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अनुषासन दिवस
व्यक्ति पहले स्वयं पर अनुषासन करे: मुनिश्री किषनलालजी
हांसी, 1 अक्टूबर 2017।
प्रेक्षाप्राध्यापक ‘षासनश्री’ मुनिश्री किषनलालजी के सान्निध्य में तेरापंथ सभा भवन में अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अंतर्गत अणुव्रत महासमिति हांसी द्वारा ‘अनुषासन दिवस’ मनाया गया। सभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री किषनलालजी ने कहा कि आचार्य तुलसी ने अणुव्रत आंदोन का प्रवर्तन किया कि जिसमें - मैं किसी भी निरपराध प्राणी का वध नहीं करूंगा, हरे-भरे वृक्षों को नहीं काटूंगा। आत्म हत्या नहीं करूंगा, भ्रूण हत्या नहीं करूंगा आदि नियम जो मानव जीवन के लिए कल्याणकारी है।
मुनिश्री ने ‘‘निज पर षासनश्री फिर अनुषासन’ का उल्लेख करते हुए बताया कि व्यक्ति को पहले स्वयं पर अनुषासन करना चाहिए फिर दूसरे पर अनुषासन कर सकता है। जो व्यक्ति स्वयं जैसा आचरण करता है वैसा ही दूसरों पर उसका असर होता है।
मुनिश्री ने आगे कहा कि व्यक्ति को अपनी आत्मा की रक्षा करनी चाहिए। व्यक्ति जैसा कर्म करता है उसे वैसा ही फल भोगना पड़ता है। व्यक्ति अपनी इंद्रियों का संयम कर पाप कर्म से दूर हो सकता है।
इस दौरान अणुव्रत समिति के अध्यक्ष अषोक जैन, मंत्री पवन गर्ग, सदस्य अषोक जैन (घड़ी वाले), डालचन्द जैन, सुनील जैन, सत्यवीर जैन, तेरापंथी सभा के अध्यक्ष दर्षन कुमार जैन, मंत्री चिराग जैन, तेरापंथ महिला मण्डल अध्यक्षा श्रीमती सरोज जैन आदि अनेक विषिष्टजन उपस्थित थे।
संलग्न: कार्यक्रम फोटो
प्रेक्षाध्यान षिविर 6 अक्टूबर से
तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष राहुल जैन ने बताया कि प्रेक्षाप्राध्यापक ‘षासनश्री’ मुनिश्री किषनलालजी के सान्निध्य में शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य एवं भावनात्मक विकास हेतु हरियाणा जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के तत्वावधान में श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा हांसी द्वारा 6 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक तीन दिवसीय प्रेक्षाध्यान षिविर का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 5 अक्टूबर को विषेष चन्द्र ध्यान रात्रि 8 बजे से 10 बजे तक कराया जाएगा। षिविर में कोई भी महिला पुरुष भाग ले सकेंगे।
- राहुल जैन
English by Google Translate:
Disciple day
First person to do self discipline: Munishri Kishan Lalji
Laughter, October 1, 2017
The 'Anushasanasan' was celebrated by the atomic astrologer Hansi under the Annual Annotation Week in the Thirapanth Sabha Bhawan in the proximity of the observer 'Science Shree' Munishri Kishanlalji. While addressing the gathering, Munishri Kishan Lalji said that Acharya Tulsi initiated Nirvrat Athlon in which I will not kill any innocent person, I will not cut green trees. Do not kill self, do not kill fetus etc. Rules which are welfare for human life.
Munishri, while referring to 'Nishan Shishan Shree Shishr Shishrishan', said that the person should first perform discipline on his own and then perform discipline on the other. The person who behaves like himself, has an effect on others.
Munishri further said that the person should protect his soul. The person does the same kind of work that he does. The person can restrain his senses from the sinful deeds.
During this time, the Chairman of the Nirvrat Committee, Mr. Ashok Jain, Minister Pawan Garg, Member Ashok Jain (Clockmaker), Dalchand Jain, Sunil Jain, Satyavir Jain, Taraporethi Sabha Speaker Mr. Darshan Kumar Jain, Minister Chirag Jain, Tarapanth Mahila Mandal President Mrs Saroj Jain etc. Many traits were present.
Enclosed: Event Photo
Auditorium on October 6
Rahul Jain, President of Thorpanth Yuva Parishad said that for the physical, mental health and emotional development in the proximity of Munshri Kishanlalji, under the auspices of Haryana Jain Shvetambar Teerththi Sabha, Mr. Jain Shvetambara Tervanti Sabha, will be given three days Auditorium will be organized, on October 5, Tax focus area will be from 8 am to 10 pm. Any women men will be able to participate in Shivir.
- Rahul Jain