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सभी के कल्याण की प्रेरणा देता है जैन चिंतन
मुख्यमंत्री #विजय_रूपाणी ने कहा कि त्याग, तप और अहिंसा के मार्ग पर चलकर जैन धर्म सभी का कल्याण करने की श्रेष्ठ प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि आराधना और आध्यात्मिकता से ही जीवन की सच्ची दिशा एवं सुख-संतोष मिलता है।
रूपाणी शनिवार को बनासकांठा के पुराण पवित्र नगर थराद में विशाल संख्या में जैन समुदाय की मौजूदगी में आयोजित सामूहिक दीक्षा महोत्सव में बोल रहे थे।
राष्ट्र संत आचार्य भगवंत पू.श्रीमद विजय जयंतसेन सूरीश्वरजी महाराज साहेब, वरिष्ठ मुनिराज, महाराज साहेब, त्यागी-वैरागी एवं वीतरागी के अनुरागी श्रमणी वृंदों की उपस्थिति में आज 25 भाई-बहनों ने घर-परिवार एवं सांसारिक मोह-माया का त्याग कर दीक्षा ग्रहण की और आत्मकल्याण के मार्ग पर कदम बढ़ाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पवित्र मार्ग पर अनंत आत्माओं ने परम तत्व को प्राप्त किया है, प्राप्त कर रहे हैं और प्राप्त करेंगे। पवित्र थराद नगर की भूमि पर अनेक पूज्य संतों-महंतों ने तप कर परम तत्व को प्राप्त कर सभी के कल्याण का आशीर्वाद दिया है।
उन्होंने आत्मा के कल्याण के लिए संसार का त्याग करने वाले मुमुक्षुओं को शुभकामनाएं दीं और दिव्य कल्याणकारी गुजरात के निर्माण के लिए भगवान महावीर से प्रार्थना की।
रूपाणी ने कहा कि भगवान महावीर स्वामी की प्रत्येक जीव के प्रति करुणा की भावना रखने की भव्य विरासत हमें मिली है। हमें सभी जीवों की चिंता करते हुए आगे बढ़ना है।
सकल तीर्थ वरखड़ी धाम में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने दीक्षार्थी भाई-बहनों का सम्मान कर शोभा यात्रा को प्रस्थान कराया। मुख्यमंत्री ने श्री सौधर्म बृहतपोच्छीय त्रिस्तुतिक जैन थराद संघ संचालित जेठी बा भवन का उद्घाटन किया। उन्होंने महावीर मंदिर के सामने नवनिर्मित धर्मशाला, भोजनशाला तथा चंद्रशांति हॉल का भी उद्घाटन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में संतों के विहार के दौरान दुर्घटना को टालने के लिए 240 करोड़ रुपए की लागत से पालीताणा से गारियाधार और अहमदाबाद से शंखेश्वर तक पगडंडी का निर्माण होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य में पवित्र यात्राधामों को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने की दिशा में राज्य सरकार कार्य कर रही है। अंबाजी, सोमनाथ, पालीताणा, डाकोर एवं गिरनार तराई जैसे यात्राधामों को स्वच्छ भारत अभियान के तहत सुंदर एवं स्वच्छ बनाने का हमारा संकल्प है।
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