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मर्यादाएं जीवन का निर्माण करती है: मुनि किषनलाल
हांसी, 4 अक्टूबर २०१७
आचार्य भिक्षु ने तेरापंथ धर्मसंघ में मर्यादाओं का निर्माण किया। मर्यादाओं के कारण तेरापंथ धर्मसंघ 250 वर्षों से संगठित और व्यवस्थित चल रहा है। तेरापंथी साधु की कोई संपत्ति और आश्रय नहीं है। भिक्षा की चर्या से जीवन यापन करते हैं। प्रत्येक साधु पांच महाव्रत अहिंसा, सत्य, अचैर्य, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह की आराधना करता है। धन और स्त्री का स्पर्ष नहीं करते हैं।
मुनिजी ने आगे कहा - सभी साधु-साध्वियां एक आचार्य की आज्ञा का पालन करते है। पद यात्रा करते हैं गाड़ी और घोड़े का उपयोग नहीं करते हैं। षिष्य नहीं बनाते केवल आचार्य के ही सभी षिष्य-षिष्याएं होते हैं। आचार्यश्री महाश्रमणजी कोलकाता में चातुर्मास व्यतीत कर रहे हैं। उसके पष्चात् उड़िसा, तमिलनाडू, कर्नाटक, आन्ध्रप्रदेष में अहिंसा यात्रा के माध्यम से पद विहार करेंगे।
प्रातःकालीन प्रवचन में प्रेक्षाप्राध्यापक मुनि किषनलाल ने कहा - भगवान महावीर ने तीर्थ संघ की स्थापना की जिसमें साधु-साध्वी, श्रावक-श्राविका के रूप में चतुर्विध संघ की स्थापना की। तेरापंथ धर्मसंघ में प्रत्येक चतुर्थदषी को मर्यादा पत्र का वाचन होता है।
चन्द्र ध्यान (मून मेडिटेषन) आज
तेरापंथ युवक परिषद के प्रधान राहुल जैन बताया कि मुनिश्री किषनलालजी के सान्निध्य में शरद पूर्णिमा (5 अक्टूबर) को मून मेडिटेषन चन्द्र ध्यान रात्रि 8 बजे से 10 बजे तेरापंथ भवन में किया जाएगा। इस ध्यान से व्यक्ति का मन संतुलित होता है, अवसाद दूर होता है। मन की समस्याओं का समाधान होता है। अष्विन की पूर्णिमा का ध्यान का महत्त्व बहुत अधिक है। इस दिन ध्यान करने से व्यक्ति शान्त और व्यवस्थित रहता है।
- राहुल जैन (प्रधान, तेरापंथ युवक परिषद)
9812272360
English by Google Translate:
Limits Build Life: Muni Kishan Lal
October 4, 2017
Acharya Bhikshu created limitations in the Teerapanth Dharma Sangh. Due to limitations, the Teerthanth Dharma Sangh has been organized and systematic for 250 years. There is no property and shelter for the Tory Sadhus. Life of begging Each monk worshiped five Mahavrat Ahimsa, truth, Acharya, Brahmacharya and Apirigrah. Do not touch money and woman.
Muniji further said - All Sages and Sadhis follow the command of an Acharya. Do not use the carriage and horse used to travel. Not only do the scholars have all the speeches of the teacher only. Acharyashree Mahasramanji is spending Chaturmas in Kolkata. In his post, Oriya, Tamil Nadu, Karnataka, Indraprastha will take a walk through non-violence tour.
Observer Muni Kishanlal in the morning discourse said - Lord Mahavir established a shrine consortium in which a Sadhu-Sadhvi, Shravak-Shravika was established as a quadrilateral union. Every fourth letter in the Teerapanth Dharam Sangha has a reading of the letter of limitation.
Moon Meditation (Moon Meditation) Today
Rahul Jain, the head of the Tarapanth Yuvaik Parish, told that Moon Moonshana Chandra Pyaar from Sharad Purnima (October 5) will be held at the Terrapanth Bhawan at 8 pm from 10 am to the proximity of Munishri Kishanlalji. By this meditation, the mind of a person is balanced, depression is removed. The problems of the mind are resolved. The importance of meditation of the full moon of Ashwin is very high. Meditating on this day keeps the person calm and systematic.
- Rahul Jain (Principal, Terepanth Youth Council)
9812272360