19.06.2016 ►Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt ►News

Published: 19.06.2016
Updated: 05.01.2017

Update

Source: © Facebook

||Pitru Devo Bhava||
||Respect to Father||

Lord Adinatha is the father of human civilization & greatest initiator of human progress.

He is the first person to teach yoga and meditation in the world.

He introduced a total of seventy-two sciences which includes arithmetic, plastic and visual arts, the art of lovemaking, singing and dancing.

He taught us the agriculture, tending of animals, cooking, poetry, painting, sculpture and similar arts.

He introduced karma-bhumi (the age of action), the institution of marriage, ceremony of cremating the dead and festivals in honour of gods like Indra and Naga came into existence.

Rishabha is known as first human for advocating non-violence & peace on the earth.

He is the first to introduced women education in the world by educating his daughters Brahmi and Sundari.

He is a Great and responsible father of one hundred sons and two daughters.

He taught us the responsibility, relationship, love, bondage between Father and children.

A complete father & his foot steps followed by his children’s Bharata and Bhaubali.

||Love you Dad||
||Happy Father’s day||

Please share the greatness of a Father & celebrate the father's day!

Wishes by Sankighatta Vardhamana Mahaveer Swamy Jain temple, Sankighatta, Ramanagara District, Karnataka, South India.

🙏🙏🙏

Source: © Facebook

धर्म के प्रति रखें अटूट आस्था: मुनिसुधासागर ने कहा कि यदि सच्चा गुरू शीश देने के बदले भी मिल जाए तो समझो कि बहुत सस्ते में मिल गया, क्योंकि सच्चा गुरू जान के बदले में भी मिले तो वह मरण सस्ता है। सीता माता ने धर्म की खातिर अग्नि परीक्षा दी। धर्म और वृत्त संकल्प के प्रति हमेशा अटूट आस्था रखनी चाहिए।

Source: © Facebook

Source: © Facebook

today pic with today pravachan:)) महान हैं आचार्य गुरुवर संत शिरोमणि प. पू. १०८ श्री विद्या सागर जी महाराज जिनके मुख से साक्षात तीर्थंकर जैसी वाणी निकलती है!

कल जब राजनीति के क्षेत्र से अमित शाह जी और शिवराज सिंह चौहान जी आये थे तब आचार्य गुरुवर में मुखारबिंद से जो वाणी निकली वो एक महान राजनीतिज्ञ जैसी थी और आज जब आचार्य गुरुवर ने अर्थ शास्त्र पर बोला तब ऐसा लगा मानो महान अर्थ शास्त्री सैकड़ो CA / Engineers को उद्बोधन दे रहा हो!

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
आचार्य भगवन के आज के प्रवचनांश:
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

१. अर्थ (आज के ज़माने का पैसा) की क्या उपियोगित क्या है? ये चिंतन का विषय है! अर्थ से आप क्या खरीद सकते हैं अगर बाजार में वो वस्तु ही नहीं हो? ये समझना की अर्थ से कुछ खरीदा जा सकता है ये बहुत बड़ी भूल है!

२. इतिहास को पड़ना और उसका चिंतन करना अति आवश्यक है! पहले की अर्थ व्यवस्था समझना बहुत जरूरी है! हर कोई भविष्य की चिंता में तो है लेकिन बिना इतिहास को जाने! यह भूल हो रही है!

३ ## अर्थ व्यवस्था एक अपवाद है ###

जीवन जीने के लिए जो भी जरूरी सामग्री हैं उनको मुख्यतः १० विभागों में बांटा गया है और उसमे अर्थ का कोई स्थान नहीं है! अर्थ तो एक वैकल्पिक व्यवस्था है जो आज कल मूल बन गई है जो नहीं होना चाहिए था! हर व्यक्ति इसके पीछे पागल हुआ जा रहा है!

ये कुछ इसी प्रकार है की जैसे ताश के ५२ पत्ते हैं और उसमे जोकर एक अपवाद है जो किसी के स्थान / साथ भी लगाया जा सकता है! इसी प्रकार जीवन के लिए उपयोगी दस प्रकार के परिग्रह में अर्थ को किसी भी स्थान पर लगाया जा सकता है लेकिन वो मुख्य तो कभी नहीं हो सकता!

इतिहास में भी इस वैकल्पिक व्यवस्था का प्रयोग किया गया लेकिन तब भी मुद्रा के रूप में सोना / चांदी के सिक्कों का प्रयोग होता था! आज तो कुछ भी नहीं है! ये एक छल है!

४. शिक्षा का असली मतलब पड़ना नहीं बल्कि अनुभव है! शब्द तभी important हो पाते हैं जब उसका अर्थ (meaning) समझा जा सके!

५. जैसे साइकिल का जब टायर पंचर हो जाता है तो पहले उस को खोल के check किया जाता है की problem कहा है, उसको mark करके फिर उसको ठीक किया जाता है! उसी प्रकार इस अर्थ की समस्या का भी इसी प्रकार से शोध करने की आवश्यकता है!

आज के पड़े लिखे लोगों ने कभी इस अर्थ रुपी अपवाद / वैकल्पिक व्यवस्था की समस्या के जड़ पर चिंतन ही नहीं किया तो फिर solution मिलेगा कहा से?

६. सम्यक दर्शन केवल श्रद्धान का ही नाम नहीं बल्कि सक्रीयता का नाम है नहीं तो पता कैसे चलेगा की अंतरमन में क्या है! सम्यक दर्शन के लक्षण में करुणा / अनुकम्पा भी है, किसी के कष्ट देखके आँखों का नम हो जाना चाहिए!

७. बच्चों को सही शिक्षा दें नाकि पश्चिम के प्रभाव में आकर ऐसी पढ़ाई करवा दें की वो सब बेकार हो जाए! आज लाखों इंजीनियर्स बेकार हैं और चपरासी की नौकरी तक के लिए आवेदन कर rahe हैं!

संकलनकर्ता - मैत्री समूह वालंटियर

Source: © Facebook

जय हो:)

Source: © Facebook

यंग जैना अवार्ड २०१६

आचार्य श्री विद्यासागरजी के आशीर्वाद एवं मुनि श्री क्षमासागरजी की प्रेरणा से आयोजित होने वाले यंग जैना अवार्ड २०१६ (YJA'16) की जानकारी एवं आवेदन की प्रक्रिया के लिए कृपया निम्नलिखित लिंक पर क्लिक करें:

http://goo.gl/166O27

कृपया यह जानकारी सभी को अग्रेषित करें जिससे अधिक से अधिक प्रतिभावान जैन विद्यार्थियों को चयनित कर उनका सम्मान कर सकें।

मैत्री समूह
94-25-424984
98274 - 40301

Source: © Facebook

Balak Vidyadhar -acharya shri bachpan me khelte hue rare pic:)) www.jinvaani.org

Update

Video link: Aadat
हमारे अपने जीवन में अन्धकार होगा या प्रकाश, यह हमारी अपनी चॉइस है। कुछ थोड़ी सी भौतिक सुख सुविधाओं के लिए हम अपने अंतस की आवाज़ को अनसुना करने की आदत बना लेत...

"Choice" - Munishri Kshama Sagar Ji's Voice

Update

सभी को सादर जय जिनेंद्र। रविवार १९ जून २०१६ ज्येष्ठ शुक्ल चतुर्दशी।
आज का विचार: वैयावृत्ति महान तप है और तीर्थंकर प्रकृति के बंध का कारण भी। वैयावृत्ति किसकी करें और किन भावों के साथ करें, आईए जानते है *मुनिश्री क्षमासागर जी महाराज* की वाणी में।

मैत्री समूह
9827440301

https://m.facebook.com/Maitreesamooh

Link: https://soundcloud.com/maitree-samooh/nmiuqm4gkysu

मुनिश्री क्षमासागर जी महाराज - वैयावृत्ति किसकी करें और किन भावों के साथ
सभी को सादर जय जिनेंद्र। रविवार १९ जून २०१६ ज्येष्ठ शुक्ल चतुर्दशी। आज का विचार: वैयावृत्ति महान तप है और तीर्थंकर प्रकृति के बंध का कारण भी। वैयावृत्ति किसकी करें और किन भावों के साथ करें, आईए जान

News in Hindi

Source: © Facebook

उज्जैन(म.प्र.) की ओर बढ़ते कदम...

जय जय गुरुदेव...
"जय जिनेन्द्र"

Source: © Facebook

✿ पहली बार ऐसा संत देखा -अमित शाह (BJP President)

शाह जी ने कहा कि हमने प्रथम संत देखा जिन्होंने मन्दिर, तीर्थ, मठ या कोई निजी चर्चा नहीं की बल्कि राष्ट्र हित की बात की कैसे राष्ट्र का कल्याण हो सके,भारत के इतिहास को कैसे बदला जा सके, हथकरघा, रोजगार आदि के विषय में चर्चा की |

सुधा जी ने कहा कि पहले अमित भाई मात्र 5 मिनट चर्चा की कहके आए थे जबकि 45 मिनट आचार्य भगवंत से चर्चा की स्वयं अमित जी ने भी बहुत ही ध्यान से प्रवचन सुने ।

Picture shared by Amit Shah, BJP president on his page:)

--- ♫ www.jinvaani.org @ Jainism' e-Storehouse ---

Source: © Facebook

बड़े बाबा की भक्ति करो झूम झूम के.. आरती करते हुए BJP President अमित शाह तथा CM शिवराज सिंह चौहान:))

Source: © Facebook

आचार्य श्री के चरण से पवित्र जल गन्धोदक बनाते BJP president अमित शाह साथ CM शिवराज सिंह चौहान:)) कल की पिक्चर.. संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज के प्रवचनांश..

आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज के चरणों में कल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और श्री अमित शाह जी दोनों ने आकर मंगल आशीर्वाद ग्रहण किया! दोनों ने आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन किया और शास्त्र जी भी भेंट किया!

आचार्य श्री जी के मंगल प्रवचन के मुख्य बिंदु:-

१. किसान मूल है और व्यापारी ब्याज की तरह हैं! किसान तो मेहनत करके फसल उगाता है लेकिन अपना मूल्य नहीं बढ़ाता लेकिन जैसे ही वो फसल व्यापारियों के हाथ में आती है वो उसका संग्रह कर के मूल्य बड़ा देता है और भाव रखता है की मेरा ही मूल्य बढ़ता रहे और मै ही धन कमाता रहूं, यह सही नहीं है!

२. एक एक बूँद महत्वपूर्ण है, जो एक दूसरे से मिल कर सरिता और फिर सागर बन जाती है! अगर बूँद सक्रिय नहीं होती तो जल जड़ हो जाता!

३. मत का मूल्यांकन सही से नहीं हो पाता! 40% मत में ही गद्दी मिल जाती है! नेता लोग जनता के लिए काम करे तो उनका भी विकास होगा क्योंकि वो भी जनता में ही हैं!

४. चुनाव के १ महीने पहले पक्ष - विपक्ष होना तो ठीक है लेकिन फिर ५ साल केवल एक ही पक्ष होना चाहिए वो है " राष्ट्रीयता "!क्योंकि कोई भी पार्टी सत्ता पर हो लेकिन " ध्वज " एक ही होता है वह है " तिरंगा "!!!

५. अचार संहिता केवल चुनाव के एक महीने के लिए ना होकर हमेशा के लिए होनी चाहिए!

६. चंचला लक्ष्मी का सदुपयोग वही कर सकता है जो सरस्वती पर पूर्ण श्रद्धान रखता है! यानि की बुद्धि से जितना धन अच्छे कार्यों में लगाया जाए केवल वही धन प्रसंशा के योग्य है!

७. जो पार्टी / व्यक्ति समस्याओं के समय में सिद्धांतों के साथ समझौता नहीं करे वो ही सफलता के शीर्ष पर पहुँचता है!

हमारे volunteer द्वारा संकलन

मैत्री समूह
9827440301

Sources
Categories

Click on categories below to activate or deactivate navigation filter.

  • Jaina Sanghas
    • Digambar
      • Acharya Vidya Sagar
        • Share this page on:
          Page glossary
          Some texts contain  footnotes  and  glossary  entries. To distinguish between them, the links have different colors.
          1. Bharata
          2. Indra
          3. Jain Temple
          4. JinVaani
          5. Karnataka
          6. Kshama
          7. Mahaveer
          8. Meditation
          9. Non-violence
          10. Pravachan
          11. Rishabha
          12. Sagar
          13. Sankighatta
          14. Vardhamana
          15. Yoga
          16. आचार्य
          17. तीर्थंकर
          18. दर्शन
          19. दस
          20. भाव
          21. मध्य प्रदेश
          22. लक्षण
          23. लक्ष्मी
          24. सत्ता
          25. सागर
          Page statistics
          This page has been viewed 2478 times.
          © 1997-2024 HereNow4U, Version 4.56
          Home
          About
          Contact us
          Disclaimer
          Social Networking

          HN4U Deutsche Version
          Today's Counter: