ShortNews in English
17 Mumukshu and Samani Have Become Sadhu or Sadhvi. 4 Mumukshu Become Samani: 06.11.2012
Acharya Mahashraman said to people to increase Sadhana of Sanyam. He praised those householders who give permission to their sons and daughters for Diksha and leading purposeful life.
News in Hindi
17 मुमुक्षु बने मुनि व साध्वी, 4 बनीं समणी
आचार्य महाश्रमण की सानिध्य में दीक्षा महोत्सव के वृहद कार्यक्रम का आयोजन
आचार्य महाश्रमण ने कहा, शिष्य दान करने वाला अभिभावक धन्य है
जसोल (बालोतरा) ०६ नवम्बर २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
इस दुर्लभ मानव जीवन में त्याग-संयम का विकास होना चाहिए। व्यक्ति के जीवन में अध्यात्म की साधना की भावना वर्धमान रहे। यह अध्यात्म की साधना का मंगल संदेश श्रमण संस्कृति उद्गाता तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने आयोजित महा दीक्षा समारोह में प्रदान किया। आचार्य ने दीक्षा समारोह में उपस्थित हजारों लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में संयम का विकास होना चाहिए। व्यक्ति के जीवन में जितना त्याग व संयम बढ़ता है, उतना ही उसके जीवन में अध्यात्म बढ़ता है। व्यक्ति अणुव्रत, बारह व्रत को स्वीकार करें। आचार्य ने शिष्य देने वाले अभिभावकों को साधुवाद देते हुए कहा कि शिष्य दान करने वाले अभिभावक धन्य है। आचार्य पारिवारिक जनों को उनके परिवार से किसी के दीक्षा लेने पर मना नहीं करने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम में हजारों की तादाद में जन सैलाब का भव्य दीक्षा समारोह को देखने के लिए उमड़ रहा था। हर कोई इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनना चाह रहा था। जसोल में आयोजित दीक्षा समारोह में मंगल महामंत्र के उच्चारण के साथ ही कार्यक्रम प्रारंभ हुआ।स्वागत भाषण आचार्य महाश्रमण प्रवास व्यवस्था समिति के संयोजक गौतम सालेचा ने दिया। दीक्षार्थी शीतल व दीक्षार्थी धीरज खटेड़ ने समर्पित भावों की अभिव्यक्ति पूज्यपाद में दी। श्रेणी आरोहण करने वाली समणियां समणी प्रसन्नप्रज्ञा, समणी ज्ञानप्रज्ञा, समणी लावण्यप्रज्ञा, समणी अचलप्रज्ञा, समणी आरोग्यप्रज्ञा व समणी प्रज्ञा ने गीतिका के माध्यम से अपने श्रद्धानिष्ठ भावों की प्रस्तुति दी। मुमुक्षु ख्वाहिश ने दीक्षार्थी धीरज, दीक्षार्थी पुनीत, दीक्षार्थी प्रतिक, रौनक व धीरज खटेड़ का संक्षिप्त जीवन परिचय दिया। मुमुक्षु रेखा व मुमुक्षु ललिता ने दीक्षार्थी बहनों खुशबू, मोक्षा, ज्योति, कविता, पूजा, भावना, शीतल, मर्यादा, भावना व प्रेक्षा का संक्षिप्त में जीवन परिचय प्रस्तुत किया। समणी कंचनप्रज्ञा व समणी प्रेक्षा प्रज्ञा ने समण श्रेणी से आरोहण कर साध्वी बनने वाली समणियों समणी प्रसन्नप्रज्ञा, समणी ज्ञान प्रज्ञा, समणी अचल प्रज्ञा, समणी लावण्यप्रज्ञा, समणी आरोग्य प्रज्ञा व समणी समता प्रज्ञा का परिचय प्रस्तुत किया।