22.10.2015 ►TSS ►Terapanth Sangh Samvad News

Published: 22.10.2015
Updated: 04.01.2016

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विराटनगर (नेपाल): पूज्य गुरुदेव के मंगल सन्निधि में चल रहे नवांहिक आध्यात्मिक अनुष्ठान के आज नोवें दिन के कुछ मनोरम दृश्य..
दिनांक: 22/10/2015
प्रस्तुति: 🌻तेरापंथ संघ संवाद🌻

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चेन्नई - धन्ना शालीभद्र परिसंवाद की रोचक व भव्य प्रस्तुति
दिनांक 21-10-2015

प्रस्तुति - 🌻तेरापंथ संघ संवाद🌻

News in Hindi

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📟📟📟📟📟📟

पूज्य प्रवर आचार्य श्री महाश्रमण के आज के प्रवचन का विडियो लिंक

स्थल - तेरापंथ भवन, विराटनगर (नेपाल)

विषय:- भले का भला- बुरे का बुरा (जैसी करनी वैसी भरनी)

http://youtu.be/K1Cer7SsPhU

दिनांक - 20-10-2015

प्रस्तुति - अमृतवाणी

प्रसारक - 🌻तेरापंथ संघ संवाद🌻
📟📟📟📟📟📟

पूज्य प्रवर आचार्य श्री महाश्रमण के आज के प्रवचन का विडियो लिंक

स्थल - तेरापंथ भवन, विराटनगर (नेपाल)

विषय:- जीवन में शक्ति व शांति दोनों हो

http://youtu.be/CvSlbBLYdY8

दिनांक - 21-10-2015

प्रस्तुति - अमृतवाणी

प्रसारक - 🌻तेरापंथ संघ संवाद🌻

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आज की प्रेरणा.....
प्रवचनकार - आचार्य श्री महाश्रमण.....,
विषय - शक्ति और शांति......
प्रवचनस्थल - विराटनगर, २१.१०.१५......
प्रस्तुति - अमृतवाणी......
संप्रसारण - संस्कार चेनेल के माध्यम से --
आर्हत वाड्मय में उट्ठाण, बल, वीर्य आदि शब्द प्राप्त होते हैं| जीवन में शक्ति का, पराक्रम का बड़ा महत्व होता है| आश्विन महिना, शुक्ल पक्ष और समशीतोष्ण मौसम| कितने लोगों ने अपने अपने ढंग से नवान्विक अनुष्ठान किया| शक्ति का बड़ा महत्व होता है| शक्ति का विकास होना चाहिए| शक्ति की उपासना हो, शक्ति का उपयोग हो, शक्ति का गोपन न हो| केवल विशाल काय होने का महत्व नहीं, छोटे भी बड़ों को वश में कर लेते हैं | अतः शक्ति का जागरण काम्य है| शक्ति का महत्व है लेकिन शांति का भी बड़ा महत्व है|शक्ति विहीन शांति और शांति विहीन शक्ति अपूर्ण होती है|शक्ति और शांति दोनों का योग होना चाहिए| सद्भावना, नैतिकता व नशा मुक्ति के प्रसार हेतु अहिंसा यात्रा चल रही है | इन तीनो का विकास यदि जीवन में को तो शक्ति का संरक्षण भी हो सकता है | सज्जन की शक्ति का सदुपयोग व दुर्जन की शक्ति का दुरूपयोग होता है| नेपाल चातुर्मास के तीन महीने पूरे हो रहे हैं| नेपाल में भी शक्तिशीलता व शांतिशीलता रहे व शांति और शक्ति दोनों का विकास हो| शक्ति तारक हो, संहारक नहीं| शक्ति एक अग्नि के सामान है, इसकी तेजस्विता दूसरों के कल्याण के लिए हो, विनाश व अनिष्ट के लिए नहीं | विजय दशमी व दीपावली का भी समय सामने आ रहा है| एक राम से व दूसरा भगवान महावीर से जुड़ा हुआ है और ये दोनों ही शक्ति व शांति से सम्पन्न थे| तो अपेक्षा है - शक्ति जागे व वह कल्याणकारी हो|
दिनांक - २२ अक्टुबर, २०१५

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