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News in Hindi:
आचार्य महाश्रमण ने वैरागी मुकुल की 25 अप्रैल को की
दीक्षा की घोषणा
हांसी, 27 जनवरी 2018।
दीक्षार्थी मुकुल ने तोषामवासियों के साथ प्रेक्षाप्राध्यापक ‘षासनश्री’ मुनिश्री किषनलालजी व मुनि निकुंज कुमारजी के दर्षन किये। इस दौरान हांसी समाज के विषिष्ट व्यक्तियों ने दीक्षार्थी मुकुल जैन का माला पहनाकर स्वागत किया।
ज्ञातव्य है कि दीक्षार्थी मुकुल जैन मुनिश्री किषनलालजी व मुनि निकुंजकुमारजी के सान्निध्य में लगभग 7 माह से दर्षन सेवा करता रहा है और उसमें वैराग्य का भाव जागृत हो गया। वैसे तेरापंथ धर्मसंघ में आचार्य ही दीक्षा देते हैं, आचार्य का ही षिष्य होता है, आचार्य ही सर्वसर्वा होते हैं। हरियाणावासियों व पारिवारिकजनों की हरियाणा में ही दीक्षा की पूरजोर अर्ज पर आचार्यश्री महाश्रमणजी ने निर्देष से प्रक्षाप्राध्यापक ‘षासनश्री’ मुनिश्री किषनलालजी के हाथों से 25 अप्रैल 2018 को हरियाणा के तोषाम में ही दीक्षा की घोषणा की।
दीक्षार्थी मुकुल काफी समय से हांसी में मुनिवृंदों के सान्निध्य में रहकर प्रतिक्रमण ज्ञान, ध्यान सीखा है।
‘षासनश्री’ मुनिश्री ने गुरुवर का अत्यन्त आभार और कृतज्ञ भाव को अपने मस्तक पर चढ़ाते हुए कहा कि जब आचार्यश्री के वहां से निर्देष हो गया है तो अब एक तरह से भाव दीक्षा हो गई। दीक्षार्थी को अब यह विषेष ध्यान देना होगा उसे किस तरह से साधना में आगे बढ़ना है, ज्ञान ध्यान और साधुचर्या का विकास करना है।
दीक्षार्थी मुकुल ने आचार्यश्री महाश्रमणजी की कृपा तथा मुनिद्वय का आभार व्यक्त करते हुए क्षमायाचना की।
इस दौरान मुनि निकुंजकुमारजी, स्थानीय सभा अध्यक्ष श्री दर्षन कुमार जैन, रविन्द्र जैन आदि ने दीक्षार्थी मुकुल जैन के संयम जीवन के प्रति मंगल कामना करते हुए अपनी भावनाएं व्यक्त की। दीक्षार्थी मुकुल जैन ने भी मुनिवृंदों के सान्निध्य में ज्ञान की आराधना कर आगे बढ़ने का मुनिवृदों से आषीर्वाद मांगा।
- अषोक सियोल
संलग्न फोटो: दीक्षार्थी मुकुल व हांसी समाज के लोग
Google Translate English:
Acharya Mahasaman made a recluse on April 25
Announcement of initiation
27 January 2018
The initiator, Mukul, expressed his views with the Tosamwasis of Munishri Kishan Lal ji and Muni Nikunj Kumar ji, the observatory of 'Science Shree'. During this time, the very special people of Hansi Samaj welcomed Dakshaydari Mukul Jain wearing garland.
It is known that the initiationist Mukul Jain has been performing the Darshan service for about 7 months in the proximity of Mukesh Jain Munishri Kishan Lalji and Muni Nikunjkumarji and the awakening of Vairagya awakened in it. Well, in the Teerapanth Dharma Sangha, Acharya gives initiation, Acharya is a scholar, Acharya is universal. In Haryana, Haryana and Haryana, on the plea of initiation of Diksha, Acharyashree Mahasamandji announced the initiation in the Tosham of Haryana on April 25, 2018 from the hands of Principal, 'Education Shree' Munshri Kishan Lalji.
The initiator Mukul has long learned pratikraman knowledge, meditation, staying in the proximity of the seams in laughter.
'Shanshan Shree' Munishri offered Guruchar's gratitude and gratitude to his head and said that when the acharyashree has become indistinguishable from there, then now Bhasha is initiated in a way. The initiator will now have to pay special attention to how he has to move forward in cultivation, to develop knowledge meditation and sadhuya.
The initiator Mukul apologized while expressing gratitude to Acharyashree Mahasramanyji and thanking him.
During this time, Muni Nikunjkumarji, Local Sabha President Mr. Darsen Kumar Jain, Ravindra Jain etc. expressed their feelings while praying for Mukal Jain's restraint life. Dikshitari Mukul Jain also sought blessings from the entrepreneurs for the advancement of knowledge in the proximity of the sects.
- Ashok Sion
Enclosed Photo: People of Dikshayari Mukul and Hansi Samaj