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Palitana साहित्य कलारत्न आचार्य विजय यशोदेवसूरिजी महाराज का जन्म शताब्दी महोत्सव आयोजित
पालीताणा के तलेटी रोड़ स्थित साहित्य मंदिर संस्था में साहित्य कलारत्न आचार्य विजय यशोदेवसूरिजी महाराज के जन्म शताब्दी महोत्सव के उपलक्ष में दि. 11 जनवरी कोे सिद्धाचल गिरिराज पूजन का आयोजन किया गया। पूजन में जल-चंदन आदि अष्ट द्रव्यों द्वारा गिरि पूजन कर विश्व शांति की मंगलकामना की गयी।
इससे पूर्व साहित्य कलारत्न आचार्य यशोदेवसूरिजी महाराज के जन्म शताब्दी महोत्सव के उपलक्ष में गुणानुवाद सभा का भव्य आयोजन साहित्य सभागार में किया गया।
प्रवचन में गणाधीश उपाध्याय मणिप्रभसागरजी महाराज के शिष्य मुनि मनीषप्रभसागरजी महाराज ने सभा में अपार श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुये कहा कि संत का जीवन पूरी समष्टि के लिए होता है। साहित्य कलारत्न आचार्य यशोदेवसूरि महाराज के जीवन मेें सरलता, मधुरता का अहसास सहज ही हो जाता था। साहित्य और कला के क्षेत्र में उनके अवदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
आचार्यश्री के शिष्य मुनि जयभद्रविजयजी महाराज ने कहा कि जैन संघ में साहित्य के इतिहास का कार्य गहराई से करने वाले आप थे। शिल्प कला के क्षेत्र में आपने 100 के उपरांत जिनमंदिरों के निर्माण का मार्गदर्शन देकर समाज को लाभान्वित किया। अनेक विधाओं से आपने शासन की सेवा कर जीवन सार्थक किया।
प्रवचन के आरम्भ में आचार्य जयंतसेनसूरिजी महाराज ने नवकार मंत्र और मंगलाचरण का पाठ कर विश्व शांति का संदेश देते हुये देव-गुरु वंदन किया। सभा में तीन पुस्तकों का विमोचन किया गया।
इस सभा में आचार्य जयानंदसूरिजी, आचार्य जयंतसेनसूरिजी, आचार्य अभयसेनसूरिजी, मुनि चारित्ररत्नविजयजी, मुनि मनीषप्रभसागरजी, मुनि जयभद्रविजयजी, मुनि भुवनचन्द्रजी सहित अनेक साधु-साध्वी और कनुभाई शाह, भागीरथ शर्मा आदि अनेक पुरुष व महिलाओं ने भाग लिया।
दोपहर में सिद्धचक्र महापूजन का आयोजन किया गया। जिसमें सभी आराधकों भाग लिया।
प्रेषक- भागीरथ शर्मा, मेनेजर, हरि विहार, पालीताणा