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Golden & true words:) झंडवा पंच कल्याणक -आचार्य श्री ने दिये आशीर्वचन ञान कल्याणक के प्रसंग पर 108 आचार्य श्री विशुद्ध सागरजी महाराज ने प्रवचन देते हुये कहाकि -हर किसी के भाव वैराग्य धारण करने के नही होते हैं । वही व्यक्ति वैराग्य को धारण करता है जिसने अनेक भवों में पुण्य का संचय किया है । एवं हर माता पिता की संतान ऐसी नही होती है जो संयम के पथ पर,मोक्षमार्ग के पथ पर अग्रसर हो सकें ।
उन्ही माता पिता को यह सौभाग्य प्राप्त होता है जिन्होने काम पुरुषार्थ के समय पर भी धर्म आचरण करते हुये, नवकार महामंत्र का स्तवन किया हो । #AcharyaVishudhaSagar
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News in Hindi
⚠️ D latest of a series of self-realised teachers who preached the Jainism 😍 Tirthankara Mahavira was last 24th in present series. 🤔 Lord Mahavira’s entire teachings revolve around purification of the soul and the essence of his sermon was compassion. Jains believe that just as you and I feel pain when we are harmed, so would any other soul. 😎 -------------------- 🙏
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