Update
Source: © Facebook
❖ Take Care of Your Own Treasure -Acarya VishudhaSagar G ❖
O, pure soul! Why are you so careless about your own treasure? You know little about the richness of your own treasure. Take care of your jewels. O, wise and prudent person the thieves of sensual pleasure and rooming all around you. Be cautious about them. They would not delay even for a moment n taking advantage of solitariness. There is no place for moving alone, sitting alone and whispering etc. by a saint marching on the path of salvation. If an aspirant really wants to safe guard himself from the thieves of sensual. He should look away his mind by the lock of his thoughts.
|| I bow disembodied pure souls (Siddhas) and all the five supreme beings ||
From: 'Shuddhatma Tarngini'
Author: Aacharya Vishudha Sagarji Maharaj
English Translator: Darshan Jain, Prof. P. C. Jain
❖ ♫ www.jinvaani.org @ Jainism' e-Storehouse ❖
Source: © Facebook
✿ सड़क पर लावारिस गाय का ट्रक से एक्सीडेंट से ज़ख़्मी होने के बाद.... रात को टोर्च की रौशनी में गाय का इलाज करते जनाब हाजी निसार अहमद!
--- ♫ www.jinvaani.org @ Jainism' e-Storehouse ---
Source: © Facebook
❖ महावीर स्वामी बसों नयन मेरे, तेरा वंदन काटे भव-बंधन मेरे ✿
तू त्रिशला की गोद से जन्म था स्वामी, जियो और जीने दो, सबको बताने!
तू अहिंसा का पुजारी, वात्सल्य जगाता, सब जीवो को एक सामान बताता!
तेरी वाणी से कितने तर गए हे स्वामी, तेरे दिव्यवाणी है मोक्ष नसैनी!
मोक्ष मार्ग नेता महावीर स्वामी, आपको ह्रदय में रख मैं नमामि!
तेरस से तेरा जीवन धन्य हुआ है, चतुर्दशी को ब्रम्ह में लीन भया है!
अमावस्या की प्रातः बेला में स्वामी, तू हो गया सिद्ध-शिला का निवासी!
संध्याकाल में गौतम गणधर ने पाया, केवलज्ञान से अंतर को जगाया!
वीतरागता का मैं कायल हुआ हूँ, तेरी इस छवि का दीवाना हुआ हूँ!
जियो और जीने दो सबको बताया, प्रकट में गाय-सिंह एक घाट पर आया!
रत्ना-त्रय को मोक्ष मार्ग बताया, अनेकान्तवाद से वैष्म्यता का अंत कराया!
तेरे गुण जन्मान्तर मैं गाता रहूँगा, मोक्ष-मार्ग शिल्पी का मार्ग अपनाता रहूँगा!
मोक्ष परम पद पाने को महावीर स्वामी, तेरे चरणों में शीश झुकता रहूँगा...
....आचरण प्रतिक चरण नमाता रहूँगा...नमाता रहूँगा...नमाता रहूँगा!
*Composition written by: Nipun Jain [ Thank You ]
❖ ♫ www.jinvaani.org @ Jainism' e-Storehouse ❖
Update
Source: © Facebook
आज 22 जून 2016 को मुनिश्री महासागर जी महाराज एवम् मुनिश्री निष्कम्पसागर जी महाराज का हाटपिपलिया में मंगल प्रवेश पर आचार्य श्री विद्यासागर जी की ही परम शिष्या आर्यिका 105 श्री तपोमति माताजी ससंघ (10 माताजी) द्वारा भव्य आगवानी
- - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - -
👉द्वयमुनिराज की हाट पिपलिया में 3-4 दिन के प्रवास की सम्भावना
News in Hindi
Source: © Facebook
✿ waow☝ कुंडलपुर मे घटी चमत्कारिक घटना #kundalpur #vidyasagar:))
आज शिविर मे क्लास के बीच मिली जानकारी पंडित जी बेंनाडा जी मुनियो पर मूलाचार पर पढ़ा रहे थे तभी पंडित जी ने अचानक रोककर amit padriya जो की भारत के कुशल मंच संचालको मे से एक युवा मंच संचालक है उन्हें मंच पर बुलाया और कहा आप अभी कुण्डलपुर से लौटे हो गुरु जी ने हमारे लिए क्या सन्देश भेजा है तब अमित जी ने कुण्डलपुर मे घटी एक चमत्कारिक घटना की जानकारी दी हुआ यु कुण्डलपुर मस्तकाभीशेक के पदाधिकारियो की कार्यालय मे मीटिंग चल रही थी तभी एक बुढ़िया आई जिसके वस्त्र एकदम मलिंन व फटे थे थोड़ी देर के लिए सभी को कुछ ग्लानि हुई मगर अगले ही पल सभी ने अपने आप को सम्भाला और पूछा अम्मा क्या काम है बुढिया के पास एक बहुत ही मैंली पोटली थी व फटी थी पूछने पर वह अम्मा चुप रही दोबारा पूछने पर वह फफकर रो पड़ी उसने बताया उसका एक बेटा था बहुत गरीबी थी उनके पास दो वक्त के लिए रोटी भी नही थी मगर बेटा का एक सपना था की मैं बड़े बाबा का भव्य मंदिर बनाऊ
लेकिन गरीबी के कारण बो ऐसा नही कर सका ।मा बेटे ने एक फैसला लिया हम दोनो एक ही बार खाना खाया करेगे दूसरी बार न खाने जो बचत होगी उसे हम बड़े बाबा के मंदिर मे दान दे देगे इससे भी उन्हें संतोष नही हुआ और दोनो ने फिर एक फैसला लिया की अब हम दोनो भोजन नही करेगे भोजन की जगह गुड चना खायेगे तभी अचानक एक दिन उसका बेटा चल बसा और उसका सपना अधूरा रह गया लेकिन बुढ़िया ने कसम खाई की वह अपने बेटे का सपना पूरा करेगी। और वह बुढ़िया रो पढ़ी और जाने लगी ।तभी सबने उसे रोका वह नही मानी और आगे बढ़ गई लोगो ने कहा अम्मा अपनी पोटली तो लेते जाओ लोगो ने पूछा इसमे क्या है उसने वह मैली कुचैली पोटली खोली सभी अचंभित रह गए उसमे कुछ रुपये थे जो कुछ गलने लगे थे सभी ने कहा चलो आचर्य श्री के पास ले चलते है लेकिन उसने ये कहकर मना कर दिया की आचर्य श्री के दर्शन तो हम रोज करते है और वह बुढ़िया आगे बढ़ गई सभी उसे पकड़ने गेट तक आये लेकिन उसका कही पता नही चला सब जगह पूरे मे काफी देर तक खोजा गया मगर कही पता नही चला जब आचार्य श्री को घटना की जानकारी दी गई ओ तो वे मुस्कुराने लगे
--- ♫ www.jinvaani.org @ Jainism' e-Storehouse ---
Source: © Facebook
चलो बुलावा आया है.... बड़े बाबा ने बुलाया है #kundalpur #vidyasagar
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
*22 मई-रविवार को सुबह 6 बजे शुरू होगी खातेगाँव से कुण्डलपुर की एकल पदयात्रा*
धर्मनगरी खातेगाँव से तीर्थक्षेत्र कुण्डलपुर जी के लिए आचार्य श्री विद्यासागरजी के परम् भक्त जिनेन्द्र (नंदू) काला की 400 KM की एकल पदयात्रा रविवार 21 मई को सुबह 6 बजे दिग.जैन मुनिसुव्रत जिनालय, खातेगाँव (बड़ा मंदिरजी) से प्रारम्भ होगी.
कुण्डलपुर के बड़े बाबा और वहीं अपने संघ के साथ विराजित छोटे बाबा (आचार्य श्री विद्यासागरजी) के दर्शन के उद्देश्य को लेकर श्री नंदू काला इस यात्रा पर जा रहे हैं.
ज्ञातव्य है कि श्री काला पूर्व में भी खातेगाँव से मुक्तागिरीजी, खातेगाँव से बीना बारहा, खातेगाँव से बड़वानी की पदयात्रा एवम् खातेगाँव से अमरकंटक की सायकल यात्रा कर चुके हैं.
दैनिक भास्कर प्रतिनिधि पुनीत जैन (पट्ठा) बताते हैं कि भयंकर गर्मी और चिलचिलाती धूप होते हुए भी 65 वर्षीय श्री काला अपनी इस यात्रा को लेकर अत्यंत उत्साहित नज़र आ रहे हैं. प्रतिदिन लगभग 40-50 km का सफ़र तय करते हुए लगभग 10 दिनों में अपनी इस यात्रा को पूर्ण करेंगे.
•यात्रा का प्रस्तावित मार्ग: खातेगाँव- ओबेदुल्लागंज-रायसेन-सागर-कुण्डलपुर
•संपर्क सूत्र: 8982560004 (आयुष) 9755394550 (पवन काला)