ShortNews in English
Jasol: 07.11.2012
Acharya Mahashraman said that Guru show way to people. Ordinary people are careful only for worldly causes but Guru Show way to come out from worldly matters and to stay with soul.
News in Hindi
रास्ता दिखाते हंै धर्मगुरु: आचार्य महाश्रमण
जसोल(बालोतरा) ०७ नवम्बर २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो जसोल
सामान्य आदमी संसार में रचा पचा रहता है। सांसारिक इंद्रियों के सुखों में वह इतना निमग्न हो जाता है कि उससे निकलना उसके लिए मुश्किल हो जाता है। जैसे पंक (कीचड़) में फंसा हाथी का निकलना मुश्किल हो जाता है। यह मंगल प्रेरणादायी वक्तव्य तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने मंगलवार को धर्मसभा को संबोधित करते हुए दिए।
उन्होंने कहा कि कई युवावस्था वाले, शादीशुदा, सपत्नीक व्यक्ति होते हैं। वैराग्य आने पर भी परिवार व पत्नी को छोड़ साधु बन जाते हैं। काम-भोग में रहने वाले व्यक्ति के भीतर भी ऐसी चेतना जाग सकती है। आचार्य ने कहा कि संसार से मुक्त होने की चेतना का जागना सौभाग्य के बिना, क्षयोपशम के बिना संभव नहीं है। आदमी में गार्हस्थ में रहते हुए भी साधना करने का प्रयास करें। धर्मगुरु एक रास्ता दिखाने का प्रयास करते हैं और दलदल से निकालने का प्रयास करते हैं।
व्यक्ति जीवन में धर्म की आराधना का प्रयास करें। कार्यक्रम में जैविभा विश्वविद्यालय के निदेशक आनंद प्रकाश त्रिपाठी जैन विद्या के संदर्भ में अपनी जानकारी दी।
घेवरचंद मेहता ने अपने विचार व्यक्त किए। संचालन मुनि हिमांशु कुमार ने किया।