ShortNews in English
Bhatinda: 18.02.2013 Muni Dhramchand (Peeyush), Muni Rashmi Kumar and Muni Labdhi Kumar spoke in length about Maryada Mahotsav.
News in Hindi
जीवन में अनुशासन बहुत महत्वपूर्ण: मुनिश्री धर्मचंद जी
जीवन में अनुशासन बहुत महत्वपूर्ण: मुनिश्री धर्मचंद जी
तेरापंथ सभा बठिंडा द्वारा 149वें मर्यादा महोत्सव का आयोजन
बठिंडा 18 Feb-2013 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
तेरापंथ भवन में तेरापंथ सभा द्वारा आचार्य महाश्रमण के आज्ञानुवर्ती मुनिश्री धर्मचंद पीयूष ठाणा तीन के पावन सानिध्य में 149वें मर्यादा महोत्सव का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की शुरुआत मुनिश्री धर्मचंद द्वारा उच्चारित महामंत्र व महिला मंडल के मंगलाचरण से किया गया।
इस मौके पर मुनि श्री धर्मचंद पीयूष ने कहा कि संविधान, संघ, संस्था या राष्ट्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्राण तत्व होता है। विधान बहुत महत्वपूर्ण होता है। विधान या मर्यादा का अर्थ होता है अनुशासन।
अनुशासित व मर्यादित जीवन विकास के शिखरों को छूता है। तेरापंथ के सर्वतोन्मुखी विकास की वजह अनुशासन और मर्यादा है। मुनि प्रवर ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम आचार्य भिक्षु ने नव उदीयमान तेरापंथ धर्म संघ के लिए जो विधान बनाया, मर्यादाओं की उनको लेकर पिछले 148 साल से मर्यादा महोत्सव मनाया जा रहा है। मर्यादा महोत्सव का विराट और भव्य कार्यक्रम तेरापंथ के 11वें अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण के प्रेरक सानिध्य में टापरा राजस्थान में होगा।
मर्यादाएं करती हैं संयम जीवन की रक्षा: मुनिश्री रश्मि कुमार ने कहा कि संघीय मर्यादाएं लक्ष्मण रेखा की तरह संयम जीवन की रक्षा करती हैं। भौतिकवाद के तूफानी समुद्र में डगमगाती नाव की पतवार बन उसे तार देती हैं। बांध के पानी के समान विकास का माध्यम बनती हैं। मुनि लब्धि कुमार ने कहा कि जीवन में आने वाले संघर्षों से जूझने के लिए मर्यादाएं शक्ति प्रदान करती हैं।
इस कार्यक्रम में पूनम जैन, राजीव गोयल, राम विजय गोयल, उमेश जैन, विजय जैन, अजय जैन, फ्रैंकी नवेटिया आदि उपस्थित थे।
इस अवसर पर रामपुरा फूल, बरनाला, जैतो, जालंधर, श्रीगंगानगर, कालांवाली, रामपुरा, गोनियाना आदि से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
रविवार को जैन स्थानक में आयोजित मर्यादा महोत्सव में उपस्थित श्रद्धालुगण।