27.02.2018 ►SS ►Sangh Samvad News

Published: 27.02.2018
Updated: 28.02.2018

Update

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*28/02/18* दक्षिण भारत मे मुनि वृन्द, साध्वी वृन्द का सम्भावित विहार/ प्रवास
दर्शन सेवा का लाभ ले
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी* *के आज्ञानुवर्ति मुनिश्री सुव्रत कुमार जी ठाणा* 2
का प्रवास
*Jain Sthanak*
*सत्वाचारी*
बेगलौर- चेन्नैइ रोड
☎9108075692,9443006584
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री रणजीत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*जैन मन्दिर*
*रामनगर* (कर्नाटक)
Mysore - Bangalore Road
☎9448385582,9900946634
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*मुनि श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी ठाणा 3* का प्रवास
*Jain Bhawan*
*Thirukalikundram*
☎8107033307,9840130409
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य डॉ *मुनि श्री अमृत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*जैन भवन*
*तिरुनामलाई*
☎9566296874,9655246521
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के*
*सुशिष्य मुनि श्री रमेश कुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*विजयनगरम्*
भुवनेश्वर -विशाखापट्नम् रोड
☎8085400108,7000790899
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री प्रशान्त कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*ranjeeth ji bhandari ke ghar Chandrathil road edapally ernakulam viraj rahe h* (केरल) ☎9672039432,7907269421
9246998909
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री सुधाकर जी एवं मुनि श्री दीप कुमार जी का प्रवास*
सुबह का प्रवास
*नाट्रमपल्ली छत्रम विहार 12.5 km*
शाम का प्रवास
*शुगरमील के पास विहार 6.5 km* (तमिलनाडु)
बैगलौर = चैनैइ रोड
☎7821050720,9558651374
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री विद्यावती जी 'द्वितिय' ठाणा ५* का प्रवास
*वेपुर से 10 km का विहार करके महावीर जी बाफना के निवास स्थान वालाजापेट पधारेगे*(तमिलनाडु)
बैगलोर - चेन्नेइ हाईवे
☎8890788494
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या "शासन श्री" साध्वी श्री यशोमती जी ठाणा 4* का प्रवास
*राजेश जी श्यामसुखा के निवास स्थान पर*
*भारती नगर विजयवाड़ा*
☎7297958479,7044937375
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री कंचनप्रभा जी ठाणा 5* का प्रवास
*अर्हम् भवन विजयनगर*
Bangalore (कर्नाटक)
☎7624946879,
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री राकेश कुमारी जी (बायतु) ठाणा 4* का प्रवास
*फक्शन हाल KORNUM*
भुवनेश्वर- विशाखापट्नम् रोड
☎8917477918,9959037737
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री विमल प्रज्ञा जी ठाणा 19* का प्रवास
*CRM फक्शन हाल*
*विशाखापट्नम्*
☎9051582096,9123032136
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री काव्यलता जी ठाणा 4* का प्रवास
*Binny Mills Villa No 10 North Town*
*Chennai* (तमिलनाडु)
☎8428020772,9444052840
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री प्रज्ञा श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*maheshwari marbles & Granites korraty kerala se vihaar Kar ke sndp chalakudy kerala padharenge*
☎8875762662,9246998909
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिस्या साध्वी श्री सुर्दशना श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*पारस गार्डन रायचुर*
☎9845123211
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*संघ संवाद+संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री लब्धि श्री जी ठाणा 3 का प्रवास*
*महेन्द्र जी दक के निवास स्थान पर*
*टी नरसिहपुर* (कर्नाटक)
☎9601420513,
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*संध संवाद*+ *संध संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री मघुस्मिता जी ठाणा 6* का प्रवास
*तेरापंथ सभा भवन*
*गॉधीनगर Bangalore* (कर्नाटक)
☎7568917268
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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प्रस्तुति:- 🌻 *संघ संवाद* 🌻

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👉 सचिन (सूरत) - बने श्रेष्ठ अभिभावक सेमिनार
👉 सचिन (सूरत) - प्रतिक्रमण जागरुकता कार्यशाला
👉 सोलापुर - प्रतिक्रमण जागरुकता कार्यशाला
👉 कोप्पल - अभातेमम पदाधिकारीयों की संगठन यात्रा
👉 सेलम - प्रतिक्रमण जागरूक कार्यशाला का आयोजन
👉 साउथ हावड़ा - निर्माण एक नन्हा कदम स्वच्छता की ओर
👉 हिरियुर - प्रतिक्रमण जागरूक कार्यशाला का आयोजन

प्रस्तुति: 🌻 *संघ संवाद*🌻

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News in Hindi

👉 जयपुर - शासन स्तंभ श्रद्धेय मंत्री मुनि श्री के दर्शनार्थ पहुंचे राष्ट्रीय सेवक संघ के पदाधिकारी
👉 सूरत - आध्यात्मिक मिलन
👉 राजराजेश्वरी नगर (बेंगलुरु) - भगवान महावीर चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित
👉 चिकमगलूर - महावीर चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन
👉 पीलीबंगा - श्री उत्सव मेला
👉 कोयम्बत्तूर - भगवान महावीर चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन
👉 पचपदरा - अभातेमम की राष्ट्रीय स्तरीय संगठन यात्रा
👉 हिसार - होली के रंग अध्यात्म के संग कार्यक्रम
👉 जलगांव - प्रतिक्रमण जागरुकता कार्यशाला
👉 गदग - अभातेमम की राष्ट्रीय स्तरीय संगठन यात्रा

प्रस्तुति: 🌻 *संघ संवाद*🌻

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त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण भाव के उत्तम उदाहरण तेरापंथ धर्मसंघ के श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।

📙 *'नींव के पत्थर'* 📙

📝 *श्रंखला -- 93* 📝

*उत्तमचंदजी बैंगानी*

*समाज मान्य व्यक्ति*

उत्तमचंदजी बैंगानी बीदासर के एक धनी मानी एवं समाज मान्य व्यक्ति थे। उनका निवास स्थान 'पुरानी पोल' में था। वे बिदासर के उन चार प्रसिद्ध और प्रथम श्रावकों में थे, जिन्होंने पाली में जाकर आचार्य ऋषिराय से थली में पधारने की प्रार्थना की थी। उनका जीवन काल संवत् 1860 से 1936 के लगभग का कहा जाता है। वे निर्भीक स्वभाव वाले तथा बात की गहरी पकड़ वाले व्यक्ति थे। व्यापार के क्षेत्र में भी बड़े निपुण और सूझ-बूझ वाले व्यक्ति थे। वे अपने समय के अग्रणी व्यक्ति माने जाते थे। सुदूर असम प्रांत के ग्वालपाड़ा नगर में उनका व्यापार था।

*हीरा कुएं में*

एक बार उत्तमचंदजी किसी कार्यवश जयपुर गए। वहां उन्होंने एक हीरा खरीदा। वह बहुत चमक वाला था, पर उसमें एक लाल धब्बा था। कहा जाता है कि धब्बे वाला हीरा अशुभ होता है। संयोग ऐसा मिला कि हीरा खरीदने के पश्चात् शीघ्र ही उनके इकलौते पुत्र भैरूंदासजी का देहावसान हो गया। यद्यपि मृत्यु का अपना निश्चित उपादान होता है, फिर भी निमित्त को नगण्य कहकर बिल्कुल उपेक्षित नहीं किया जा सकता। इसीलिए उस हीरे की अशुभता से सभी के मन शंकित हो गए। हितैषियों ने परामर्श दिया कि इसे यथाशीघ्र बेच देना चाहिए। घर में रहने से अन्य अनिष्टों की संभावना रह सकती है।

उत्तमचंदजी भी हीरे को रखना नहीं चाहते थे। परंतु उसे बेचना उनके लिए कठिन हो गया। उनकी नीतिमत्ता और धार्मिकता कहती थी कि जिस हीरे के कारण तुम्हें पुत्र शोक का सामना करना पड़ा उसे बेचकर क्या तुम दूसरों के घर भी पुत्र शोक या वैसा ही कोई अन्य संकट भेजना चाहते हो? आखिर उन्होंने तीसरा ही मार्ग निकाला। हीरे को उन्होंने न अपने ही घर रखा और न किसी को बेचा। उन्होंने उसे कुएं में डलवा दिया। दूसरों की पीड़ा में हेतु बनने की अपेक्षा हजारों रुपयों का घाटा सह लेना उन्हें कहीं अधिक अच्छा लगा।

*श्रावक उत्तमचंदजी बैंगानी के जीवन में आगे और क्या-क्या घटित हुआ...?* जानेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
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जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।

📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य'* 📙

📝 *श्रंखला -- 269* 📝

*मुक्ति-दूत आचार्य मानतुंग*

*जीवन-वृत्त*

गतांक से आगे...

उस समय वाराणसी में राजा हर्षदेव का राज्य था। निष्कलंक चरित्र का धनी विद्वद्शिरोमणि हर्षदेव विद्वानों और कविजनों का विशेष आदर करता था। वेद, वेदांग के पारगामी विद्वान् मयूर और बाण नामक कवियों की चामत्कारिक विद्याओं के कारण राजा हर्षदेव की सभा में सम्मान था। पुरातन प्रबंध संग्रह एवं प्रभावक चरित्र के अनुसार मयूर श्वसुर था, बाण कवि दामाद था। प्रबंध चिंतामणि के अनुसार कवि बाण और मयूर साला बहनोई थे। किसी कारणवश बेटी या बहन द्वारा दिए गए अभिशाप से पिता अथवा भ्राता को कुष्ठ रोग हो गया। वस्त्र से शरीर को ढककर कवि मयूर राज सभा में उपस्थित हुआ, तब बहनोई बाण ने उनका उपहास किया। राजसभा में हुए अपमान से कवि मयूर दुःखी हुआ। वह घर आया। सूर्योपासना में बैठा। शार्दुलवृत्त में श्लोक रचना कर बोलने लगा। पांचवें श्लोक की रचना पूर्ण करते समय उसका कुष्ठरोग शांत हो गया। उसके बाद उसने सूर्य स्तुति में शतक काव्य के रूप में पूर्व रचित पांच श्लोक सहित सौ पद्यों की रचना की। चण्डीशतक की रचना द्वारा चण्डीदेवी को प्रसन्न करने से बाण कवि के विच्छिन्न हाथ पैर यथोचित स्थान पर जुड़ गए।

हर्षदेव इन दोनों विद्वानों के मंत्र प्रयोगों से प्रभावित हुआ और बोला "आज चामत्कारिक विद्याओं का धनी ब्राह्मण वर्ग है। इनका अतिशय प्रभाव प्रत्यक्ष दिखाई दे रहा है। किसी संप्रदाय में इन जैसा प्रभावक व्यक्ति हो तो मुझे सूचित करें।"

राजा हर्षदेव का मंत्री जैन था। उसने राजा से नम्र निवेदन किया "भूमिनाथ! यह धरा रत्नगर्भा है। इसके गर्भ में बहुमूल्य रत्नों के भंडार भरे हैं। जैनों का भी चामत्कारिक विद्याओं पर आधिपत्य है। जैन विद्वान् प्रभाव संपन्न श्वेतांबराचार्य मानतुंग आपकी नगरी में विराजमान हैं। आपकी जिज्ञासा को पूर्ण करने में वे समर्थ हैं। आप उनको आदर सहित आमंत्रित करें।" राजा ने मंत्री को उन्हें सम्मानपूर्वक बुला लाने का निर्देश दिया। मंत्री ने आचार्य मानतुंग के पास जाकर समग्र स्थिति से उन्हें अवगत किया और कहा "कृपा कर आप अपने चरणों से राजप्रांगण को पवित्र करें और चामत्कारिक विद्या के प्रयोग का प्रदर्शन करें।" आचार्य मानतुंग बोले "समग्र सांसारिक कामनाओं से मुक्त मुनियों को इस प्रदर्शन से कोई प्रयोजन नहीं है।" मंत्री ने प्रार्थना की "मैं जानता हूं आप निस्संग और अनासक्त हैं। परंतु जैन धर्म की प्रभावना का प्रश्न प्रमुख है।" मंत्री की युक्ति संगत प्रार्थना को स्वीकार कर मानतुंग राजसभा में पहुंचे और सब को धर्म लाभ देकर उचित स्थान पर बैठ गए। राजा हर्षदेव ने सम्मुखासीन आचार्य मानतुंग से कहा "संत-श्रेष्ठ! इस पृथ्वी पर ब्राह्मण प्रभावशाली हैं।

*एकेन सूर्यमाराध्य स्वांगाद्रोगो वियोजितः।*
*अपरश्चंडिकासेवावशाल्लेभे करक्रमौ।।*

एक ब्राह्मण पंडित ने सूर्य की आराधना कर अपने शरीर से कोढ़ जैसे महारोग को नष्ट कर दिया। दूसरे पंडित के विच्छिन्न हाथ-पैर चण्डिका देवी की उपासना करने से यथोचित स्थान पर जुड़ गए। ये अतिशय प्रभावी विद्वान् ब्राह्मण आपके सामने हैं। अब आप भी अपनी मंत्र विद्या का प्रभाव प्रदर्शित करें।"

*मुक्ति-दूत आचार्य मानतुंगसूरि ने राजा हर्षदेव की इस बात का क्या जवाब दिया और उसका राजा पर क्या प्रभाव पड़ा...?* जानेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
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👉 *"अहिंसा यात्रा"* के बढ़ते कदम..

👉 *पूज्यप्रवर अपनी धवल सेना के साथ विहार करके "कांटाबाजी" पधारेंगे..*

👉 *आज का प्रवास: कांटाबाजी, जिला - बलांगीर (ओड़िशा)*

दिनांक: 27/02/2018

प्रस्तुति: 🌻 *संघ संवाद* 🌻

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👉 प्रेक्षा ध्यान के रहस्य - आचार्य महाप्रज्ञ

प्रकाशक - प्रेक्षा फाउंडेसन

📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए

🌻 *संघ संवाद* 🌻

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https://goo.gl/maps/xKJSETR3mky

👉 *पूज्यप्रवर के मंगल सन्निधि से..*

👉 *आज प्रातः काल का मनोहारी दृश्य..*

👉 *श्याम राइस मिल, सलण्डी* जिला - बलांगीर (ओड़िशा)..

प्रस्तुति: 🌻 *संघ संवाद* 🌻

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👉 लक्ष्मीनगर, दिल्ली - तिविहार संथारा प्रत्याख्यान

प्रस्तुति -🌻 *संघ संवाद* 🌻

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Sources

Sangh Samvad
SS
Sangh Samvad

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  1. Bangalore
  2. Chalakudy
  3. Kerala
  4. Mysore
  5. आचार्य
  6. आचार्य महाप्रज्ञ
  7. दर्शन
  8. भाव
  9. महावीर
  10. सोलापुर
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