिक से अधिक इस समय में तपस्या कर अपने जीवन को कल्याणमयी बनाएं। मंत्री मुनि सुमेरमल ने कहा कि हिंसा व्यक्ति में होती है उसका विस्फोट होता है सामाजिक क्षेत्र में। संचालन मुनि कुमार श्रमण ने किया।

लाडनू में सुधर्मा सभा में आत्म साक्षात्कार प्रेक्षाध्यान विषय पर प्रवचन

आत्मा को देखना अध्यात्म की साधना -आचार्य श्री महाश्रमण
लाडनूं 20 अगस्त जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो समृद्धि नाहर


मनुष्य के जीवन में आत्मावलोकन का बहुत महत्व है। इससे हमें आत्म समीक्षा का अवसर मिलता है। जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करने में गति-प्रगति को जाना जा सकता है।

ये विचार सोमवार को जैन विश्वभारती स्थित सुधर्मा सभा में आत्म साक्षात्कार प्रेक्षाध्यान के द्वारा विषय पर प्रवचन देते हुए आचार्य महाश्रमण ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि श्रावक हमेशा यह संप्रेक्षा करें कि अब तक क्या किया है। क्या करना शेष है और वह कार्य जो करना चाहिए करने में सक्षम है लेकिन प्रमाद वश अब तक नहीं किया। आत्मा से आत्मा को देखना अध्यात्म की साधना है। हम राग द्वेष से मुक्ति की साधना करें। यह हमारे मन में रहेंगे तो आत्म साक्षात्कार में बाधा बनेंगे। भगवान महावीर ने करीब 12 वर्षों तक विशिष्ट साधना करते हुए केवल ज्ञान को प्राप्त किया। आचार्य तुलसी व आचार्य महाप्रज्ञ ने साधना के विशेष उपक्रम प्रेक्षाध्यान का अवदान दिया। मंत्री मुनि सुमेरमल ने कहा कि व्यक्ति अपने जीवन में जो कर्म करता है। उसे उसी प्रकार कर्मफल प्राप्त होते हैं। कोई भी व्यक्ति अपने कर्मों से बच नहीं सकता है। कार्यक्रम में मुमुक्षु इंद्रचंद को साधु प्रतिक्रमण सीखने के आदेश दिए। प्रेक्षा प्रशिक्षक जीतमल गुलगुलिया ने प्रेक्षाध्यान शिविर के बारे में जानकारी दी।

लाडनूं. सभा में उपस्थित जनसमूह तथा प्रवचन सभा को संबोधित करते आचार्य महाश्रमण एवं मंचस्थ मंत्री मुनि सुमेरमल।

Sources

ShortNews in English:
Sushil Bafana

Categories

Click on categories below to activate or deactivate navigation filter.

  • Conferences & Events
    • Speeches
      • Pravachan
        • Share this page on:
          Page glossary
          Some texts contain  footnotes  and  glossary  entries. To distinguish between them, the links have different colors.
          1. Acharya
          2. Acharya Mahashraman
          3. Ladnun
          4. Mahashraman
          5. Pravachan
          6. Sushil Bafana
          7. आचार्य
          8. आचार्य तुलसी
          9. आचार्य महाप्रज्ञ
          10. आचार्य महाश्रमण
          11. ज्ञान
          12. निर्जरा
          13. मंत्री मुनि सुमेरमल
          14. महावीर
          15. मुक्ति
          16. श्रमण
          Page statistics
          This page has been viewed 1103 times.
          © 1997-2024 HereNow4U, Version 4.56
          Home
          About
          Contact us
          Disclaimer
          Social Networking

          HN4U Deutsche Version
          Today's Counter: