28.03.2011 ►Jain Terapanth News

Published: 28.03.2011
Updated: 21.07.2015

News in Hindi

Grand welcome of Ahimsa Yatra. Post-holder of new board of municipality presenting welcome letter to Acharya Mahashraman.

अहिंसा यात्रा का आसींद में जोरदार स्वागत

आसींद 28 march 2011 जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो 

आसींद. धर्मसभा में उपस्थित जनसमुदाय तथा आचार्य महाश्रमण को अभिनंदन पत्र भेंट करते नपा बोर्ड के पदाधिकारी।

तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य श्री महाश्रमण के अनुसार उनकी अहिंसा यात्रा का उद्देश्य मानव मन में दया की चेतना जगाना है। मन में दया है तो व्यक्ति बहुत से पाप कर्मों से बच सकता है। निष्ठुरता है तो वह हिंसा, अपराध के रास्ते चला जाता है। आचार्यश्री शनिवार सुबह यहां धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। महाश्रमण ने भारी संख्या में उपस्थित लोगों से कहा कि दुनिया में दुख है। और हमेशा रहेंगे। दुखी व्यक्ति का दुख सुनने से उसका मन हल्का हो जाता है। उसे कुछ दे न सकें तो मुख की मुस्कान तो दे ही दे। महाश्रमण ने कहा कि मानव जाति एक है। भाईचारे से कहना चाहिए। सबके प्रति मंगल भावना रहे। व्यवसाय व व्यवहार में ईमानदारी रहे। नैतिकता का पालन करें। आचार्य ने कहा कि साधना शील व्यक्ति मोह से दूर रहने का अभ्यास करता है। साधु लोग अपने शरीर से मोह नहीं करते है। शरीर को भोजन के रूप में भाड़ा भी देना होता है। साधु शरीर को परिपोषित करता है। भोजन स्वाद के लिए नहीं, शरीर को चलाने के लिए है। भोजन के प्रति अनासक्ति भाव होना चाहिए। सभा में साध्वी प्रमुख कनकप्रभा ने कहा कि जो आदमी अपने भीतर देखना सीख लेता है वह स्वस्थ व सुखी बन जाता है। अपने भीतर की अच्छाइयों व बुराइयों को जरूर देखें। 

80 संत-साध्वियों के साथ आए आचार्य: आचार्य महाश्रमण 80 साधु-साध्वियों के अपने दल के साथ सुबह बदनोर से निकले। आसींद तक 17 किमी की पदयात्रा के दौरान परा, पड़ासोली, प्रतापपुरा में भी सैकड़ों लोगों ने उनका स्वागत किया। महाश्रमण ने अपनी मधुरवाणी से रास्ते में भी लोगों को संबोधित किया। यहां सभा में नगरपालिका मंडल ने आचार्य को अभिनंदन पत्र भेंट किया।

क्षेत्रवासी हुए भाव-विभोर: नगर में जगह-जगह तोरणद्वार बनाए गए। नपा अध्यक्ष हंगामीलाल मेवाड़ा ने अपने निवास पर अतिथियों का स्वागत सत्कार किया। धर्मसभा में क्षेत्रीय विधायक रामलाल गुर्जर, उपप्रधान नौरतमल बड़ौला, तेरापंथ सभाध्यक्ष गणेशलाल चोरडिय़ा, मंत्री कन्हैयालाल कांठेंड़, रोशनलाल सचेती, तहसीलदार रामबाबू वर्मा सहित कई जन प्रतिनिधि, अधिकारी व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

चातुर्मास की मांग: नगरवासियों ने महाश्रमण से आसींद मेें चातुर्मास करने की पुरजोर मांग की। धर्मसभा में जैन समाज के अलावा अन्य समाजों के भी लोग उपस्थित थे। इससे पंडाल भी छोटा पड़ा। आचार्यश्री शनिवार सुबह विहार करते समय सात बजे आचार्य महाप्रज्ञ इंस्टीट्यूट आफ एक्सीलेंस व अहिंसा द्वार का अवलोकन करेंगे।

जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो 

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facebook.com//Jain-Terapnth-News
Location: Asind
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