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#गुजरात के #मुख्यमंत्री #जैन #विजयजीरूपानी #मुहपती लगा कर पर्व आराधना करते हुए.
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खमत खामणा के स्वरों से गूंज उठा पाण्डाल
क्षमा के बिना जीवन जीवन नहीं: दिनेश मुनि
प्राणी मात्र से खमत.खामणा करता हूं:
आनंद दरबार ‘पूना’ में सलाहकार दिनेष मुनि ने कहा -
पांच श्राविकाओं की नौ उपवास की पच्क्खावणी संपन्न हुई।
पूना: 27 अगस्त 2017
क्षमा के बिना जीवन जीवन नहीं है। मानव जीवन का सार क्षमा में समाया है। क्षमा का सुधा रस जीव मात्र को आनन्द आहलाद सौंपता है। जिसने क्षमा के सद्गुण को अपना लिया उसमें सभी सद्गुण स्वतः समाहित हो जाते है। संवत्सरी पर्व के पुण्य पलों में मैं खमत खामणा करता हूं। उपरोक्त विचार श्रमण संघीय सलाहकार दिनेश मुनि ने रविवार को श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन महासंघ पूना के कात्रज स्थित ‘आनंद दरबार’ में ‘सामूहिक क्षमापना’ दिवस पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किये।
सलाहकार दिनेश मुनि ने सभी से खमत.खामणा करते हुए कहा पूना महासंघ श्राविका संघ, युवाक युवती संघ से मैं खमत खामणा करता हूं। आप सभी ने तप.जप साधना से सर्वोत्तम पर्वाराधना की है। पूना महासंघ की धर्म रुचि गौरव करने जैसी है। आपकी यही निर्मल भावना निरन्तर प्रवर्धमान रहे।
आगे कहा जिसके पास क्षमा रूपी शास्त्र है उसका कोई शत्रु नहीं होता। डॉ. द्वीपेन्द्र मुनि ने कहा क्षमा पर्व पाप परालए मन का मैल मिटाने के लिए गंगाजल है। श्रमण डॉ. पुष्पेन्द्र ने कहा कि क्षमा से बड़ा कोई तीर्थ व्रत नियम नहीं। क्षमा मानव मूल्यों की जननी भव तरणी है।
पूना के आनंद दरबार के खचाखच भरे पाण्डाल में उपस्थित श्रावक.श्राविकाओं ने जब सम्वेत स्वर में खमत.खामणा शब्द का उचारण किया तो समूचा पाण्डाल क्षमामयी हो गया। सभा का संचालन संघपति बालासाहब धोका व पंकज बाफन ने किया। आज के पावन अवसर पर नौ उपवास के नियम प्रवचन सभा में करिष्मा ओस्तवाल, प्रीति छल्लानी, मंगलाबाई तातेड़, अष्विनी मंडलेचा, मयूरी भंडारी ने नियम ग्रहण किये।
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