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उज्जैन। जिले के नागदा तहसील मुख्यालय के समीप गांव भीकमपुर जो कि राजा विक्रमादित्य की जन्म स्थली के रूप में जाना जाता है यहां रविवार को देवीलाल सोलंकी के यहां निर्माण की खुदाई के दौरान प्राचीन प्रतिमाएं निकली हैं। प्रतिमाएं जैन समाज से संबंधित भगवानों की हैं ।
खुदाई के वक्त करीब 15 से अधिक प्रतिमाए निकली । प्रतिमाओं को गड्डे से बाहर निकालने पर ज्ञात हुआ कि यह प्रतिमाए 13 सौ साल वर्ष पुरानी है क्योंकि प्रतिमाओं पर संवत् 1306, 1324, 1331 लिखे हुए थे। जो प्रतिमाए निकली है उनमें सुविधिनाथ जी,नेमिनाथ जी, चंद्र प्रभु की प्रतिमाए शामिल है। इसमें से कई प्रतिमाए खंडित अवस्था में थी तो कुछ सही।
मूर्तियों जो सब साफ किया गया तो उस पर १३२४ संवत लिख हुआ था। मूर्तियों पर संवत १३३१ व १३२४ लिखा है। इस आधार पर माना जा रहा है कि किसी जमाने में इस गांव में जैन समाज का मंदिर रहा होगा। हालांकि वर्तमान में गांव में एक भी घर जैन समाज का नहीं है । गांव के बाहर एक शिलालेख भी लगा है। शिलालेख पर जमीदार का नाम खेमचंद लिखा हुआ है। शिलालेख में स्थापना की तिथि 29 मई 1940 तथा संवत 1982 लिखा है। इससे अंदाज लगाया जा रहा है कि रियासत के समय गांव पर जैन समाज का आधिपति रहा होगा ।
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